बेरोजगारों से होने वाली कमाई से मध्यप्रदेश में चल रही स्कूटी-लैपटॉप योजना
बेरोजगारों से होने वाली कमाई प्रति वर्ष करोड़ो में, सरकार ने विधानसभा में दी जानकारी में खुलासा

बेरोजगारों से होने वाली कमाई से मध्यप्रदेश में प्रतिभावान विद्यार्थियों को स्कूटी-लैपटॉप दिये जा रहे हैं। प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के लिए कुल 297 करोड़ रुपए लोक शिक्षण संचालनालय के खाते में कर्मचारी चयन मंडल ने ट्रांसफर किए हैं। धार जिले की सरदार विधानसभा से विधायक प्रताप ग्रेवाल द्वारा उठाये गये प्रश्न के जबाव में यह वस्तुस्थिति सामने आई है। दरअसल, कर्मचारी चयन मंडल ही प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन करता है और उसकी कमाई का मुख्य जरिया बेरोजगारों से ली गई परीक्षा फीस है।
सरकार ने जिस प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के नाम पर कर्मचारी चयन मंडल से पैसे ट्रांसफर कराए हैं उसी योजना के तहत सरकार विद्यार्थियों को स्कूटी और लैपटॉप बांट रही है। धार जिले की सरदार विधानसभा से विधायक प्रताप ग्रेवाल ने विधानसभा के मौजूदा सत्र में प्रतियोगी परीक्षाओं की फीस और कर्मचारी चयन मंडल के फिक्स डिपॉजिट को लेकर सवाल पूछे।
यह सवाल उठाये थे विधायक ने
सरदार विधानसभा से विधायक प्रताप ग्रेवाल ने पूछा कि मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल और कर्मचारी चयन मंडल द्वारा वर्ष 2016 से 2024 के दरमियान और 2025 में अब तक कितनी प्रतियोगी परीक्षाएं हुईं। इनमें कितने परीक्षार्थी शामिल हुए। इनसे कितनी परीक्षा फीस ली गई और कर्मचारी चयन मंडल के फिक्स डिपॉजिट का क्या स्टेटस है? बेरोजगारों काे राहत देने के लिए नि:शुल्क भर्ती परीक्षा क्यों नहीं ली जा रही है?
यह जबाव दिया सरकार ने
इस सवाल का जवाब देते हुए 13 मार्च को विधानसभा में सीएम ने कहा कि 10 सितंबर 2022 और 18 जुलाई 2023 को शासन ने दो आदेश जारी किए। कर्मचारी चयन मंडल को जारी इन आदेशों के जरिए प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के लिए एक बार 160 करोड़ रुपए और एक बार 137 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने के आदेश दिए गए। सीएम ने ये स्वीकार किया कि ऐसा करने के कारण लोक शिक्षण संचालनालय के फिक्स डिपॉजिट में कमी आई है। सीएम ने ये भी कहा कि परीक्षाओं पर हाेने वाले खर्च को बोर्ड ही वहन करता है जिसका एकमात्र जरिया आवेदकों से प्राप्त फीस ही है। उन्होंने विधायक प्रताप ग्रेवाल के मुफ्त भर्ती परीक्षा को लेकर किए गए सवाल का भी जवाब दिया ओर कहा कि फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है।
पिछली भाजपा सरकार के वक्त जारी हुये थे आदेश
10 सितंबर 2022 और 18 जुलाई 2023 को शासन ने दो आदेश कर्मचारी चयन मंडल को जारी किए थे वो पिछली भाजपा सरकार के समय के हैं। दूसरा पत्र तब लिखा गया जब चार महीने बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने थे और सिर्फ दो-ढाई महीने में आचार संहिता लगनी थी। सरकार पर चुनाव से पहले स्कूटी और लैपटॉप की घोषणा को पूरा करने का दबाव था।
आयुष्मान भारत योजना से इलाज कराने के पहले यह बातें जरूर ध्यान रखें, नहीं जो हो सकता है धोखा
वन टाइम परीक्षा फीस की घोषणा भी हुई थी
विधानसभा में सवाल उठाने प्रताप ग्रेवाल ने बताया कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वन टाइम परीक्षा फीस लेने की घोषणा की थी, अब डॉ. मोहन यादव कह रहे हैं कि सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। सरकार ने कर्मचारी चयन मंडल के पैसे स्कूल शिक्षा विभाग को दे दिए, जबकि शिक्षा विभाग खुद बहुत सक्षम है। एक तरफ तो सरकार उद्योगपतियों का कर्जा माफ करती है, किसानों और लाड़ली बहनों को खुशहाल रखने के लिए उनको सुविधा देती है, फिर बेरोजगार परीक्षार्थी के प्रति सरकार क्यों बेरुखी कर रही है।

कई प्रदेशों में सिर्फ एक बार लगती है फीस
सूत्रों के मुताबिक गुजरात और उत्तर प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं की फीस वन टाइम लगती है और वो भी नाममात्र की 100 से 400 रुपए के बीच। वहीं राजस्थान में साल में एक बार ही फीस देना होती है। छत्तीसगढ़ में फीस नि:शुल्क है।
परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसियों की कमाई
साल एजेंसी दर प्रतिछात्र राशि करोड़ में
2016-2017 यूएसटी ग्लोबल 244 37.80
2017-2018 यूएसटी ग्लोबल 244 69.73
2018-2019 यूएसटी ग्लोबल 244 17.96
टाटा कंसलटेंसी सर्विस 254 10.68
2019-2020 यूएसटी ग्लोबल 244 09
2021-2022 NSEIT LDT 269 13.82
2022-2023 एडूक्यूटी करिअर 221.84 221.8
2023-2024 एडूक्यूटी करिअर 221.84 36.5
2024-2025 एडूक्यूटी करिअर 221.84 56.56
इलेक्ट्रोनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया 50.74 12.84
2024-2025 एडूक्यूटी करिअर 221.84 20.52