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ठा. शिवप्रताप सिंह जुझारू और ईमानदार पत्रकारों की फ़ौज के सेनापति थे

ठा. शिवप्रताप सिंह की स्मृति में पत्रकारिता विभाग मेें होना चाहिए व्याख्यानमाला, ताकि नये पत्रकारों को सच्चा आदर्श मिले

उज्जैन के मूर्धन्य पत्रकार स्व. ठा. शिवप्रताप सिंह स्वयं पत्रकारिता का स्कूल थे। उनके मार्गदर्शन में पत्रकारों की एक फौज तैयार हुई जो आज भी बखूबी पत्रकारिता के मापदंडों के मुताबिक अपने काम को अंजाम दे रही है। ठाकुर साहब की स्मृति में विक्रम विश्वविद्यालय के पत्रकारिता और जनसंचार विभाग में व्याख्यानमाला आयोजित किये जाना चाहिए, जिसमें ख्यात सम्पादकों, पत्रकारों को आमंत्रित किया जाये। यह आयोजन साल में एक बार तो जरूर होना चाहिए।

यह विचार वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ. हरिमोहन बुधौलिया ने मूर्धन्य पत्रकार ठा. शिवप्रताप सिंह की 112 वीं जयंती पर आयोजित समारोह में अपने अध्यक्षीय भाषण में व्यक्त किए। सुराना पैलेस में आयोजित कार्यक्रम शहर के वरिष्ठ साहित्यकारों का सम्मान भी किया गया। मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवयित्री और शिक्षाविद डॉक्टर उर्मि शर्मा ने अपने पितृ पुरुष को समारोहपूर्वक स्मरण करने और प्रति वर्ष साहित्यकारों का सम्मान करने के लिए चंदेल परिवार को धन्यवाद दिया। विशेष अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि जुझारू और ईमानदार पत्रकारों की फ़ौज के सेनापति थे ठाकुर शिवप्रताप सिंह।

अमृत बांटकर विष कंठ में उतारने की अदभुत क्षमता थी पिताश्री में-अनिल सिंह चंदेल

स्वागत भाषण में वरिष्ठ पत्रकार अनिल सिंह चंदेल ने अपने पिताश्री की स्मृतियों को ताजा करते हुए कहा कि वे विशुद्ध पत्रकार थे, पत्रकारिता ही उनका जीवन, उनका दर्शन व धर्म था। यथा नाम तथा गुण की बात उन पर पर हूबहू चरितार्थ होती है। शिव की तरह ही उनमें दूसरों को अमृत बाटकर स्वयं विष को कंठ में उतारने की अद्भुत क्षमता थी। वह भोले भंडारी थे। उन्होंने प्रताप की तरह सूखी रोटी खाकर भी कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उनमें सिंह की निडरता तो थी ही, बहादुरी व तेज भी उनमें कूट-कूट कर भरा था। कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार संतोष सुपेकर ने किया।

कार्यक्रम में इन साहित्यकारों का सम्मान

उज्जैन के प्रमुख अखबार दैनिक अग्निपथ के उपसंपादक चंद्रभानसिंह चंदेल ने बताया कि इस अवसर पर नगर के साहित्यकारों सर्वश्री गोपालकृष्ण निगम, डॉ. नेत्रा रावणकर, डॉ. सुरेश यादव, डॉ. अप्रतुलचंद्र शुक्ला, डॉ. रश्मि मोयदे , डॉ. रूपा भावसार, अनिल पांचाल सेवक, धनसिंह चौहान, हरिशंकर वट, तरुण उपाध्याय, शुभम शर्मा, हर्ष सैनी और अमित जैन का सम्मान किया गया। सभी को अभिनंदन पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान किया गया।

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ठाकुर साहब के सम्मान में कवियों ने सुनाई अपनी रचनाएं

कार्यक्रम में ख्यात कवि नरसिंह इनानी ने ठाकुर साहब की स्मृति में याद तुम्हारी आती है कविता सुनाई। डॉ. रमेशचंद्र चांगेसिया, डॉ. रफीक नागौरी और सुगनचंद्र जैन ने भी शानदार कविताओं का पाठ किया। प्रारम्भ में सरस्वती वंदना मानसिंह शरद ने पेश की। अतिथि स्वागत चंद्रभानसिंह चंदेल, उदयसिंह चंदेल, डॉ. पुष्पा चौरसिया, अरविंद सिंह चंदेल और एडवोकेट हरदयाल सिंह ठाकुर ने किया। और अंत में कृतज्ञता ज्ञापन दैनिक अग्निपथ संपादक वरिष्ठ पत्रकार अर्जुनसिंह चंदेल ने किया। कार्यक्रम में पूर्व महापौर मदनलाल लालावत, श्रीमती माया बदेका, वरिष्ठ पत्रकार एसएन शर्मा, जयसिंह, सुरेंद्रमोहन अग्रवाल सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

-हरिओम राय

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