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मारुति फिर लॉन्च करेगी अपनी सबसे सस्ती गाड़ी

ऑल्टो के-10 को नए अवतार में पेश करने की तैयारी

नईदिल्ली। मारुति सुजुकी फिर नए अवतार में ऑल्टो के-१0 को पेश करने की तैयारी में है, जिसे मार्च 2020 में बंद कर दिया गया था। फिलहाल इस कार का कोडनेम वायओएम है। कंपनी का प्लान एंट्री-लेवल हैचबैक सेगमेंट में अपनी हिस्सेदारी को और मजबूत करने का है।
रिपोर्ट के अनुसार ऑल्टो के-१0 का इंजन 998 सीसी है, इसे फिर से पेश किया जा रहा है क्योंकि कंपनी को लगता है कि इस सेगमेंट उसके लिए मुकाबला कड़ा नही है। अभी इस एंट्री-लेवल हैचबैक सेगमेंट में मारुति सुजुकी की अपनी एस-प्रेसो के अलावा सिर्फ एक और एंट्री-लेवल हैचबैक रेनॉल्ट क्विड ही मौजूद है।

एसएंडपी ग्लोबल मोबिलिटी के एसोसिएट डायरेक्टर, लाइट व्हीकल फोरकास्टिंग, गौरव वंगल ने बताया कि एंट्री-लेवल हैचबैक का मौजूदा मार्केट शेयर (7.8 प्रतिशत) है जो एक नए मॉडल को लाने के लिए काफी बड़ा है। एफवाय२2 में, मारुति सुजुकी ने आल्टोऔर एस-प्रेसो की 211,762 गाडिय़ों को बेचा, और रेनाल्ट ने केविड की 26,535 गाडिय़ों को बेचा, जिससे एंट्री-लेवल हैचबैक 250,000 गाडिय़ों का मजबूत बाजार बना।

लगभग 20 सालों में 4.3 मिलियन गाडिय़ों के साथ, मारुति सुजुकी ऑल्टो बिक्री के मामले में भारत की सबसे अधिक बिकने वाली कार है। 2000 में लॉन्च की गई, ऑल्टो की पहली पीढ़ी 2012 तक जारी रही, जब इस दौरान कार की 1.8 मिलियन यूनिट बेची गईं थी। इस समय यह दो इंजन ऑप्शन में आती थी। 1,061 सीसी जिसे उसने वैगन आर के साथ साझा किया और 796 सीसी जिसे उसने मारुति 800 के साथ साझा किया। 2005 में, ऑल्टो ने मारुति 800 को भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार के रूप में देखा, यह स्थिति 2018 तक बनी रही।
ऑल्टो के-10 को कंपनी ने 2010 में लॉन्च किया गया था। इसमें 998-सीसी इंजन था और इस कार की मार्च 2020 में बंद होने तक 880,000 यूनिट्स की बिक्री हुई थी। अक्टूबर 2012 में, दूसरी जनरेशन की ऑल्टो को एक नए नाम, ऑल्टो 800 के साथ लॉन्च किया गया था। यह मारुति 800 के लिए भी एक प्रतिस्थापन था जिसे अंतत: 2014 में चरणबद्ध किया गया था। अब तक इसकी 1.63 मिलियन से अधिक इकाइयां बिक चुकी हैं।

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