महाकाल मंदिर कर्मचारियों को नहीं मिल रहा समय पर वेतन
महाकाल मंदिर कर्मचारियों को अभी तक नहीं मिला है मार्च 2025 का वेतन, फरवरी का वेतन डेढ़ माह बाद मिला था

उज्जैन के महाकाल मंदिर में पदस्थ कर्मचारियों की वेतन व्यवस्था सुधर नहीं रही है। हर माह उन्हें एक-डेढ़ महीने देरी से वेतन मिल रहा है, इस कारण कर्मचारी गंभीर आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। इस बार भी अभी तक मार्च महीने का वेतन नहीं मिला है। वहीं फरवरी महीने का वेतन भी कर्मचारियों को 7 अप्रैल को मिला था।
महाकाल मंदिर में सुरक्षा, सफाई व अन्य कार्यालयीन कार्य के लिए करीब 1500 कर्मचारी आउटसोर्स के जरिये काम कर रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था के लिए क्रिस्टल और अन्य कार्यो के लिये केएसएस कंपनी ने यहां अपने कर्मचारी तैनात किये हैं। दोनों ही कंपनियों के जरिेये करीब 1500 कर्मचारी मंदिर में सेवाएं दे रहे हैं। इन सभी कर्मचारियों को पिछले कई महीनों से समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। क्रिस्टल कंपनी ने अपने सुरक्षाकर्मियों को कभी भी निर्धारित समय हर महीने की 5 तारीख को वेतन नहीं दिया। अब केएसएस कंपनी भी कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे रही है।
मंदिर से नहीं हो रहा है भुगतान
कंपनी द्वारा कर्मचारियों को कहा जा रहा है कि मंदिर से बिल पास नहीं होने के कारण वे समय पर भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। जबकि टेंडर शर्तों के मुताबिक कंपनी को समय पर वेतन भुगतान करना जरूरी है। इसके लिये मंदिर से बिल पास होने का इंतजार किया जाना उचित नहीं है।
महाकाल मंदिर में नियुक्ति से पहले पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी
महाकाल मंदिर समिति द्वारा अब नई नियुक्ति करने से पहले पुलिस वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। इसको लेकर उज्जैन एसपी ने एक पत्र महाकाल मंदिर प्रशासक को लिखा है। इसमें किसी भी नियुक्ति से पहले पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य करने का कहा गया है। महाकाल मंदिर में बीते दिनों अवैध वसूली कर दर्शन और भस्म आरती के नाम पर श्रद्धालुओं के साथ ठगी करने के मामले में 14 लोगो पर एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें मंदिर के कर्मचारी भी शामिल थे। साथ ही भस्म आरती बुकिंग के नाम पर भी कई लोगो पर एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें मंदिर की आउटसोर्स कम्पनी के कर्मचारी के नाम सामने आए। एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि हाल ही में मंदिर से जुड़े मामले में 90 दिनों बाद कर्मचारियों की जमानत हुई है। इसलिए अब मंदिर समिति को किसी भी नई नियुक्ति से पहले उसका पुलिस वेरिफिकेशन करवाना जरूरी किया है। इसके लिए महाकाल मंदिर प्रशासक को पत्र लिखकर अवगत कराया है।