प्रयागराज में महाकुंभ से पहले बना 40 करोड़ का कॉरिडोर पहली ही बाढ़ में बहा
प्रयागराज बड़े हनुमान मंदिर कॉरिडोर का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था दिसंबर 2024 में उद्घाटन, गुणवत्ता पर उठे सवाल

संगम नगरी प्रयागराज में बड़े हनुमान मंदिर के पास 40 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे कॉरिडोर का पहला चरण गंगा की पहली बाढ़ में ही बह गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ महीने पहले ही जिस परियोजना का उद्घाटन किया था, उसकी दीवारों से पत्थर उखड़ गए हैं और निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
उद्घाटन के कुछ ही महीनों बाद हुआ क्षतिग्रस्त
यह महत्वाकांक्षी परियोजना महाकुंभ 2025 से पहले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए शुरू की गई थी। 13 दिसंबर 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका उद्घाटन किया था। इस प्रोजेक्ट के तहत 11,589 वर्ग मीटर भूमि का अधिग्रहण किया गया था, जिसमें से 2,184 वर्ग मीटर में कॉरिडोर का विस्तार होना था। पहले चरण का काम पूरा हो चुका था, जबकि दूसरा चरण अभी निर्माणाधीन है।
गुणवत्ता और भ्रष्टाचार पर सवाल
कॉरिडोर के निर्माण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग (PWD) को दी गई थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल बाढ़ आना इस क्षेत्र में आम बात है, लेकिन एक स्थायी निर्माण का पहली ही बाढ़ में खराब हो जाना सीधे तौर पर भ्रष्टाचार और लापरवाही का मामला है। कॉरिडोर में लगे राजस्थानी लाल पत्थर पूरी तरह से उखड़ गए हैं, जिससे निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल का संदेह गहरा गया है।
परियोजना का उद्देश्य और वर्तमान स्थिति
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करना और दर्शन को सुविधाजनक बनाना था। हालांकि, चंद महीनों में ही हुए इस नुकसान ने पूरी परियोजना की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।