जेल में कैदियों को मिलावटी खाना: जांच में खुलासा, कोर्ट पहुंचा मामला
राजगढ़ जिला जेल में मिर्ची पाउडर और सोयाबीन तेल असुरक्षित और घटिया स्तर के पाए गए

राजगढ़, मध्य प्रदेश: राजगढ़ जिला जेल में कैदियों को दिए जाने वाले खाने में मिलावट का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। 01 अक्टूबर 2023 को कलेक्टर द्वारा किए गए औचक निरीक्षण के दौरान लिए गए खाने के नमूनों की जांच में मिर्ची पाउडर और सोयाबीन तेल असुरक्षित और घटिया स्तर के पाए गए। लैब की रिपोर्ट में भी यह स्पष्ट किया गया है कि यह खाना खाने लायक नहीं था। खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने शासन से अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद 2 सितंबर 2025 को मामला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं एडीएम न्यायालय, राजगढ़ के सामने पेश किया।
दोषियों को मिलेगी सख्त सजा
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी हो चुकी है और न्यायालय में मजबूत पक्ष रखा गया है, ताकि इस गंभीर लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके। इस घटना ने जेलों में दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जिम्मेदार अधिकारियों और व्यापारियों पर कार्रवाई
इस मामले में खाद्य सुरक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और एडीएम न्यायालय में केस दायर किया है। इस मामले में कई अधिकारियों और व्यापारियों को आरोपी बनाया गया है:
- तत्कालीन प्रभारी जेल अधीक्षक एन.एस. राणा
- जेल समिति सचिव अमर सिंह सोलंकी
- जेल प्रहरी धर्मेंद्र सिंह
- गोद राज ट्रेडर्स, इंदौर के संचालक सुनील और राजुल बाई
इन सभी पर आरोप है कि उन्होंने कैदियों को परोसे जाने वाले भोजन में असुरक्षित और मिलावटी सामग्री का इस्तेमाल किया।