उज्जैन

अपने ही थाने में ही रंगे हाथ धरी गई …

धमका रही थीं तुम सट्टा करो और हमें भी माल दो, लोकायुक्त ने धरदबोचा

समाचार आज। उज्जैन

उज्जैन लोकायुक्त पुलिस की टीम ने आगर जिले के कानड़ में थाना प्रभारी मुन्नी सिंह परिहार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। लंबे वक्त तक उज्जैन में भी महिला थाने में पदस्थ रही मुन्नी सिंह परिहार के खिलाफ भ्रष्टाचार की पहले भी कई शिकायतें हो चुकी थी। कानड़ में एक सटोरिए से उन्होंने 29 हजार रूपए की मांग की थी।

उज्जैन लोकायुक्त पुलिस की टीम सोमवार की सुबह करीब 11 बजे कानड़ थाने पर पहुंची और यहां थाना प्रभारी मुन्नी सिंह परिहार को 29 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। थाने में थाना प्रभारी मुन्नी सिंह परिहार के पास से रिश्वत की रकम जब्त की गई, नोटो पर जो केमिकल लगा था, उससे हाथ धुलवाने पर उनके हाथों का रंग गुलाबी हो गया।

उज्जैन संभाग का संभवत: यह पहला मामला है, जब एक टीआई को उसी के थाने में गिरफ्तार किया गया है। मुन्नी सिंह परिहार के खिलाफ कानड़ के ही एक अनाज व्यापारी ने लोकायुक्त को शिकायत की थी। अनाज व्यापारी रीतेश सिंह राठौड़ का पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण की वजह से अनाज का कारोबार नहीं चल रहा था लिहाजा उसने सट्‌टा खिलाना शुरू कर दिया था। थाना क्षेत्र में सट्‌टा करने के एवज में थाना प्रभारी मुन्नी सिंह परिहार ने रीतेश सिंह से हर महीने 20 हजार रूपए देने की मांग की थी। लंबे वक्त तक रीतेश सिंह हर महीने रिश्वत के रूपए थाना प्रभारी तक पहुंचाता भी रहा। अब रीतेश ने सट्‌टे का कारोबार बंद कर दिया है, इसके बावजूद मुन्नी सिंह परिहार उससे हर महीने 20 हजार रूपए मांग रही थी। पिछले महीने भी रीतेश सिंह ने थाना प्रभारी को 11 हजार रूपए रिश्वत दी थी। नया महीना आया तो थाना प्रभारी फिर नई डिमांड करने लगी। रीतेश सिंह परेशान हुआ तो उसने उज्जैन में कोठी पैलेस स्थित लोकायुक्त कार्यालय पर एसपी अनिल विश्वकर्मा से मुलाकात की। एसपी ने डीएसपी राजकुमार श्राफ से पूरे मामले की जांच करवाई, रीतेश के आरोप सही निकले। इसके बाद लोकायुक्त ने थाना प्रभारी मुन्नी सिंह परिहार को ट्रेप करने की योजना तैयार की।

मुन्नी सिंह परिहार रीतेश से ताजा महीने के 20 हजार रूपए और पिछले महीने के बकाया 9 हजार यानि कुल 29 हजार रूपए मांगने के लिए लगातार फोन कर रही थी। लोकायुक्त टीम की तय प्लानिंग के अनुसार सोमवार सुबह रीतेश सिंह लोकायुक्त द्वारा उपलब्ध कराए गए 29 हजार रूपए के केमिकल लगे नोट लेकर कानड़ थाने पर पहुंचा। उसने जैसे ही रूपए थाना प्रभारी मुन्नी सिंह परिहार को सौंपे और लोकायुक्त टीम को ईशारा किया, तत्काल ही लोकायुक्त डीएसपी सुनील तालान, टीआई राजेंद्र वर्मा और उनकी टीम ने मुन्नी सिंह परिहार को ट्रेप कर लिया। रीतेश सिंह राठौर का आरोप है कि टीआई उस पर इस बात के लिए लगातार दबाव बना रही थी कि वह सट्‌टा बंद नहीं करे और थाने पर भी रूपए लगातार पहुंचाता रहे।

उज्जैन में भी चर्चित रही कारगुजारियां

टीआई मुन्नी परिहार उज्जैन में भी पदस्थ रहीं है। उन्होंने यहां महिला थाना प्रभारी का कामकाज भी संभाला है, लेकिन अपनी आदतों के कारण वे पहले भी अधिकारियों के गुस्से का शिकार हुई है। ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतने की आदत के कारण उन्हें तत्कालीन एसपी सचिन अतुलकर ने लाइनअटैच किया था।  महाशिवरात्रि के मौके पर उनकी महाकाल मंदिर में ड्यूटी लगी थीं, लेकिन वे अपने प्वाइंट से नदारद थी, इस कारण उन्हें लाइन अटैच किया गया। इसी प्रकार एक अन्य मामले में आईजी राकेश गुप्ता ने उन्हें सस्पैंड किया था। परिहार जब महिला थाना प्रभारी थीं, उस वक्त उन्होंने आरोपी से रुपए लेकर महिला की शिकायत दर्ज नहीं की थी। इस मामले में आईजी गुप्ता ने उन पर कार्रवाई की थी। लंबी जांच प्रक्रिया के बाद परिहार का उज्जैन से ट्रांसफर हो गया था।

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