उज्जैन

महाकाल मंदिर: भस्म आरती के बाद 100 से ज्यादा श्रद्धालुओं के जूते-चप्पल गायब

कचरा गाड़ी में भर ले गए कर्मचारी, थाने भी पहुंची शिकायत

उज्जैन: आज 22 अगस्त की सुबह श्री महाकाल मंदिर में उस समय हड़कंप मच गया जब भस्म आरती दर्शन के बाद 100 से अधिक श्रद्धालुओं के जूते-चप्पल गायब मिले। इनमें दक्षिण भारत से आए 80 श्रद्धालुओं का एक दल भी शामिल था।

इस घटना से गुस्साए श्रद्धालुओं ने जमकर हंगामा किया और मामले की शिकायत मंदिर समिति और महाकाल पुलिस थाने में भी दर्ज कराई है।

लापरवाही बनी जूते चप्पल गायब होने की वजह

यह घटना सुबह करीब 6 बजे हुई। भस्म आरती के लिए मंदिर में प्रवेश करते समय, श्रद्धालुओं ने अपने जूते-चप्पल मंदिर समिति कार्यालय के सामने बने स्टैंड के पास उतारे थे। एक स्टैंड कर्मचारी ने भीड़ अधिक होने के कारण जूते-चप्पल स्टैंड के बाहर रख दिए थे। उसकी योजना बाद में उन्हें अंदर रखने की थी, लेकिन वह भूल गया और कुछ देर के लिए अपनी जगह से चला गया।

इसी दौरान, सुबह करीब 4 बजे, मंदिर परिसर की सफाई करने वाली गाड़ी आई। सफाई टीम को निर्देश होते हैं कि परिसर में यहां-वहां पड़े जूते-चप्पल को कचरे के साथ उठा लें। गलती से, सफाई गाड़ी इन सभी जूते-चप्पलों को कचरे के साथ भरकर ले गई। जब श्रद्धालु वापस लौटे, तो उन्हें अपने जूते-चप्पल वहां नहीं मिले।

श्रद्धालुओं का गुस्सा और कीमती सामान का नुकसान

जूते-चप्पल गायब होने पर दर्शनार्थियों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने पहले तो स्टैंड कर्मचारी पर नाराजगी जताई और फिर मंदिर समिति कार्यालय में शिकायत करने पहुंचे। वहां संतोषजनक जवाब न मिलने पर वे महाकाल पुलिस थाने गए और लिखित शिकायत भी दर्ज कराई।

मंदिर कर्मचारियों ने अपनी गलती मानते हुए हाथ जोड़कर श्रद्धालुओं से माफी मांगी और उन्हें शांत करने की कोशिश की। इस घटना में कई श्रद्धालुओं के महंगे जूते-चप्पल (करीब 4-5 हजार रुपये कीमत के) भी गायब हो गए, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ। कर्मचारियों के लिए कचरा संग्रहण स्थल से इतने सारे जूते-चप्पल तलाशना लगभग नामुमकिन था, इसलिए वे असहाय महसूस कर रहे थे।

यह घटना महाकाल मंदिर परिसर में भक्तों की सुविधाओं और व्यवस्था की कमियों को उजागर करती है, जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

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