गांव-देहातमध्यप्रदेश

नर्मदा सिंचाई परियोजना के जरिये अब कोई भी खेत नहीं रहेगा सूखा

नर्मदा सिंचाई परियोजना का तराना में सीएम ने किया लोकार्पण

नर्मदा सिंचाई परियोजना के जरिए उज्जैन जिले के तराना क्षेत्र व आसपास के 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र को अब पानी मिलेगा। 2489.65 करोड़ की उद्वहन सिंचाई योजना का शुभारंभ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया है। अपने संबोधन मेें उन्होंने कहा कि बड़ी प्रसन्नता की बात है कि नर्मदा क्षिप्रा बहुउद्देशीय माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के शुभारंभ के साथ ही तराना क्षेत्र में मां नर्मदा उतर आई है, जिस तरह ऋषि भागीरथ ने मां गंगा को धरती पर लाए थे, उसी तरह मॉ नर्मदा भी मध्यप्रदेश की धरती पर लोगों के जीवन उद्धार के लिए आयी है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार २० मार्च २०२५ को तराना में 2489.65 करोड़ रूपये लागत की नर्मदा क्षिप्रा बहुउद्देशीय माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के शुभारंभ के अवसर पर कही। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने परियोजना का शुभारंभ वाल्व चालू कर किया। कार्यक्रम को जिला प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, सांसद अनिल फिरोजिया तथा अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरी महाराज ने भी संबोधित किया।

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इन विकास कार्यों को भी मिली हरी झंडी

इसके साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जल संसाधन विभाग के 9.64 करोड़ रूपये लागत के इंदौर हाई लेवल ब्रिज का लोकार्पण, 5 करोड़ 73 की लागत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का लोकार्पण तथा 5 करोड़ 21 लाख रुपये लागत की 11 नल जल परियोजनाओं का लोकार्पण एवं 7 करोड़ 15 लाख रूपये लागत के उपस्वास्थ्य केंद्र भवन तथा समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत ग्राम कडेरी में हाई स्कूल भवन निर्माण का भूमि पूजन किया। कार्यक्रम में उज्जैन जिला प्रभारी एवं प्रदेश के कौशल विकास एवं रोजगार विभाग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल, अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरिगिरी महाराज, सांसद अनिल फिरोजिया, शाजापुर विधायक अरुण भीमावद, तराना विधायक महेश परमार सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद थे।

हजारो साल से सत्ता, धर्म सत्ता के अधीन रही

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि हजारो साल से सत्ता, धर्म सत्ता के अधीन चलती है। यह संस्कृति सनातन संस्कृति के नाम से जानी जाती है। राजा, महाराजा, सम्राट सब धर्म आधारित समाज के अधीन है। प्राचीन समय में इस व्यवस्था में गड़बड़ी होती थी, तो धर्म दण्ड के आधार पर राजा को दण्डित किया जाता था, यह हमारा गौरवशाली अतीत है। हमारी संस्कृति भगवान राम एवं श्रीकृष्ण के नाम से जानी जाती है। भगवान राम ने हमारे प्रदेश के चित्रकूट धाम में 11 साल व्यतीत किये थे। चित्रकूट धाम को हम अयोध्या की तरह विकसित करेंगे। इसी तरह भगवान श्री कृष्ण की प्रदेश एवं अन्य राज्यों में जहां-जहां लीलाएं हुई है, उसे हम तीर्थ के रूप में विकसित करेंगे। सिंहस्थ महाकुंभ मेले के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते हुए भविष्य में साधु-संतों एवं श्रृद्धालुओं को किसी प्रकार का कष्ट न हो, इसका प्रबंध करेंगे। मॉ क्षिप्रा के उद्गगम स्थल पर किसी प्रकार के ग्?लेशियर नहीं होने से इसमें 12 महिनें पानी नहीं रहता है। हमने मॉ क्षिप्रा को सदैव प्रवाहमान बनाने के लिए 900 करोड़ रूपये की परियोजना बनाई है। वर्षाकाल में मॉ क्षिप्रा में बहने वाले पानी का संग्रहण किया जायेगा और जब पानी मॉ क्षिप्रा में खत्म होगा या आवश्यकता होगी तो संग्रहित पानी क्षिप्रा नदी में छोड़ा जायेगा। क्षिप्रा नदी में मिलने वाले गंदे पानी की नदियों के प्रवाह को गंभीर नदी के निचले हिस्से में छोड़ा जायेगा, ताकि इसके पानी से किसान सिंचाई कर सके।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व में देश का मान बढ़ाया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विश्व में देश का मान बढ़ाया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हम किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। हमने पारस पत्थर को तो नहीं देखा है, केवल सुना है, कि वह लौहे को सोना बना देता है। किन्तु सूखे खेत को यदि पारस की तरह पानी मिल जाए तो वह फसल रूपी सोना किसानों को प्राप्त होगा और इससे किसान समृद्धशाली बनेगा। प्रधानमंत्री जी ने तय किया है कि कोई भी खेत बिना पानी के नहीं रहें, किसान को पानी उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है।

