उज्जैन

उज्जैन स्टेशन पर दो बेग उठाने के 150 रुपए मांगे दिव्यांग से कुली ने

बमुश्किल बेग-बच्चे लेकर आए दिव्यांग दंपति को उज्जैन चैकिंग स्टॉफ भी टालता रहा, डीआरएम का नाम लिया तब दी शिकायत पुस्तिका

समाचार आज। उज्जैन

उज्जैन रेलवे स्टेशन पर दिव्यांगों के साथ किस तरह का व्यवहार हो रहा है, उसका खामियाजा बुधवार को एक दिव्यांग दंपति को भुगतना पड़ा। इस दिव्यांग दंपति के दो छोटे ट्रॉली बेग प्लेटफॉर्म पांच से बाहर तक लाने के कुली ने 150 रुपए मांगे। बाद में जब ये दंपति जैसे-तैसे अपना सामान लेकर प्लेटफॉर्म नंबर एक पर पहुंचे और शिकायत करना चाही तो चैकिंग स्टॉफ भी काफी देर तक झुलाता रहा।
रेलवे स्टेशन के बाहर दिखाई दे रहे यह दंपत्ति हैं डॉ. बालकृष्ण मालवीय और उनकी पत्नी डॉ. संगीता मालवीय। कुक्षी जिला धार निवासी यह दिव्यांग दंपति बुधवार को भगत की कोठी से बिलासपुर से उज्जैन आये थे। अपना चैकअप कराने बिलासपुर गए डॉ. मालवीय भगवान महाकाल के दर्शन और रिश्तेदारों से मिलने के उद्देश्य से बुधवार सुबह उज्जैन पहुंंचे। ट्रेन ने उन्हें प्लेटफॉर्म नंबर पांच पर उतारा। जहां पर इन्होंने कुली को बुलाया तो उसने दो छोटे ट्रॉली बेग स्टेशन से बाहर ले जाने के १५० रुपए मांगे। डॉ. मालवीय ने जब नियमानुसार रुपए लेने का कहा तो कुली ने अभद्रता करते हुए उनके बेग ले जाने से मना कर दिया। दिव्यांग दंपत्ति बमुश्किल अपने दो बच्चे के साथ दो बेग को लेकर प्लेटफॉर्म एक पर पहुंचे और स्टेशन अधीक्षक को घटना की जानकारी दी। श्री जैन ने उन्हें चैकिंग स्टॉफ को शिकायत नोट कराने का कहा।

डॉ. बालकृष्ण मालवीय की परेशानी का अंत यहां भी नहीं हुआ। चैकिंग स्टॉफ के सदस्यों ने उनसे प्यार से बात कर कुली पर कार्रवाई करने की जगह डॉ. मालवीय को ही समझाने का प्रयास किया। एक अन्य कुली को बुलवाकर डॉ. मालवीय को समझाने का प्रयास करते रहे। जबकि डॉ. मालवीय बार-बार उस कुली के नामजद शिकायत दर्ज करने की कहते रहे। लेकिन इस दौरान चैकिंग स्टॉफ के सदस्यों ने उन्हें न तो कुली का नाम बताया और न ही बैच नंबर। वे बार-बार उसे बचाने के लिए डॉ. मालवीय से कहते रहे गरीब आदमी के साथ गलत हो जाएगा, आप उसे माफ कर दो। डॉ. मालवीय के पक्ष में खड़े मीडियाकर्मी के साथ भी चैकिंग स्टॉफ ने अभद्रता की और पुलिस केस बनाने की धमकी भी दी। लेकिन डॉ. मालवीय अपने फैसले पर अडिग रहे और जब उन्होंने रतलाम डीआरएम और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत करने के लिए फोन लगाने की धमकी दी उसके बाद उन्हें शिकायत पुस्तिका दी गई। लेकिन उस वक्त भी कुली का नाम और बैच नंबर उन्हें नहीं बताया गया। सिर्फ शिकायत लेकर रख ली। इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि कुली द्वारा ओवररेट चैकिंग स्टॉफ की शह पर ही लिए जा रहे हैं। डॉ. मालवीय का कहना है कि उज्जैन एक धार्मिक नगरी है और रोज सैकड़ों श्रद्धालु यहां तीर्थ-दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इनमें से अधिकतर बुजुर्ग होते हैं। स्टेशन के कुली और स्टॉफ का रवैया देखकर स्पष्ट है कि मिलीभगत से यात्रियों को लूटकर धार्मिक नगरी का नाम खराब किया जा रहा है।

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