उज्जैन

महाकाल मंदिर प्रांगण में काम चल रहा, जूना महाकाल जाने पर भी रोक

महाकाल मंदिर प्रांगण में स्थित प्राचीन मंदिरों तक नहीं पहुंच पा रहे दर्शनार्थी, पुजारियों में भी नाराजगी

उज्जैन में श्री महाकाल मंदिर में दर्शनार्थियों को प्राचीन मंदिरों की ओर जाने से रोका जा रहा है। इसके पीछे मंदिर समिति के पास कोई उचित कारण भी नहीं है।

पिछले कई दिनों से श्री महाकालेश्वर मंदिर मेें निर्माण कार्य चल रहा है। मंदिर प्रांगण में तमाम निर्माण कार्योँ के कारण 11 मई से प्रांगण में दर्शनार्थियों के जाने पर रोक लगी हुई है। इस कारण दर्शनार्थी औंकारेश्वर, स्वप्नेश्वर महादेव, लक्ष्मी नृसिंह मंदिर, साक्षी गोपाल, नवग्रह मंदिर, सिद्धि विनायक मंदिर सहित करीब एक दर्जन से अधिक प्राचीन मंदिरों के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं। निर्माण कार्य शुरू करते वक्त समिति के जिम्मेदारों द्वारा कहा गया था कि सप्ताह-दस दिन में काम पूरा कर लिया जायेगा। लेकिन डेढ़ महीना बीतने के बाद भी यहां काम अधूरा है और दर्शनार्थी इन मंदिरों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

जूना महाकाल प्रांगण में भी दर्शनार्थियों को रोका

मंदिर प्रांगण में निर्माण कार्यों की वजह से दर्शनार्थियों को नहीं जाने दिया जा रहा है लेकिन मंदिर के दूसरी ओर जूना महाकाल मंदिर प्रांगण में भी जाने से दर्शनार्थियों को रोका जा रहा है। जबकि यहां किसी तरह का निर्माण कार्य भी नहीं चल रहा है। मंदिर प्रशासन ने अनादि कल्पेश्वर महादेव मंदिर के बाहर ही बेरिकेटिंग कर दी है और मंदिर के रैंप की ओर से आ रहे दर्शनार्थियों को सीधे ही निर्गम द्वार की ओर निकाला जा रहा है। जूना महाकाल प्रांगण में दर्शनार्थियों का प्रवेश रोकने का कारण भी निर्माण कार्य बताया जा रहा है, जबकि यहां कोई भी काम नहीं चल रहा है।

पंडे-पुजारियों का गुजर-बसर प्रभावित

मंदिर प्रांगण में दर्शनार्थियों को जाने से रोकने पर पंडे-पुजारियों में भी नाराजगी है। इन लोगों का कहना है कि परिवार का भरण-पोषण मंदिर से ही होता है। मंदिर के साथ कई सेवक भी जुड़े हैं और उनके भरणपोषण की व्यवस्था भी मंदिर से ही होती है। अगर दर्शनार्थी नहीं आयेंगे तो गुजारा कैसे होगा। पंडे-पुजारियों का कहना है कि मंदिर समिति द्वारा आये दिन बढ़ती भीड़ का कारण बताते हुए मंदिर प्रांगण बंद कर दिये जाते हैं। सप्ताह में तीन दिन शनिवार, रविवार, सोमवार तो लगभग हमेशा ही प्रांगण में दर्शनार्थियों का प्रवेश बंद रहता है। जोकि अनुचित है। मंदिर में दर्शनाथियों की संख्या अगर ज्यादा होती है तो प्रांगण भी काफी बढ़ गया है। ऐसे में दर्शनार्थियों को प्राचीन मंदिरों तक जाने से रोकना गलत है।

रविवार को मंदिर में उमड़ी दर्शनार्थियों की भीड़, टनल से ही बाहर निकाला

शनिवार-रविवार 28-29 जून 2025 को श्री महाकालेश्वर मंदिर मेें दर्शनार्थी काफी संख्या में पहुंचे। अधिक संख्या को देखते हुये मंदिर समिति ने दर्शनार्थियों को नवनिर्मित टनल से ही बाहर कर दिया। वहीं जूता-चप्पल की व्यवस्था भी चरमरा गई। जूता स्टैंड की जानकारी नहीं होने के कारण अधिकतर दर्शनार्थियों ने प्रवेश द्वार पर जगह-जगह जूते-चप्पल उतार दिये। जो कि यहां-वहां फैलते रहे।

– हरिओम राय

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