कोई खेत सूखा नहीं रहेगा, नदियों का पानी पहुंचायेगे

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि तराना, माकड़ौन, शाजापुर के कोई खेत खाली नहीं रहेंगे। हमने संकल्प किया है कि पूरे प्रदेश में एक-एक खेत में सिंचाई के लिए नर्मदा, पार्वती, कालीसिंध, ताप्ती, सोन नदी आदि के पानी की व्यवस्था की जायेगी। मध्यप्रदेश नदियों का मायका है। हमारा सौभाग्य है कि प्रदेश में 250 से अधिक नदियां निकलती है, जो आसपास के राज्यों में भी जीवन प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री के माध्यम से राजस्थान से 20 वर्ष से चल रहे जल विवाद का निराकरण हुआ है और पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना लागू की है, इसके लिए प्रधानमंत्री द्वारा 70 हजार करोड़ रूपये भी दिये गये हैं। इससे राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के गांव में पानी पहुंचेगा। राज्यों के संबंध अच्छे बनने का संदेश देने के लिए प्रदेश के बुंदेलखण्ड, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान के लिए एक लाख करोड़ रूपये की योजना बनाई गई है।

किसान हितैषी योजनाओं की जानकारी भी दी

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में किसानों के लिए अनेक योजनाएं बनाई गई हैं। प्रदेश में मुख्यमंत्री किसान सम्मन निधि प्रधानमंत्री कृषक समृद्धि योजना के तहत किसानों को राशि दी जा रही है। वही प्रदेश सरकार किसानों से समर्थन मूल्य पर 2600 रूपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीद रही है। किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए उन्हें दूध उत्पादन से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए किसानों को गाय पालने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। हमारी पहचान गौ-पालन से है और इसको बढ़ावा दिया जा रहा है। जिनके घर गाय है वह गोपाल और जिनके घर गाय का कुल वो गोकुल है। गाय पालने पर किसानों को सीधे-सीधे अनुदान दिया जायेगा। दूध उत्पादन पर गौपालक को 5 रूपये प्रति लीटर की दर से अनुदान देंगे। गौशालाओं को भी गाय पालन के लिए 20 रूपये से बढ़ाकर 40 रूपये प्रति गाय की दर से अनुदान दिया जायेगा। हमने निर्णय लिया है कि गाय का दूध खरीदकर मध्यप्रदेश को दूध उत्पादन के मामले में देश का नंबर वन राज्य बनाएंगे। प्रदेश में नौकरियों एवं अन्य रोजगार के लिए महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया जायेगा। महिलाओं के जीवन में बेहतरी लाने के लिए उन्हें रेडिमेड गार्मेन्ट की फैक्ट्रियों में काम करने पर उन्हें 5 हजार रूपये महिनें का इंसेन्टिव बोनस दिया जायेगा। प्रदेश में युवाओं, किसानों सहित सबकी बेहतरी के लिए भी काम किया जा रहा है। उपनिरीक्षक की भर्ती प्रदेश में चालु हो गई है। हाल ही में पुलिस के 6500 जवानों को नियुक्ति के आदेश दिये गये हैं और 8500 पद निकाले गये हैं। स्वास्थ्य विभाग में 42000 पदों पर नियुक्ति करने जा रहे हैं, इस प्रकार प्रदेश में एक वर्ष में एक लाख से अधिक युवाओं की भर्ती करने का निर्णय लिया गया है।

