उज्जैन नगर निगम के पास 10 वकील, कोर्ट में केस 900

महापौर ने वकीलों से पूछा- अब तक कितने केस जीते
उज्जैन, समाचार आज। उज्जैन नगर निगम से जुड़े अलग-अलग कोर्ट में करीब 900 केस लंबित चल रहे है। इन केस को देखने के लिए नगर निगम के पास 10 वकीलों की टीम है। गुरूवार को महापौर मुकेश टटवाल ने विधि विभाग की समीक्षा की और हर वकील की परफार्मेंस रिपोर्ट तैयार करने को कहा। किस वकील ने कितने केस जितवाए, इस पर अधिकारियों से जवाब तलब किया गया है।
नगर निगम हर महीने कोर्ट केस पर फीस के रूप में ही लाखों रूपए भुगतान करता है। नगर निगम के सबसे ज्यादा केस लेबर कोर्ट में चल रहे है और यहीं के सबसे ज्यादा केस नगर निगम ने हारे भी है।
गुरूवार दोपहर में विधि विभाग की समीक्षा के दौरान महापौर मुकेश टटवाल ने कहा कि न्यायालयीन प्रकरणों में लापरवाही, कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संबंधित केस के लिए आयुक्त को भी विषय से अवगत करवाया जाएं। महापौर ने लंबित न्यायालयीन प्रकरणों की जानकारी अधिकारियों से प्राप्त की। समीक्षा बैठक में महापौर द्वारा निर्देशित किया गया कि विधि विभाग द्वारा न्यायालयीन प्रकरणों के लिए वकीलों का कब से नियुक्त किया गया एवं कितने प्रकरणों का फैसला नगर निगम के पक्ष में हुआ है इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
निगम के केस किस स्थिति में है, यह भी बताया जाए। नगर निगम के अकेले लेबर कोर्ट में ही 400 केस लंबित है। इसके अलावा लगभग 200 केस जिला न्यायालय और लगभग 300 केस हाइकोर्ट में लंबित चल रहे है। नगर निगम ने इनके निपटारे के लिए 12 हजार रूपए प्रतिमाह से लेकर 20 हजार रूपए प्रति पेशी तक वकीलों का मानदेय तय किया हुआ है। विधि विभाग की समीक्षा बैठक में एमआईसी सदस्य शिवेंद्र तिवारी, सहायक आयुक्त नीता जैन, पूजा गोयल, अभिलाषा चौरसिया, संतोष शर्मा आदी उपस्थित थे।