कोर्ट मार्शल में दिखा विषमताओं से भरा समाज

समाचार आज। उज्जैन
मिलिट्री ट्रायल को लेकर बुने गए नाटक ‘कोर्ट मार्शल’ में सवार रामचंदर केंद्रीय पात्र है, जिस पर अपने दो अफसरों पर जानलेवा हमला तथा एक की हत्या की वजह से मुकदमा चलाया गया। सेना के कानून विभाग द्वारा कैप्टन बिकॉश राय को डिफेंस काउंसिल तथा मेजर पुरी को सरकारी वकील बनाकर भेजा गया। न्याय की इस लड़ाई में अंतत: कैप्टन विकास रॉय सत्य साबित करने में सफल हुआ कि रामचंदर ने किसी खूनी इरादे के तहत अपने अफसरों पर गोली नहीं चलाई, बल्कि अपने दो अफसरों द्वारा दी गई मानसिक प्रताडऩा एवं किए गए नैतिक अत्याचार के अतिरेक ने ही उसे इस स्थिति तक पहुंचाया। जिरह के दौरान परत पर परत सत्य उद्घाटित होता है और समाज में व्याप्त भेदभाव, उंच नीच और जातिगत विषमताओं का एक कुरूप चेहरा सामने आता है।

समारोह संयोजक शरद शर्मा ने बताया कि अभिनव रंग मंडल द्वारा कालिदास अकादमी के अभिरंग नाट्यगृह में आयोजित 36वें राष्ट्रीय नाट्य समारोह में अतिथि के रूप में मौजूद मेजर प्रमोद शर्मा, सुधीर अरोंदेकर, कांग्रेस नेता मनोहर बैरागी, सौरभ भारद्वाज ने दीप प्रज्जवलन कर नाटक मंचन का शुभारंभ किया। शरद शर्मा ने बताया कि यह वर्ष संस्था की 40वीं वर्षगांठ का वर्ष है। उसी कड़ी में स्व. भूषण भट्ट, उदय भट्ट, दीपक भावसार को समर्पित 36वें नाट्य समारोह की समापन संध्या में 27 मार्च को नाटक ‘कोर्ट मार्शल’ की प्रस्तुति हुई जिसके लेखक स्वदेश दीपक, निर्देशक शरद शर्मा, प्रस्तुति अभिनव रंगमंडल उज्जैन की रही। कोर्ट मार्शल की कहानी में रामचंदर जिन कारणों से जानलेवा आक्रमण करने के लिए मजबूर होता है, उस तरह का कारण शायद भारतीय सेना में अब तक हुए कोर्ट मार्शल में आज तक उपस्थित नहीं हुआ। उच्च वर्ग और निम्न वर्ग की लड़ाई हमारे समाज में सदियों से व्याप्त है लेकिन सेना जैसे विभाग के लिए कोर्ट मार्शल का यह विषय एकदम नया था।
मंच पर तथा मंच से परे के किरदार
मंच पर कर्नल सूरतसिंह का किरदार गिरिजेश व्यास ने, सैनिक 1 रविंद्रसिंह, सैनिक 2 संजय शर्मा, समीरसिंह, गार्ड अनिकेत पटेल, अजय गोस्वामी, मेजर अजयपुरी वीरेंद्रसिंह ठाकुर, रामचंदर यश राय, कैप्टन बिकॉश राय शरद शर्मा, सलाहकार जज कामना भट्ट, सूबेदार बलवानसिंह वीरेंद्र नथानियल, कैप्टन बीडी कपूर जगरूपसिंह चौहान, जज 1 विशाल मेहता, जज 2 वर्षा शर्मा, अजय गोस्वामी, डॉ. गुप्ता सचिन वर्मा, कर्नल ब्रजेंद्र रावत भूषण जैन रहे। वहीं मंच से परे मंच प्रबंधक वीरेंद्र नथानियल, मंच निर्माण विशाल मेहता, अनिल बैलिया, मंच सामग्री यासमिन सिद्दीकी, ध्वनि संचालन राघवेंद्र कौशिक, प्रकाश परिकल्पना शरद शर्मा, प्रकाश संचालन अंकित दास, अनिल बैलिया, प्रचार प्रसार विशाल मेहता, अनिल बैलिया, बहादुर मालवीय, वेशभूषा सुधा शर्मा, कामना भट्ट, पूर्वाभ्यास व्यवस्था बहादुर मालवीय, लेखक स्वदेश दीपक, निर्देशन एवंपरिकल्पना शरद शर्मा, प्रस्तुति अभिनव रंगमंडल की रही।
3 नाटकों में शतक पूरे करनें वाले एकमात्र निर्देशक
शरद शर्मा देश के उन निर्देशकों में आते हैं जिन्होंने रंग आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विशेष रूप से मालवा के रंगकर्म को उन्होंने देश में प्रतिष्ठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया है। वे मध्यप्रदेश के एकमात्र निर्देशक हैं जिनके 3 नाटकों ने शतकों की यात्रा तय की है। 27 मार्च को कालिदास अकादमी में मंचित हुआ कोर्ट मार्शल देश के 17 राज्यों में 108 प्रदर्शन किये हैं। अभिनव रंगमंडल ने 40 वर्षों की जो अविराम यात्रा की है, उसके मूल में शरद शर्मा का असंदिग्ध निष्ठा, कर्म के प्रति सत्याग्रही समर्पण व उनकी जिद ही है जिसने अभिनय रंगमंडल को राष्ट्रीय फलक पर स्थापित किया। 1977 से रंगकर्म में सक्रिय शरद शर्मा ने लगभग 40 नाटकों में अभिनय किया है। वहीं करीब 60 नाटकों में नेपथ्य कार्य, संगीत चित्रकला, साहित्य एवं रंगमंच के 1500 से अधिक कार्यक्रमों का संयोजन किया है।