उज्जैन में नरवाई की आग ने उजाड़ा आश्रम, पौधे जलकर खाक

सिंहस्थ क्षेत्र में आग फैलने की घटना से मचा हड़कंप
समाचार आज। उज्जैन
उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर के पास शुक्रवार दोपहर आगजनी का एक बड़ा हादसा हो गया। जिसमें एक आश्रम में लगे करीब बीस हजार रुपए से अधिक के पौधे जलकर राख हो गए। आगजनी की ये घटना पड़ोसी किसान द्वारा नरवाई जलाने के कारण हुई है। जबकि प्रशासन ने नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगा रखा है।
उज्जैन में मंगलनाथ मंदिर के पास शुक्रवार दोपहर आग लगने की एक बड़ी घटना हो गई। एक खेत में फसल के सूख डंठल यानी नरवाई जलाने के कारण यह हादसा हुआ है। दोपहर करीब डेढ़-दो बजे के आसपास की इस घटना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। मंगलनाथ मंदिर के आसपास सिंहस्थ क्षेत्र हैं और यहां पर काफी संख्या मेें साधु-संतों व अखाड़ों के स्थान बने हुए हैं।
शुक्रवार दोपहर को यहां एक किसान देवीसिंह पटेल ने अपने खेत में नरवाई में आग लगा दी। आग बढ़ते-बढ़ते दूसरे के खेतों में भी फैल गई और यह आग महामाया आश्रम तक पहुंच गई। आग पर जब तक आश्रम वासी काबू पाते तब तक आग ने आश्रम की नर्सरी को जला डाला। नर्सरी में करीब बीस हजार रुपए के पौधे इसी वर्ष लगाए थे जो कि पूरी तरह खत्म हो गए। इसी बीच आश्रमवासियों ने आग पर काबू पाकर उसे फैलने से रोका। अगर आग और फैल जाती तो आश्रम मेें रखा अनाज, हवन-पूजन-भोजन सामग्री, संत निवास सहित आश्रम का बड़ा हिस्सा आग की चपेट में आ जाता है।
महामाया आश्रम के संस्थापक संत सुरेश्वरदास महाराज ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि प्रशासन द्वारा जारी पाबंदी आदेश के बाद भी किसान खेतों में नरवाई जला रहे हैं। यह गलत है। किसानों को दूसरे की सुविधा के बारे में भी सोचना चाहिए।
यूं तो जिले में नरवाई जलाने पर प्रशासन ने पाबंदी लगा रखी है। कलेक्टर ने धारा 144 लागू कर निर्देश जारी किए है कि फसल कटाई के बाद खेतों में लगेे फसल के ठूंठ जिन्हें नरवाई कहा जाता है, उसे आग लगाकर नष्ट करने पर पाबंदी है। अगर कोई किसान नरवाई जलाता है तो उस पर धारा 144 के उल्लंघन का आरोपी मानकर दंण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी। लेकिन किसानों पर इस आदेश का कोई असर नहीं हुआ है। कई क्षेत्रों में आज भी किसान बेखौफ होकर नरवाई जला रहे हैं, इस कारण आगजनी की घटनाएं हो रही हैं।
हाल ही में बुधवार शाम को उज्जैन के ट्रेंचिंग ग्राउंड में लगी आग का कारण भी प्रथमदृष्टया नरवाई जलाना ही माना जा रहा है। खेतों में जलने वाली नरवाई की आग से उड़े जलते तिनकों ने ट्रेंचिंग ग्राउंड के कचरे में आग लगाई। आग धीरे-धीरे और बढ़ती गई और पूरे प्लांट को अपने कब्जे में लिया। देखते ही देखते पूरी मशीनरी और प्लांट जलकर खाक हो गया। तीन दिनों तक जली इस आग में लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। प्रशासन द्वारा अभी तक किसी भी किसान पर नरवाई जलाने के कारण कार्रवाई नहीं करने के कारण भीकिसान लोग कलेक्टर के आदेश को हवा में उड़ा रहे हैं। जो कि उचित नहीं है।