मध्यप्रदेश

ट्रेन के सफाई कर्मचारी की झूठी सूचना देते थे ट्रेन में बम की

ताकि ट्रेन लेट हो जाए और उन्हें अगली ट्रेन पर न जाना पड़े, परिवार के साथ वक्त बिता सकें

समाचार आज। उज्जैन

उज्जैन रेलवे स्टेशन पर गोरखपुर-बांद्रा एक्सप्रेस ट्रेन में बम रखा होने की झूठी सूचना देने वाले दो युवकों को रेलवे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जिस ट्रेन के बारे में दोनों ने झूठी सूचना फैलाई थी, उसी में ये लोग बतौर सफाई कर्मचारी तैनात थे। ट्रेन लेट किसी तरह लेट हो जाए और इन्हें अपने परिवार के साथ समय बिताने को मिल जाए, महज इस उद्देश्य से ही आरोपी गंभीर अपराध कर बैठा।

उज्जैन में 18-19 मई की दरमियानी रात रेलवे प्रशासन को ट्विटर के जरिए गोरखपुर-बांद्रा एक्सप्रेस ट्रेन में बम रखा होने की सूचना मिली थी। तत्काल ही जिला पुलिस के तमाम आला अधिकारी, डॉग और बम स्क्वाड, जीआरपी-आरपीएफ का अमला स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 4 पर पहुंचा और पूरी ट्रेन की तलाशी ली। कहीं कुछ नहीं मिला लेकिन इस कवायद में ट्रेन जरूर एक घंटा लेट हो गई।

दूसरी घटना के बाद बढ़ी शंका

ठीक इसी तरह की घटना 11 मई को रतलाम रेलवे स्टेशन पर भी हो चुकी थी। तब भी ट्रेन गोरखपुर-बांद्रा ही थी। इसी दिन बड़ोदरा रेलवे स्टेशन पर भी ठीक इसी ट्रेन के बारे में ठीक इसी तरह की सूचनाएं दी गई। रेलवे पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, ट्विटर मुख्यालय से मदद ली तो पता चला कि तीनों ही बार मिलन रजक नामक शख्स ने मोबाइल फोन के जरिए ट्रेन में बम रखा होने की झूठी सूचना दी थी।

टिवटर के जरिए मिला मोबाइल नंबर, पकड़े गए

ट्विटर कंपनी के जरिए झूठी सूचना देने वाले का फोटो और मोबाइल नंबर भी हांसिल हो गया। इस मामले में राज्य सायबर सेल की भी मदद ली गई। आरोपी का मोबाइल ट्रेस किया तो उसकी लोकेशन लगातार बदल रही थी, इससे साफ हो गया था कि झूठी सूचना देने वाला शख्स ट्रेन में ही सफर कर रहा है। उसका फोटो भी रेलवे पुलिस को मिल गया था लिहाजा ट्रेन जब उज्जैन स्टेशन पर थी, तभी मिलन रजक नामक इस आरोपी को हिरासत में ले लिया गया।

दोस्त के मोबाइल के जरिए भेजी सूचनाएं

मिलन ने बताया कि जो मोबाइल फोन वह इस्तेमाल कर रहा था, वह उसके दोस्त प्रमोद माली का था। रेलवे पुलिस ने प्रमोद माली को भी ट्रेन से ही हिरासत में ले लिया। प्रमोद माली मूल रूप से उत्तरप्रदेश के बनारस शहर का रहने वाला है। इसके अलावा मिलन रजक कोलकाता का निवासी है। ये दोनों ही ट्रेनों में सफाई करने का ठेका लेने वाली मुंबई की एक कंपनी के कर्मचारी है। दोनों फिलहाल मुंबई महाराष्ट्र में ही रह रहे थे।

अफवाह फैलाने का मुकदमा दर्ज

रेलवे एसपी निवेदिता गुप्ता ने बताया कि दोनों ही आरोपियों की ड्यूटी एक ट्रेन से दूसरी ट्रेन में लगाई जाती है। बांद्रा पहुंचकर इन्हें पश्चिम एक्सप्रेस ट्रेन में दोबारा ड्यूटी पर चढ़ा दिया जाता और इन्हें जरा भी समय नहीं मिलता लिहाजा दोनों इस कोशिश में लगे रहते थे कि किसी तरह गोरखपुर-बांद्रा एक्सप्रेस ट्रेन लेट हो जाए तो इन्हें पश्चिम एक्स्रप्रेस पर ड्यूटी देने के जाने के बजाए अपने परिवार के साथ वक्त बिताने को मिल जाए। दोनों ही ट्विटर भले ही चलाते है लेकिन कम पढ़े-लिखे है, इन्हें पता ही नहीं था कि ट्विटर के जरिए भी आसानी से किसी को भी ट्रेस किया जा सकता है। दोनों आरेापियों के खिलाफ रेलवे पुलिस ने अफवाह फैलाने का अपराध दर्ज किया है।

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