अध्यात्म

बांके बिहारी कॉरिडोर के लिये 500 करोड़ रुपए से जमीन खरीदने की तैयारी

बांके बिहारी कॉरिडोर को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी, मंदिर के खजाने से लिया जाएगा पैसा, भगदड़-धक्का मुक्की की परेशानी से मिलेगी निजात

वृंदावन में बांके बिहारी कॉरिडोर Banke Bihari Corridor बनाने मामला साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने कॉरिडोर के लिये मंदिर के आसपास बांके बिहारी मंदिर के खजाने से जमीन खरीदने की अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई 2025 को कॉरिडोर बनाने की मंजूरी दे दी। कॉरिडोर 5 एकड़ में जमीन में बनेगा और करीब 500 करोड़ रुपए का इस पर खर्च आयेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को मंदिर के पास 5 एकड़ जमीन मंदिर के खजाने के 500 करोड़ रुपए से कॉरिडोर के लिए जमीन अधिगृहीत करने की इजाजत दी। अधिगृहीत भूमि भगवान बांके बिहारी के नाम पर पंजीकृत होगी। उत्तरप्रदेश सरकार बांके बिहारी कॉरिडोर बनाने के लिए मंदिर के खजाने के रुपयों से जमीन खरीदना चाहती थी। लेकिन, मंदिर के गोस्वामियों ने इसका विरोध कर दिया और मामला इलाहाबाद हाइकोर्ट पहुंच गया। बांके बिहारी कॉरिडोर के निर्माण मामले में 20 नवंबर, 2023 को हाईकोर्ट ने यूपी सरकार की याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने कहा था- कॉरिडोर का निर्माण हो, लेकिन इसमें मंदिर के खजाने में जमा रुपये का इस्तेमाल न करें। सरकार अपने स्तर से इसका खर्च उठाए। वहीं, प्रदेश सरकार का कहना था कि अगर हम अपने खर्च से जमीन खरीदेंगे तो उस पर सरकार का मालिकाना हक होगा। इस तरह कॉरिडोर के निर्माण पर खर्च करने पर उस पर भी सरकार का अधिकार होगा। कॉरिडोर को मंदिर से क्लब किया जा सके और मंदिर प्रबंधन कमेटी इसका संचालन कर सके, इसके लिए जरूरी है कि मंदिर फंड से ही कॉरिडोर का निर्माण कराया जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने हर स्थिति कर दी साफ

बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट में ईश्वर चंद्र शर्मा ने याचिका दाखिल की थी। इसमें दो मुद्दे रखे गए थे। पहला- रिसीवर को लेकर, दूसरा- कॉरिडोर निर्माण को लेकर। इन दोनों मुद्दों पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को बदल दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 15 मई 2025 को दिए आदेश में कहा कि मंदिर के खजाने से कॉरिडोर की जमीन खरीदने के लिए पैसा लिया जा सकेगा। सरकार को जमीन मंदिर के नाम लेनी होगी। सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट सार्थक चतुर्वेदी ने बताया कि सरकार सिर्फ जमीन खरीदने के लिए बांके बिहारी मंदिर के खजाने से पैसा ले सकती है।

450 करोड़ रुपए हैं बांके बिहारी मंदिर के खजाने में

बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर बनाने के लिए 500 करोड़ रुपए खर्च होगा। यह खर्च भूमि अधिग्रहण के लिए किया जाएगा। बांके बिहारी मंदिर के खजाने में करीब 450 करोड़ रुपए हैं। इसी धनराशि से कॉरिडोर के लिए जमीन खरीदी जाएगी। इस जमीन को अधिगृहीत करने में जिनके मकान और दुकान आएंगे, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा।

