उज्जैन

उज्जैन: मंत्री ने कान्ह डक्ट की टनल में उतरकर परखी काम की गुणवत्ता

मंत्री ने किया सिंहस्थ कार्यों का निरीक्षण

उज्जैन: जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल और अन्य अधिकारियों ने शुक्रवार को सिंहस्थ 2028 की तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कान्ह डक्ट व चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और अधिकारियों को गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान जल संसाधन मंत्री सिलावट ने कहा कि सिंहस्थ 2028 मध्य प्रदेश को एक नई अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाएगा। उन्होंने कहा कि कान्ह डायवर्जन क्लोज डक्ट परियोजना जैसी अद्भुत परियोजना से शिप्रा नदी को स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा कि उनकी मेहनत से उज्जैन विकास की नई इबारत लिखेगा।

30 मीटर नीचे टनल का निरीक्षण

मंत्री सिलावट, प्रभारी मंत्री टेटवाल और विधायक सतीश मालवीय ने 30 मीटर गहरी टनल में उतरकर निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना मां शिप्रा को निर्मल और स्वच्छ बनाएगी। उन्होंने अधिकारियों को टनल में किसी भी प्रकार का लीकेज न होने देने और एपॉक्सी केमिकल का गुणवत्ता जांच के बाद ही उपयोग करने का निर्देश दिया।

2400 करोड़ की परियोजनाएं निर्माणाधीन

जल संसाधन विभाग द्वारा सिंहस्थ 2028 के लिए 2400 करोड़ रुपए की परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिन्हें जून 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इनमें कान्ह नदी के दूषित जल को शहर से बाहर करने के लिए 919.94 करोड़ की लागत से 18.5 किलोमीटर के कट/कवर और 12 किलोमीटर की टनल का निर्माण शामिल है। इसके अलावा, सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी मध्यम सिंचाई परियोजना के तहत 614.53 करोड़ रुपए से कार्य किया जा रहा है, जिससे शिप्रा नदी में निरंतर जल प्रवाह बना रहेगा।

श्रमिकों का सम्मान

कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना स्थल पर मंत्री सिलावट और मंत्री टेटवाल ने श्रमिकों से मिलकर उनका मुंह मीठा कराया। उन्होंने श्रमिकों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछा, जिस पर उन्होंने बताया कि सभी सुरक्षा मानकों के साथ काम हो रहा है और वेतन भी समय पर मिल रहा है।

घाटों का निर्माण और श्रद्धालुओं की सुविधा

सिंहस्थ के दौरान श्रद्धालुओं को स्वच्छ जल में स्नान कराने के लिए क्षिप्रा नदी पर जल संसाधन विभाग 09 बैराजों (उज्जैन में 1, इंदौर में 1 और देवास में 7) का निर्माण कर रहा है। इसके साथ ही, कान्ह नदी पर भी 11 बैराजों (उज्जैन में 5 और इंदौर में 6) का निर्माण चल रहा है। इन सभी बैराजों का निर्माण लगभग 84.78 करोड़ रुपए की लागत से हो रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरुवार को भोपाल में हुई समीक्षा बैठक में बताया कि क्षिप्रा नदी पर 778.91 करोड़ रुपए की लागत से 30 किलोमीटर लंबे घाटों का निर्माण किया जा रहा है। इन घाटों के बनने से सिंहस्थ के दौरान एक दिन में लगभग 5 करोड़ श्रद्धालु स्नान का पुण्य लाभ प्राप्त कर सकेंगे।

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