उज्जैन की राजनंदिनी के हत्यारों पर अब कानून का वार

आरोपी बहन-भाई और प्रेमी को मिली पुलिस रिमांड, मां को भेजा जेल, घर भी टूटा, वकील नहीं करेंगे शैतानों की पैरवी
पड़ोसी युवक ने बुरी नीयत से बुलाया और मुंह दबाकर मार डाला, बहन ने साजिश रचकर डूबाया होद में, प्रेमी से फिकवाया शव मॉ की मौजूदगी में
समाचार आज @ उज्जैन
मध्यप्रदेश के उज्जैन की चार बर्षीय मासूम राजनंदिनी की हत्या के आरोपियों पर अब कानून का शिकंजा शुरू हो गया है। 9 जून शुक्रवार को घटना के आरोपी रानू, उसका भाई विजय और भाई का दोस्त विक्की ठाकुर को न्यायाधीश माननीय शशिकांत वर्मा ने पुलिस रिमांड पर सौंपा है। जबकि रानू की मां मिलन बाई को जेल भेजा है। इस न्यायालयीन प्रक्रिया के बाद नगर निगम ने पुलिस व प्रशासन की मौजूदगी में आरोपी रानू के घर को तोड़ने की कार्रवाई भी की।

जैसे ही लोगों को पता चला कि बच्ची के हत्यारों को आज में पेश किया जायेगा तो कोर्ट परिसर में लोगों की भीड़ लग गई। इस कारण सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स कोर्ट में तैनात किया गया। बाद में जन आक्रोश को देखते हुए पुलिस कंट्रोल रूम स्थित सीएसपी कार्यालय को अस्थाई कोर्ट बनाया गया। न्यायधीश माननीय शशिकांत वर्मा स्वयं पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे। वहीं मौके पर एसपी सचिन शर्मा भी मौजूद रहे। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और एक आरोपी को जेल भेजा दिया है। जबिक, तीन को पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।

हम आपको बता दें कि कमल कालोनी निवासी केटरिंग का काम करने वाले राम सिंह राणा की मासूम बेटी राजनंदिनी उर्फ नन्नू मंगलवार 6 जून दोपहर को घर के बाहर अपनी बड़ी बहन स्वाति के साथ खेल रही थी। इस दौरान बच्ची की माँ घर में काम कर रही थी। करीब तीन बजे तक बच्ची को देखा गया उसके बाद से वो गायब है। इस मामले में जांच के बाद सामने आया कि पड़ोसी विजय उसे बुरी नीयत से घर में ले गया, जहां उसकी हरकतों के दौरान राजनंदिनी चिल्लाई तो विजय ने उसका मुंह दबा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। विजय की 9 वर्षीय बहन रानू ने पूरा मामला देखा तो मां मिलनबाई के साथ मिलकर इसे हादसा देने की कोशिश की और इस तरह साजिश रची की पकड़े भी जायें तो राजनंदिनी की मौत का कारण पानी की होद में गिरना बताया जाये। बाद में रानू ने विजय के दोस्त विक्की ठाकुर की मदद से राजनंदिनी की लाश बोरे में भरकर वाल्मीकि धाम के नजदीक एक नाले के पास फिंकवा दी। लेकिन जांंच के बाद घटना परत-दर परत खुलती गई औैर अब सभी हत्यारे कानून के शिकंजे में हैं।
वकील नहीं करेंगे आरोपियों की पैरवी
शुक्रवार को उज्जैन के वकीलों ने तय किया है कि उनमें से कोई भी राजनंदिनी की हत्या के आरोपियों की पैरवी नहीं करेगा। अभिभाषक संघ के अध्यक्ष अशोक यादव ने कहा कि इस मासूम की जघन्य अपराध के मामले में पूरा अभिभाषक संघ पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है और इन्हें कड़ी सजा भी दिलाई जाएगी इसी के तहत कोई भी वकील इनकी पैरवी नहीं करेगा यदि कोई भी वकील इनकी पैरवी करता पाया गया तो उस पर अभिभाषक संघ कार्यवाही करेगा।
यह है पूरा मामला
चिमनगंज थाना स्थित कमल कॉलोनी क्षेत्र की 6 जून को लापता हुई चार वर्षीय बालिका राजनंदिनी का शव 8 जून की शाम वाल्मिकी धाम के पास नाले में बोरे में मिला था। हत्या की आशंका के चलते पुलिस ने सीसी टीवी फुटेज के आधार पर शव फेंकने वाले विक्की ठाकुर को पकड़ा। उससे पूछताछ के बाद बालिका के पड़ोसी युवक उसकी बहन व मॉ को हिरासत में लिया। तीनों ने बताया कि बालिका गलती से उनके घर में बनी होद में गिर गई थी। हत्या के आरोप के डर से शव फिकवाया था। पुलिस कुछ हद तक कहानी पर विश्वास कर रही थी। इसी बीच गुरुवार को जिला अस्पताल मे तीन डाक्टर्स की पैनल ने बालिका का पीएम किया। पता चला बालिका की मौत होद में डुबने से नहीं हुई बल्कि मुंह दबाने से हुई है। पीएम रिपोर्ट में हत्या स्पष्ट होने पर पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो हत्या का खुलासा हो गया।
बढ़ सकती है बलात्कार की धारा
पीएम रिपोर्ट के बाद पुलिस ने अपहरण के केस को हत्या में तब्दील करना तय कर चारों की गिरफ्तारी लेना तय कर लिया। लेकिन बालिका से दुष्कर्म का प्रयास हुआ या दुष्कर्म का पता नहीं लगा। यहीं वजह है कि पुलिस बालिका का वैजानाईल स्लाइड टेस्ट करवा रही है। तत्पश्चात आरोपी का डीएनए टेस्ट भी करवाया जाएगा। रिपोर्ट के बाद ही प्रकरण में दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट की भी धारा लग सकती है।
ऐसे बनाई कहानी
पुलिस को पता चला कि आरोपी विजय ने बालिका को बुरी नीयत से घर में बुलाया और फिर मुंह दबाकर मार डाला। बालिका की मौत का पता चलते ही बहन रानू ने उसको डुबना बताने के लिए होद में डुबाया फिर प्रेमी विक्की ठाकुर को बुलाकर शव बोरे में भरकर छत पर रखवा दिया। करीब एक घंटे बाद विक्की आरोपी युवती की एक्टिवा पर बोरे में बंद शव को वाल्मिकी धाम ले गया और नाले में फेंक दिया। इसी दौरान शव ले जाते हुए वह सीसी टीवी कैमरे में कैद हो गया। नतीजतन शव मिलने के बाद पुलिस ने उसे दबोच लिया।
क्षेत्र में फैला आक्रोश
बालिका का शव मिलने और आरोपियों को हिरासत में लेने के बाद ही कमल कॉलोनी क्षेत्र में लोग आक्रोशित हो गए थे। पीएम के बाद सुबह परिजनों ने क्षेत्रवासियों के साथ आगर रोड पर चक्काजाम किया और आरोपियों के घर पर भी हंगामा किया। हालांकि बालिका की मौत को देखते हुए प्रशासन ने पीडि़त परिवार को 50 हजार रुपए और कुछ समाजसेवियों ने भी आर्थिक मदद की है। इधर आरोपियों के मकान तोडऩे की तैयारी शुरू हो गई। इसी के चलते नगर निगम ने आरोपियों के मकान पर अवैध निर्माण का नोटिस चस्पा कर दिया। शुक्रवार शाम को नगर निगम ने पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में मकान तोड़ने की कार्रवाई भी शुरू कर दी थी।
