मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बेटे डॉ. अभिमन्यु ने सामूहिक विवाह सम्मेलन में 20 अन्य जोड़ों के साथ लिए सात फेरे
ढोल-नगाड़ों के साथ निकली बारात: CM डॉ. मोहन यादव के बेटे घोड़ी पर सवार, परिवार ने किया जमकर डांस

उज्जैन। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बेटे अभिमन्यु यादव और बहू इशिता 30 नवंबर 2025 रविवार को मध्यप्रदेश के उज्जैन में सांवराखेड़ी में आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में विवाह बंधन में बंधे। सीएम के बेटे-बहू के साथ, इस भव्य समारोह में कुल 21 जोड़ों ने एकसाथ सात फेरे लिए।
धूमधाम से निकली बारात
रविवार 30 नवंबर सुबह करीब 10.10 बजे इंपीरियल होटल के नजदीक से मुख्यमंत्री के पुत्र डॉ. अभिमन्यु यादव सहित सभी 21 दूल्हों की बारात शुरू हुई। यादव परिवार के अलावा सैकड़ों लोग बाराती बनकर इस खुशी में शामिल हुए। ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचते-गाते बाराती करीब सवा घंटे में लगभग एक किलोमीटर की दूरी तय कर वाकणकर ब्रिज के नजदीक स्थित सामूहिक विवाह कार्यक्रम स्थल सांवराखेड़ी पहुँचे। कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी बारातियों और मेहमानों का स्वयं स्वागत किया। तोरण रस्म पूरी होने के बाद, सामूहिक विवाह हुआ।
कार्यक्रम में दिग्गज हस्तियां हुईं शामिल
विवाह समारोह को खास बनाने के लिए देश और प्रदेश के कई वीआईपी और वीवीआईपी मौजूद रहे। सुबह 12 बजे तक कार्यक्रम स्थल पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल, कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री तुलसी सिलावट, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र तोमर, स्वामी रामदेव, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रवींद्रपुरी महाराज, और महामंत्री हरि गिरी सहित कई गणमान्य व्यक्ति पहुँच चुके थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने व्यक्तिगत रूप से सभी की अगवानी की।
संतों की ओर से नवदंपतियों को 3.25 लाख रुपए की नकद भेंट
इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में 21 जोड़ों को आर्थिक सहयोग भी मिला। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्रपुरी महाराज ने प्रत्येक जोड़े को सवा लाख रुपए, जबकि पतंजलि पीठ के स्वामी रामदेव ने एक-एक लाख रुपए देने की घोषणा की। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने मंच से संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव की दूरदर्शिता की सराहना की। उन्होंने कहा कि संत समाज की इच्छा है कि समाज में वर्गों का भेद समाप्त हो, और डॉ. यादव देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने इस प्रकार की अनुकरणीय पहल कर समाज में समरसता की मिसाल पेश की है। धीरेंद्र शास्त्री ने प्रत्येक जोड़े को 1 लाख रुपए की भेंट की घोषणा। इस तरह सामूहिक विवाह समारोह में सात फेरे लेने वाले प्रत्येक नवदंपत्ति को संतों की ओर से 3.25 लाख रुपए नकद भेंट मिली।
लज़ीज व्यंजनों से भरा बुफे
विवाह में शामिल होने आए मेहमानों के लिए 12 बजे से भोजन की व्यवस्था की गई थी। बुफे सिस्टम में काजू कतली, राज भोग, मूंग-खसखस का हलवा, केसर कलाकंद, राजस्थानी डंठल पपड़ी, ड्रायफ्रूट चना दाल, भजिये, छोले, आलू-गोभी की सब्जी, पूरी, दाल, रोटी, चावल सहित कई तरह के लज़ीज व्यंजन परोसे गए।
उपहार लाने पर थी रोक
सामूहिक सम्मेलन में 21 जोड़ों के दूल्हा-दुल्हन और उनके 42 परिवारों के सदस्यों के अलावा शहरवासी भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। विवाह सम्मेलन में सभी से उपहार नहीं लाने का आग्रह किया गया था।
विशेष डोम में हुई सामूहिक वरमाला
सामूहिक सम्मेलन के लिए विशेष रूप से सजाए गए डोम में वीआईपी और वीवीआईपी के बैठने की व्यवस्था की गई थी। सभी 21 वर-वधू की वरमाला भी एक साथ हुई।
- सामूहिक वरमाला के लिए 5 विशेष डोम बनाए गए थे।
- दूल्हा-दुल्हन के लिए अलग से ग्रीन रूम तैयार किए गए थे, साथ ही वीआईपी के लिए 1 पैंट्री भी थी।
- कार्यक्रम के लिए 40/100 फीट का एक विशाल मंच और 50/25 फीट का एक अतिरिक्त मंच बनाया गया था।
- फेरों के लिए 15/15 फीट साइज के 21 मंडप तैयार किए गए थे।



