उज्जैनमध्यप्रदेश

उज्जैन में फर्जी सिम बेचने के बड़े रैकेट का पर्दाफाश, एक सिम ग्राहक को देते, फर्जी सिम एक्टिव कर धोखेबाजों को सौंप देते

लापू सिम, बायोमेट्रिक मशीन और दस्तावेज सहित फर्जी सिम कार्ड जप्त

उज्जैन: उज्जैन पुलिस ने फर्जी सिम से साइबर धोखाधड़ी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए एक सिम विक्रेता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। ये विक्रेता ग्राहकों के नाम पर फर्जी सिम कार्ड निकालकर उन्हें ऑनलाइन ठगी करने वालों को बेचता था।  ​फर्जी सिम जारी करने का यह मामला तब सामने आया जब उज्जैन पुलिस साइबर धोखाधड़ी में इस्तेमाल हो रही मोबाइल सिमों की जांच कर रही थी। तभी महाकाल पुलिस की नजर में यह मामला आया। जिसमें महकाल  रोड हॉलमुकाम आगर रोड निवासी इमरान नागौरी की दुकान और फ्रीगंज के सीवी टेलीकॉम से पुलिस ने पुलिस ने फर्जी रूप से सिम एक्टिव करने का मामला पकड़ा।

उज्जैन पुलिस द्वारा ‘ऑपरेशन FAST’ के तहत बड़ी कार्रवाई

राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार पूरे मध्यप्रदेश में “ऑपरेशन FAST” (Forged Activated SIM Termination) चलाया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य फर्जी या डुप्लीकेट सिम कार्ड बेचने वाले एजेंटों पर कड़ी कार्रवाई करना है। इसी क्रम में, उज्जैन पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक ऐसे ही आरोपी को गिरफ्तार किया है। उज्जैन पुलिस को जांच में पता चला कि ये दुकानदार ग्राहक से एक सिम के लिए कागजात लेकर उनके नाम पर एक से अधिक सिम एक्टिवेट कर देते थे। ​ग्राहक को तो सिर्फ उसकी मांगी हुई एक सिम दी जाती थी, लेकिन दूसरी फर्जी सिम को ये विक्रेता ऊंचे दामों पर उन लोगों को बेच देते थे जो ऑनलाइन धोखाधड़ी करते हैं। ग्राहक को इसकी भनक तक नहीं लगती थी कि उसके नाम पर एक और सिम चल रही है।

घटना का विवरण

उज्जैन पुलिस को जांच में पता चला कि आरोपी इमरान पिता सलीम नागौरी (उम्र 25 वर्ष) फर्जी सिम कार्ड जारी करके लोगों को धोखा दे रहा था। वह पहले माधवनगर क्षेत्र में एक टेलीकॉम दुकान, CV Telecom, में काम करता था, जहाँ से उसने फर्जी तरीके से सिम कार्ड जारी करना शुरू किया। बाद में, उसने खुद का POS (पॉइंट ऑफ सेल) बनवाया और महाकाल थाना क्षेत्र में अपनी दुकान, RL Imran, खोल ली। इमरान भोले-भाले लोगों को निशाना बनाता था। वह उन्हें सिम पोर्ट या नया सिम देने का झांसा देकर उनके आधार कार्ड, फोटो और अन्य दस्तावेज ले लेता था। वह अक्सर ग्राहकों से ओटीपी (OTP) के बहाने दो बार ओटीपी लेता था और उनकी जानकारी के बिना ही डुप्लीकेट सिम कार्ड जारी कर देता था। इस तरह, उसने कई ग्रामीण और शहरी लोगों की व्यक्तिगत जानकारी का दुरुपयोग किया।

पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी

जांच में सामने आया कि आरोपी इमरान नागौरी ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके लगभग 25 से अधिक फर्जी सिम कार्ड जारी किए। ये सिम कार्ड बाद में साइबर ठगी, ओटीपी फ्रॉड और फर्जी अकाउंट बनाने जैसे आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल किए जाते थे। उज्जैन पुलिस ने आरोपी इमरान नागौरी को गिरफ्तार कर लिया है। उसके पास से लापू सिम, बायोमेट्रिक मशीन, दस्तावेज और फर्जी सिम कार्ड जब्त किए गए हैं। आरोपी के खिलाफ थाना महाकाल और थाना माधवनगर में भारतीय दंड संहिता और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस सराहनीय कार्यवाही में थाना महाकाल, थाना माधवनगर और साइबर सेल उज्जैन की टीमों का विशेष योगदान रहा।

उज्जैन पुलिस की अपील

उज्जैन पुलिस आम जनता से अपील करती है कि किसी भी संदिग्ध सिम विक्रेता या साइबर गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर दें। सतर्क रहें और धोखाधड़ी से बचें।

कैसे पता लगाएं आपकी आईडी पर‌ कितनी सिम

मोबाइल फोन हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है। आजकल, ऑनलाइन फ्रॉड और साइबर क्राइम की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में यह जानना बेहद ज़रूरी है कि कहीं आपकी आईडी पर कोई ऐसा फर्जी सिम तो नहीं चल रहा है, जिसका इस्तेमाल आप नहीं कर रहे हैं। भारत सरकार ने इसके लिए एक खास पोर्टल शुरू किया है, जिसके जरिए आप आसानी से पता लगा सकते हैं।

स्टेप 1: वेबसाइट पर जाएँ

सबसे पहले, अपने फोन या कंप्यूटर के ब्राउज़र में TAFCOP (Telecom Analytics for Fraud Management and Consumer Protection) की आधिकारिक वेबसाइट tafcop.dgtelecom.gov.in खोलें। यह पोर्टल दूरसंचार विभाग द्वारा चलाया जाता है।

स्टेप 2: मोबाइल नंबर और OTP दर्ज करें

  1. वेबसाइट के होमपेज पर, दिए गए बॉक्स में अपना मोबाइल नंबर डालें।
  2. इसके बाद, स्क्रीन पर दिखाई देने वाला कैप्चा कोड भरें।
  3. अब, “Validate” या “सत्यापित करें” विकल्प पर क्लिक करें।
  4. आपके मोबाइल नंबर पर एक OTP (वन टाइम पासवर्ड) आएगा। इसे दिए गए बॉक्स में दर्ज करें और “Login” पर क्लिक करें।

स्टेप 3: जुड़े हुए नंबर्स की लिस्ट देखें

  1. लॉगिन करने के बाद, आपके आधार या किसी भी आईडी से जुड़े सभी मोबाइल नंबरों की एक पूरी लिस्ट स्क्रीन पर दिखाई देगी।
  2. इस लिस्ट में से, अगर आपको कोई ऐसा नंबर मिलता है जो आप इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, तो आप उसे “Not my number” या “यह मेरा नंबर नहीं है” के रूप में रिपोर्ट कर सकते हैं।
  3. रिपोर्ट करने के बाद, उस नंबर को ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

इस तरह, आप आसानी से यह पता लगा सकते हैं कि आपकी आईडी पर कितनी सिम चालू हैं और किसी भी धोखाधड़ी से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

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