नर्मदा क्षिप्रा बहुउद्देशीय माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना

मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में सिचाई, पेयजल और औद्योगिक क्षेत्र में जल के संकट के समाधान के लिए यह परियोजना है। इस परियोजना में निमाड़ क्षेत्र से नर्मदा का जल उद्वहन कर मालवा क्षेत्र के उज्जैन एवं शाजापुर जिलों के 100 ग्रामों में लगभग 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिचाई के लिए 10 क्यूमेक्स जल एवं पेयजल व औद्योगिक उपयोग के लिए 5 क्युमेक्स जल उपलब्ध कराया जाएगा। परियोजना से लगभग 90 हजार कृषक लाभांवित होंगे। परियोजना निर्माण में उच्च स्तरीय तकनीक स्काडा और ओएमएस का उपयोग किया गया है।

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परियोजना से जुड़ी खास जानकारी

  • परियोजना की लागत 2489.65 करोड़ है। परियोजना का कुल कमाण्ड क्षेत्र 30 हजार 218 हेक्टेयर है।
  • परियोजना अंतर्गत ओंकारेश्वर जलाशय से (जिला खंडवा के ग्राम बड़ेल के समीप) 03 मीटर व्यास की पाईप लाईन से 15 घन मीटर प्रति सेकण्ड की दर से 435 मीटर की ऊंचाई तक जल उद्वहन किया जायेगा।
  • परियोजना की मुख्य पाईप लाईन की कुल लंबाई 200 किलोमीटर है। जल उद्वहन के लिये 06 पंपिंग स्टेशन में कुल 50 पंप मोटर्स सेट्स की स्थापना की गई है। जल उद्वहन करने में कुल 89 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होगी।
  • परियोजना में वितरण प्रणाली के लिए 2.5 हेक्टेयर चक तक कुल 2254 किलोमीटर (03 मीटर व्यास से 63 मिलीमीटर व्यास तक) पाईप लाईन बिछाई गई है।
  • परियोजना में प्रति 20 हेक्टेयर पर एक ओ.एम.एस. बाक्स अर्थात कुल 1539 बाक्स स्थापित किये गये हैं।
  • परियोजना का संपूर्ण संचालन स्काडा के माध्यम से किया जाकर 2.5 हेक्टेयर चक तक 20 मीटर दबाव से जल उपलब्ध कराया जायेगा।
  • परियोजना से उज्जैन जिले की तराना तहसील के 77, घटिया तहसील के 6 एवं शाजापुर जिले के 17 इस प्रकार कुल 100 गांवों के 30 हजार 218 हेक्टेयर क्षेत्र कमाण्ड एरिया में सिंचाई जल उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी।
  • पेयजल के लिए उज्जैन जिले के तराना, झांगड़ा, घट्टिया एवं गुराडिय़ा गुर्जर के लिए 21.60 एमएलडी प्रति तथा शाजापुर जिले के मक्सी एवं शाजापुर के लिए 43.20 एमएलडी प्रति की दर से तथा उद्योग के लिए उज्जैन एवं नागदा को 129.60 एमएलडी प्रति की दर से पानी उपलब्ध हो सकेगा।

इन विकास योजनाओं को भी मिली हरी झंडी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जल संसाधन विभाग के 9.64 करोड़ रूपये लागत के इंदौर हाई लेवल ब्रिज का लोकार्पण, 5 करोड़ 73 की लागत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का लोकार्पण तथा 5 करोड़ 21 लाख रूपये लागत की 11 नल जल परियोजनाओं का लोकार्पण एवं 7 करोड़ 15 लाख रूपये लागत के उपस्वास्थ्य केंद्र भवन तथा समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत ग्राम कडेरी में हाई स्कूल भवन निर्माण का भूमि पूजन किया।

-हरिओम राय @ उज्जैन

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