पुलिस मदद के लिए अब डायल 100 नहीं, डायल 112

उज्जैन: उज्जैन में अब पुलिसिंग का तरीका बदलने जा रहा है। अब पुलिस सिर्फ सायरन बजाकर नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी की मदद से आपकी सहायता के लिए तुरंत पहुंचेगी। शुक्रवार को उज्जैन जिले के सभी थानों में 112 नंबर की नई गाड़ियां (जिन्हें फर्स्ट रिस्पॉन्स व्हीकल – 112 FRV कहा जाता है) रवाना की गईं।
इन नई गाड़ियों को पुलिस लाइन से रवाना करते समय सांसद उमेशनाथ महाराज, कलेक्टर रौशनकुमार सिंह और एसपी प्रदीप शर्मा सहित कई बड़े अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
उज्जैन को मिली 35 आधुनिक गाड़ियां
उज्जैन जिले को कुल 35 FRV मिली हैं। ये गाड़ियां उज्जैन की सड़कों पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मदद करेंगी। इन वाहनों को पुलिस लाइन से सभी थानों के लिए भेजा गया।
इनमें से कुछ थानों को एक से ज़्यादा गाड़ियां दी गई हैं, ताकि ज़रूरी जगहों पर पुलिस की मौजूदगी ज़्यादा हो सके। जैसे:
- चिमनगंज और जीवाजीगंज थानों को 3-3 गाड़ियां मिली हैं।
- महिदपुर, माकड़ोन, खाचरौद, नागदा और तराना को 2-2 गाड़ियां मिली हैं।
- बाकी सभी थानों को 1-1 गाड़ी दी गई है।
ये 112 FRV गाड़ियां ख़ास क्यों हैं?
ये 112 FRV गाड़ियां कोई आम पुलिस वाहन नहीं हैं। ये स्कॉर्पियो-एन और बोलेरो नियो प्लस जैसी आधुनिक गाड़ियां हैं, जो हर तरह की टेक्नोलॉजी से लैस हैं:
- GPS और लाइव ट्रैकिंग: पुलिस कंट्रोल रूम से इन गाड़ियों को लाइव ट्रैक किया जा सकता है, ताकि सही जगह पर तुरंत मदद पहुंचाई जा सके।
- कैमरे और गैजेट्स: इनमें बॉडी-वॉन कैमरा (पुलिसकर्मी के शरीर पर लगा कैमरा) और डैशबोर्ड कैमरा लगे होंगे। इसके अलावा, वायरलेस सेट और टैबलेट (MDT) भी होंगे।
- पूरा टूलकिट: हर गाड़ी में एक खास टूलकिट है, जिसमें रस्सी, फावड़ा, फायर एक्सटिंग्विशर, स्ट्रेचर, कटर, हथौड़ा, और फर्स्ट एड बॉक्स जैसी 25 से ज़्यादा चीज़ें रखी गई हैं। इसका मतलब है कि पुलिस सिर्फ कानून-व्यवस्था ही नहीं, बल्कि किसी भी इमरजेंसी में लोगों की मदद कर सकेगी।
अब अगर आपको कभी भी पुलिस की ज़रूरत हो, तो सिर्फ 112 डायल करें। यह नया सिस्टम न सिर्फ पुलिस की प्रतिक्रिया को तेज़ बनाएगा, बल्कि लोगों तक बेहतर और प्रभावी मदद भी पहुंचाएगा।