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उज्जैन नगर निगम को सरकार अपने अधीन ले, अफसरों का वेतन भी आधा करे

उज्जैन नगर निगम द्वारा आर्थिक तंगी बताकर ठेकेदारों को भुगतान नहीं करने के मामले में हाईकोर्ट ने कहा

उज्जैन नगर निगम की हालत अगर वाकई आर्थिक बदहाल है और तंगी ज्यादा है तो सरकार को उसे अपने अधीन ले लेना चाहिए और नगर निगम के अफसरों का वेतन भी आधा कर देना चाहिए। और अगर ऐसे हालत नहीं है तो फिर ठेकेदार का भुगतान चार सप्ताह में किया जाना चाहिये।

उज्जैन नगर निगम के बारे में यह बात मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने मंगलवार 12 नवंबर 2024 को एक याचिका की सुनवाई के दौरान की है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने उज्जैन नगर निगम को चार सप्ताह में ठेकेदार को पूरा भुगतान करने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने यह तक कहा है कि अधिकारियों का वेतन आधा कर भुगतान किया जाए।

उज्जैन नगर निगम ने चार साल पहले तालाब सौंदर्यीकरण के 70 लाख रुपए नहीं दिये

उज्जैन नगर निगम के ठेकेदार विमल जैन की याचिका पर उनके वकील लक्की जैन ने हाईकोर्ट को बताया कि उन्होंने वर्ष 2020 में उज्जैन नगर निगम के आदेश पर शहर में स्थित गंधर्व तालाब के सौंदर्यीकरण का काम किया था। जिस पर 70 लाख रुपए खर्च हुए थे। लेकिन नगर निगम द्वारा उन्हें भुगतान नहीं किया जा रहा है। कुछ समय बाद नगर निगम ने आर्थिक तंगी बताकर काम बंद करवा दिया, लेकिन तब तक वे 70 लाख रुपए खर्च कर चुके थे। जिसका ठेकेदार को भुगतान नहीं किया गया।

उज्जैन नगर निगम ने पांच सुनवाई तक जबाव ही नहीं दिया

उज्जैन नगर निगम के खिलाफ ठेकेदार विमल जैन द्वारा लगाई गई याचिका में कहा गया है कि काम होने के बाद 2020 से ही पेमेंट नहीं दिया गया है जबकि कार्य संबंधी ऑडिट भी हो गया था। इस कारण उनके द्वारा जनवरी 2024 में याचिका लगाई गई। तब भी फंड की कमी नगर निगम ने बताई। अभी तक 5 सुनवाई हो चुकी है। जवाब नगर निगम की तरफ से फाइल नहीं किया गया। निगम कमिश्नर की तरफ से शपथ पत्र दिया गया। जिसमें फंड की बात कही गई है।

उज्जैन नगर निगम अधिकारी महाकाल की नगरी में अकाल ढा रहे

उज्जैन नगर निगम के ठेकेदार विमल जैन की याचिका पर मंगलवार 12 नवंबर को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस माननीय सुरेश कुमार कैत ने कहा कि ऐसा लगता है महाकाल की नगरी उज्जैन में निगम अधिकारी अकाल ढा रहे हैं। सरकार जांच करें। अगर वास्तव में उज्जैन नगर निगम की आर्थिक स्थिति इतनी बदहाल है कि वह ठेकेदार को भुगतान नहीं कर पा रहा है तो सरकार इसे अपने अधीन ले ले।

उज्जैन नगर निगम के अधिकारियों का वेतन आधार कर दिया जाए

उज्जैन नगर निगम के खिलाफ लगाई गयी याचिका में सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस माननीय सुरेश कुमार कैत ने अपने फैसले में कहा कि जब तक ठेकेदार को भुगतान नहीं हो जाता तब तक अधिकारियों का वेतन आधा कर दिया जाए। नगर निगम चार सप्ताह में ठेकेदार को पूरा भुगतान करें। वरना उज्जैन नगर निगम कमिश्नर के खिलाफ अवमानना का मामला चलेगा। अगर सही में फंड की कमी है तो शासन मामले की देखरेख करे और नगर निगम को अपने अधिग्रहण में ले ले।

हरिओम राय @ उज्जैन

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