उज्जैन

जेल की चारदीवारी में गूंजे ‘पितरों के जयकारे’, 200 से ज़्यादा कैदियों ने किया तर्पण

भैरवगढ़ जेल में कैदियों ने धार्मिक अनुष्ठान पर जेल अधीक्षक का आभार जताया

उज्जैन: मध्य प्रदेश की केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में सोमवार 15 सितंबर 2025 को एक ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने हर किसी को भावुक कर दिया। नवमी के पावन अवसर पर, 200 से अधिक कैदियों ने एक साथ मिलकर अपने पूर्वजों के लिए सामूहिक तर्पण किया। इस अनूठी पहल के लिए बंदियों ने जेल अधीक्षक मनोज साहू का आभार जताया, जिन्होंने उन्हें यह धार्मिक अनुष्ठान करने का मौका दिया।

पंडित श्याम गुरु ने कराई नि:शुल्क पूजा

सुबह करीब 11 बजे, जेल के सभागार में तर्पण का कार्यक्रम शुरू हुआ। पंडित श्याम आचार्य ने बिना कोई शुल्क लिए यह पूजा करवाई। वे अपने साथ सारी पूजन सामग्री भी लेकर आए थे। इस अनुष्ठान में 50 महिला कैदियों समेत 200 से ज़्यादा बंदी शामिल हुए। लगभग ढाई घंटे तक चले इस कार्यक्रम ने जेल के माहौल को भक्तिमय बना दिया। पंडित श्याम आचार्य (श्याम गुरु लाल घोड़ी वाले) ने सभी बंदियों को निःशुल्क तर्पण करवाया और पूजा सामग्री भी खुद ही लेकर आए थे। लगभग ढाई घंटे तक चले इस कार्यक्रम के बाद, सभी कैदियों ने पितृ पक्ष में उन्हें यह अवसर देने के लिए जेल अधीक्षक मनोज साहू का धन्यवाद किया। कार्यक्रम का संचालन जेल अधिकारी सुरेश गोयल ने किया।

कालसर्प और रुद्राक्ष पूजन भी हुआ

पंडित श्याम गुरु ने बताया कि तर्पण के साथ-साथ उन्होंने सर्प पूजन भी करवाया, ताकि कैदियों के कालसर्प दोष का निवारण हो सके। इसके अलावा, पितृ पक्ष के दौरान पड़ने वाले चंद्र ग्रहण के प्रभाव को खत्म करने के लिए रुद्राक्ष पूजन भी किया गया। उनका कहना था कि इस पूजन से न केवल पितरों को शांति मिलेगी, बल्कि शिव और रुद्राक्ष की पूजा से चंद्रमा को भी बल मिलता है, जिससे बंदियों को आध्यात्मिक लाभ मिलेगा।

‘हर धर्म का सम्मान’ – जेल अधीक्षक

जेल अधीक्षक मनोज साहू ने बताया कि उनकी जेल में हर धर्म और आस्था का सम्मान किया जाता है। उन्होंने कहा, “हमारा मानना है कि जेल में बंद कैदियों को भी अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कर्मकांड करने का पूरा हक है। सनातन धर्म में पितृ पक्ष के दौरान पितरों के प्रति आभार व्यक्त करने की परंपरा है, और इसी भावना के साथ हमने यह कार्यक्रम आयोजित किया।”

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