नागपंचमी के पहले ही महाकाल में जनसैलाब, रविवार को लाखों दर्शनार्थी पहुंचे

चार दिन के अवकाश का असर, मंंदिर प्रशासन भी हैरत में
बृजमोहन वाजपेयी
समाचार आज @ उज्जैन
श्री महाकालेश्वर मंदिर में 13 अगस्त रविवार को अपार जनसमुदाय दर्शन के लिए पहुंचा है। सुबह से ही चारों ओर सिर्फ भीड़ ही दिखाई दे रही है। हालांकि मंदिर प्रशासन पहले से ही नागपंचमी पर 10 लाख लोगों के दर्शन की तैयारी की व्यवस्था कर चुका है। इस कारण रविवार को दर्शन व्यवस्था में कोई परेशानी नहीं आई।
रविवार को अचानक इतनी संख्या में पहुंचे दर्शनार्थियों को देखकर मंदिर प्रशासन भी हैरत में है। हालांकि मंदिर में पहले से ही दर्शन व्यवस्था सुचारू थी इस कारण दर्शन व्यवस्था बनाने में कोई खास परेशानी नहीं देखी गई। सुबह भस्मआरती में भी लोग काफी संख्या में मंदिर पहुंचे। चलित भस्मारती के जरिए लोगों ने भस्मारती के दर्शन किये। रविवार तड़के 3 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करने के पश्चात दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत पूजन किया गया। चंदन और कुमकुम से बाबा महाकाल के मस्तक पर सूर्य अर्पित कर दिव्य श्रृंगार किया गया। भगवान महाकाल को भस्म अर्पित करने के पश्चात रजत का त्रिपुण्ड, त्रिशूल और चंद्र अर्पित किया गया, शेषनाग का रजत मुकुट रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ साथ सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की भगवान महाकाल ने। फल और मिष्ठान का भोग लगाया भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी। मान्यता है की भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते है।

दर्शन के लिए उमड़ी भीड़
भस्मारती के बाद दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमडी। प्रवेश द्वारा मानसरोवर तक बेरिकेड्स फुल थे। मानसरोवर के अंदर जिगजेक भी खचाखच था। सभी दूर सिर्फ दर्शनार्थियों की भीड़ ही दिख रही थी। यह हाल दोपहर एक बजे तक जारी थे। प्रशासन को जितनी भीड़ नागपंचमी पर आने की उम्मीद है रविवार को भी लगभग उतने ही लोग अचानक दर्शन करने पहुंच गये।

क्यों उमड़ी दर्शनार्थियों की भीड़
- शनिवार, रविवार अवकाश के बाद मंगलवार को 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस का अवकाश है। सोमवार के दिन छुट्टी लेने पर चार दिन के अवकाश का लाभ मिल रहा है। इस कारण चार दिनों के अवकाश का लाभ लेते हुए बाहर से काफी संख्या में दर्शनार्थी यहां पहुंचे हैं।
- 17 अगस्त को अधिकमास समाप्त हो रहा है। कई लोग अंतिम दौर में 84 महादेव और 9 नारायण-सप्त सागर की यात्रा करने की इच्छा से उज्जैन आये हैं।