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भगवान नागचंद्रेश्वर के शीघ्रदर्शन करना है तो 300 रुपए की रसीद कटाइए

महाकाल मंदिर में विराजित है नागचंद्रेश्वर, सिर्फ नागपंचमी पर ही देते हैं दर्शन

समाचार आज । उज्जैन

श्री महाकाल मंदिर के इतिहास में पहली बार भगवान नागचंद्रेश्वर के शीघ्र दर्शन की भी व्यवस्था की गई है। 300 रुपए की रसीद कटवाओ और तुरंत दर्शन पाओ। श्री महाकाल मंदिर परिसर में द्वितीय मंजिल पर विराजित भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन वर्ष में एक बार नागपंचमी पर होते हैं।

इस बार मंदिर प्रशासन ने तय किया है कि दर्शनार्थी नागचंद्रेश्वर भगवान के तुरंत दर्शन करना चाहता है तो उसे तीन सौ रुपए में यह सुविधा दी जायेगी। तीन सौ रुपए की रसीद ऑनलाइन और ऑफलाइन कटवाई जा सकेगी। महाकालेश्वर मंदिर के शीर्ष पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर साल में केवल एक बार नागपंचमी के दिन ही खोला जाता है। इस बार भी 20 अगस्त की रात 12 बजे पट खुलेंगे। इसके पश्चात महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान नागचंद्रेश्वर की पूजा-अर्चना की जाएगी। रात में पूजा के बाद दर्शनों का सिलसिला शुरू हो जाएगा, जो 21 अगस्त की आधी रात 12 बजे तक चलेगा। मंदिर समिति ने भक्तों को नागचंद्रेश्वर मंदिर में प्रवेश के लिए पिछले वर्ष ही महाकाल मंदिर परिसर में फोल्डिंग ओवर ब्रिज का निर्माण किया है।

तीन दिन भीड़ अधिक होने की संभावना

19 अगस्त को शनिवार, 20 अगस्त को रविवार का अवकाश होने के बाद 21 अगस्त को श्रावण सोमवार के साथ ही नागपंचमी का महापर्व होने से महाकाल मंदिर में लगातार तीन दिन तक अधिक भीड़ होने की होगी। देशभर से श्रद्धालु शनिवार शाम से ही उज्जैन पहुंचने लगेंगे। दर्शनार्थी रविवार की मध्य रात्रि 12 बजे से नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए कतार में लग जाएंगे। वहीं, अगले दिन भगवान महाकाल की सवारी देखेंंगे।

नाग पंचमी पर यह रहेगी दर्शन व्यवस्था

  • सामान्य श्रद्धालुओं को चार नंबर गेट से प्रवेश- नागपंचमी पर श्री नागचन्द्रेश्वर के सामान्य दर्शनों के लिए आने वाले दर्शनार्थी भील समाज की धर्मशाला में वाहन पार्क कर दातार अखाड़ा की गली से चारधाम मंदिर के झिकझेग से होकर हरसिद्धि मंदिर चौराहा से होते हुए बड़ा गणेश मंदिर के सामने से मंदिर के चार नबंर गेट और फिर विश्राम धाम पहुंचेंगे। विश्राम धाम की रैलिंग से नए ब्रिज के माध्यम से नागचन्द्रेश्वर मंदिर पहुंचकर दर्शन के बाद वापस विश्राम धाम से होकर मार्बल गलियारे से मंदिर के मुख्य पालकी गेट से बाहर होंगे। इसी तरह, भगवान महाकालेश्वर के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को हरसिद्धि जिगजैग से त्रिवेणी संग्रहालय व त्रिवेणी संग्रहालय से महाकाल लोक होकर मानसरोवर प्रवेश द्वार से होकर दर्शन करवाए जाएंगे। वापसी में श्रद्धालु निर्माल्य द्वार से निकल सकेंगे।
  • 300 रुपए देकर शीघ्र दर्शन की व्यवस्था- 300 रुपए देकर शीघ्र दर्शन टिकट लेने वाले चारधाम मंदिर की ओर से आकर हरसिद्धि मंदिर चौराहे से शामिल होकर दूसरी कतार से सामान्य दर्शनार्थी के साथ ही मंदिर तक पहुंचेगे। वापसी में मुख्य गेट से बाहर होकर वापस बड़ा गणेश के सामने से होकर हरसिद्धि चौराहे तक पहुंचेंगे। हरसिद्धि से बड़ा गणेश मंदिर और मुख्य द्वार तक बेरिकेट्स दो स्तर से रहेंगे।
  • वीआईपी के लिए दर्शन व्यवस्था-नागपंचमी पर्व पर मंदिर आने वाले वीवीआईपी के लिए निर्माल्य गेट से प्रवेश कराने के बाद सभा मंडप के ऊपर से होकर रैंप से विश्राम धाम पहुंचकर नए ब्रिज से दर्शन के बाद इसी मार्ग से वापसी हो सकती है। दूसरा विकल्प महाकाल मंदिर के नैवेद्य द्वार के समीप नागचंद्रेश्वर मंदिर के पुराने चढ़ाव से भी मंदिर तक ले जाया जा सकता है।

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