अधिवक्ता को अब मंदर में रिसीवर नहीं बना सकते

गुरुवार 15 मई 2025 सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि मथुरा-वृंदावन Mathura-Vrindavan के मंदिरों में अब अधिवक्ता रिसीवर नहीं बन सकेंगे। एक ऐसा रिसीवर नियुक्त किया जाए जो मंदिर के प्रबंधन से जुड़ा हो, जिसका धार्मिक झुकाव हो। वह वेदों- शास्त्रों का अच्छी तरह से ज्ञान रखता हो। साथ ही वैष्णव संप्रदाय से जुड़ा हुआ हो। जिला प्रशासन और अधिवक्ताओं को मंदिर प्रबंधन से दूर रखा जाना चाहिए। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच न्यायाधीश बेला त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा ने दिया।

सरकार के मुताबिक कॉरिडोर जरूरी क्यों

  • साल 2022 में जन्माष्टमी पर बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती के दौरान भीड़ के चलते दम घुटने से 2 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। 8 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हो गए थे। इसके बाद प्रदेश सरकार ने 2 सदस्यीय कमेटी बनाई थी। हादसे की जांच के साथ श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने के बारे में रिपोर्ट मांगी। पूर्व DGP सुलखान सिंह की अध्यक्षता में कमेटी बनी, जिसने रिपोर्ट में श्रद्धालुओं की भीड़ देखते हुए कॉरिडोर बनाने की बात कही थी।
  • उत्तरप्रदेश सरकार ने साल 2022 में हाईकोर्ट में कहा था कि भीड़ को कंट्रोल करने, मंदिर में भक्तों के लिए बेहतर होल्डिंग एरिया और कॉरिडोर बनाने के लिए मंदिर के नाम पर अतिरिक्त 5 एकड़ जमीन खरीदने के लिए कदम उठा रही है।
  • प्रदेश सरकार को मंदिर परिसर के भीतर मैनेजमेंट में कोई दिलचस्पी नहीं है। वह सिर्फ भक्तों की सुविधा चाहती है। यूपी सरकार सीधे मंदिर के अंदर जाने में दिलचस्पी नहीं रखती। वह मंदिर पर कोई मालिकाना हक नहीं चाहती।
  • कोर्ट में यूपी सरकार ने कहा कि रोज 40-50 हजार श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने आते हैं। वीकेंड पर यह आंकड़ा डेढ़ से 2 लाख और त्योहारों के दौरान 5 लाख से ज्यादा हो जाता है।
  • बांके बिहारी मंदिर करीब 2000 वर्ग गज में बना हुआ है। यहां का अधिकांश हिस्सा प्रयोग में ही नहीं आ रहा। मंदिर के चबूतरे पर रेलिंग इस तरीके से लगाई गई हैं कि श्रद्धालु सीधे मंदिर के अंदर जाएं और गेट नंबर 1 से बाहर आएं। यहां करीब 60% हिस्सा खाली पड़ा हुआ है।

बांके बिहारी कॉरिडोर की विशेषताएं

  • कॉरिडोर का निर्माण 5 एकड़ की भूमि में किया जाएगा। इसके रास्ते में आने वाले भवनों और संपत्तियों का अधिग्रहण किया जाएगा।
  • कॉरिडोर को दो हिस्सों में विकसित किया जाएगा, एक निचला हिस्सा और एक उससे कुछ ऊपर का हिस्सा, जिस पर जाने के लिए रैंप होगा।
  • कॉरिडोर का निर्माण काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर करने की योजना है । जो मंदिर और नदी को जोड़ेगा ।
  • यहां जूता घर, सामान घर, प्रसाधन, पेयजल सुविधा, शिशु देखभाल कक्ष, चिकित्सा कक्ष, VIP कक्ष और तीर्थयात्रियों के लिए प्रतीक्षालय होगा।
  • कॉरिडोर से मंदिर परिसर में भीड़ को नियंत्रित करने और व्यवस्थित करने में मदद मिलेगी।
  • यह कॉरिडोर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा और मथुरा- वृंदावन को वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने में मदद करेगा।

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