एक मंदिर पर विवाद, दण्ड मिला दूसरों को

श्री महाकालेश्वर मंदिर में जिम्मेदारों के अनीतिपूर्ण व्यवहार से पंडे-पुजारी दु:खी
समाचार आज @ उज्जैन
कहावत है करे कोई-भरे कोई, ठीक ऐसा ही हाल है श्री महाकालेश्वर मंदिर में। यहां पर करने वाले तो दूर हो जाते हैं और दण्ड निर्दोषों को भुगतना पड़ता है। कुछ ऐसा ही हुआ है अनादि कल्पेश्वर महादेव मंदिर पर हुए विवाद के बाद।
अनादि कल्पेश्वर महादेव मंदिर पर पिछले दिनों एक दर्शनार्थी और मंदिर पर मौजूद पुजारी का विवाद हो गया था। आरोप था कि दर्शनार्थी मंदिर के गर्भगृह में जाकर पूजन करना चाहता था, बदले में पुजारी ने रुपए मांगे थे। इस बात पर दोनों में विवाद हो गया। मामले का वीडियाे भी वायरल हुआ। इस घटना पर संज्ञान लेते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने मंदिर के अधिकृत पुजारी राहुल दुबे को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। बताया जाता है कि राहुल दुबे ने नोटिस का जबाव भी मंदिर समिति को दे दिया है, लेकिन मंदिर समिति से कोई भी बोलने को तैयार नहीं है कि मामले में क्या कदम उठाया गया है।
दूसरे मंदिरों पर चली नियमों की तलवार
इस घटना के बाद श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति ने महाकाल मंदिर परिसर में स्थित दूसरे मंंदिरों पर जरूर नियमों की तलवार चला दी है। गुरुवार को मंदिर समिति के कर्मचारियों ने जूना महाकाल के आसपास स्थित मंदिरों में जाकर मंदिर समिति का फरमान सुना दिया कि अब कोई भी मंदिर पर पुजारी न तो टीका लगायेगा, न कलेवा बांधेगा और न ही रुद्राक्ष देगा। मंदिर से पूजा के दान की थाली हटा लो, अगर किसी दर्शनार्थी को दान करना है तो वो मंदिर समिति की भेंट पेंटी में दान राशि डालेगा। कर्मचारियों ने अपने फरमान में कहा है कि अगर किसी ने नियमों को तोड़ा तो उसे मंदिर से पृृथक कर दिया जायेगा।
नए फरमान से पंडे-पुजारी दु:खी
मंदिर कर्मचारियों द्वारा सुनाये गये इस फरमान से छोटे-छोटे मंदिर के पुजारी दु:खी हैं। इनका कहना है कि पिछले दो महीने से तो परिसर में ऐसे ही दर्शनार्थी नहीं आ रहे थे। अब आना शुरू हुए हैं। ये लोग मंंदिर कलावा बंधवाकर या तिलक लगाकर नाम मात्र की भेंट अर्पित करते हैं, जिससे उनके परिवार का भरण पोषण होता है। अगर यही बंद कर दिया जायेगा तो वे जीवन यापन कैसे करेंगे। इनका कहना है कि जिसने अपराध किया है उसे दण्ड दीजिए, लेकिन सभी पर तलवार लटकाना उचित नहीं है।