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राग शंकरा तीनताल में रचित जय महेश जटा-जुट…. अनोखी प्रस्‍तुति

अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव 2023 : “शिवसंभवम” के षठम आयोजन में उज्जैन के कलाकारों ने मन मोहा

समाचार आज @ उज्‍जैन।

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के महति आयोजन 18 अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव “शिव संभवम” की छठी संध्या में पहली प्रस्तुति उज्जैन की सुश्री आयुर्धा शर्मा के कथक नृत्य की हुई।

उज्जैन की आयुर्धा शर्मा ने अपनी प्रस्तुति का प्रारंभ राग शंकरा तीनताल में रचित जय महेश जटा-जुट…..श्री महाकालेश्वर भगवान की आराधना से किया | इसके पश्यात शुद्ध कथक में ठाट, आमद, तोड़े-टुकड़े, परण, तिहाईयाँ, बंदिशे, शिव परण व शिवद्रुपद आदि की प्रस्तुति के बाद समापन सूल व तीनताल में निबद्ध शिव वंदना की प्रस्तुति से किया | सुश्री आयुर्धा के साथ तबला संगत पर श्री श्रषिकेरा जगताप एवं श्री गौतम सिंह राज, हार्मोनियम संगत पर श्री यशवंत थितें, पढन्त पर सुश्री रागिनी मक्कड, गायन पर सुश्री वैशाली बकोरे, केजोन पर संगत श्री जयन्त मक्कड ने की |

राग बिहाग तीन ताल में अतुल शास्‍त्री का वायलिन वादन

दूसरी प्रस्तुति उज्जैन के अतुल शास्त्री के वायलिन वादन की हुई | प्रस्तुति के प्रांरभ में राग बिहाग मे विलंबित एकताल से किया | तत् पश्चात राग बिहाग तीन ताल में एक रचना प्रस्तुत की| प्रस्तुति का समापन राग काफी में होरी की प्रस्तुति से किया | आपके साथ तबला संगत हेमंत मक्कड ने की।

कुलदीप दुबे का कथक नृत्‍य-अवंतिकायम विहितावतारम

अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव 2023 “शिव संभवम्” की षष्ठम् संध्या की तृतीय प्रस्तुति कुलदीप दुबे के कथक नृत्य की हुई | कुलदीप दुबे द्वारा एकल कथक का प्रारंभ बाबा महाकाल के प्राकट्य श्लोक अवंतिकायम विहितावतारम…. से हुआ | कथक के मूल अर्थ “कथा कहे सो कथिक कहावे को चरितार्थ करते हुए” राग शंकरा में श्री दुबे द्वारा ही स्वर बद्ध रामचरितमानस के शिव विवाह से ली गई शिव श्रृंगार की चौपाइयों एवं डिमिक डिमिक डमरू कर बाजे प्रेम मगन नाचे भोला….. बंदिश की प्रस्तुति हुई | इसके पश्चात पारंपरिक कथक में विलंबित लय में उठान, आमद, परन आमद , डमरू की उठान, लड़ी, एवं मध्य और द्रुत लय में कथक के विभिन्न घरानों से ख़ासकर लखनऊ की प्रसिद्ध फ़रमाइशी परमेलु, गिनती की रचनाएँ, नटवरी के टुकड़े, विभिन्न जातियों के तोड़े परन आदि के पश्चात “श्री राम चरित मानस के विश्राम की चोपाई, दोहा, छंद राग भैरवी पर भक्ति एवं करुण रस भाव प्रस्तुति हुई, प्रस्तुति के अंतिम चरण में मयूरगत, पंचतत्व की छोटी रचनाओं एवं जुगलबंदी से समापन हुआ | आपके साथी कलाकारों में सितार पर डॉ विनीता माहुरकर, पढ़ंत पर डॉ अंजना चौहान, तबला पर श्री विनायक शर्मा, पखावज पर श्री ऐश्वर्य आर्य, गायन व हारमोनियम पर श्री रोहित परिहार, सारंगी पर सैय्यद अरशद हामिद लतीफ़ ने संगत की।

शुभारंभ में बटुको ने किया स्‍वस्ति वाचन

कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य अतिथि मुकेश टटवाल महापौर, रोशन कुमार सिंह आयुक्त नगर पालिक निगम, माँ हरसिद्धि मंदिर के मुख्य पुजारी राजू गोस्वामी, आयोजक मंडल व कलाकारों द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान के समक्ष दीप-प्रज्जवलन कर किया गया। इस दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति द्वारा संचालित महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के बटुकों द्वारा स्वस्ति वाचन किया गया। दीपप्रज्वलन के उपरांत गणमान्य अतिथियों का मंदिर समिति प्रशासक सन्दीप कुमार सोनी, मंदिर प्रबंध समिति सदस्य राजेंद्र शर्मा“गुरूजी”, राम पुजारी, सहायक प्रशासक आरके तिवारी द्वारा सम्मान किया गया। गणमान्य अतिथियों द्वारा प्रस्तुति हेतु पधारे कलाकारों का सम्मान किया गया। मंच संचालन दीपक कोडापे द्वारा किया गया। संगीत की इस विविधता भरी सुरीली संध्या के साक्षी बनने नगर के कलाप्रेमी दर्शक व कलाकार भी आये।

कलाकारों का परिचय

  • सुश्री आयुर्धा शर्मा – आप नृत्य का विधिवत प्रशिक्षण लखनऊ घराने की गुरु डॉ.रागिनी मक्कड़ के सानिध्य में प्राप्त कर रही हैं। आयुर्धा कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचो पर अपनी भावपूर्ण प्रस्तुतियाँ दे चुकी हैं | साथ ही टेलीविजन के कई प्रसिद्ध चैनलों पर प्रस्तुति दे चुकी हैं जिनमें इंडियाज़ गॉट टैलेंट, इंडियन टेली अवार्ड, दादा साहब फालके एवं इंडियन आईडल शामिल हैं। जगन्नाथ उत्सव, उज्जैनी शार्ट फिल्म फेस्टिवल, मालवा उत्सव, उमाँ साँझी महोत्सव, कृष्ण रंग महोत्सव में भी आपने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया |
  • श्री अतुल शास्त्री – आपकी संगीत की प्रारम्भिक शिक्षा अपने पिता प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पं.प्रमोद शास्त्री के सानिध्य में हुई । पंडित हरिनारायण शर्मा से वायलिन की शिक्षा ली। वर्तमान में डॉ. रमेश तागड़े से वायलिन वादन की शिक्षा ले रहे हैं। अतुल शास्त्री ने कई जगह अपना वादन प्रस्तुत किया है। जिसमें गुरु पूर्णिमा उत्सव- यारपुर, पटना, साउथ सेंटर कल्चर झोन- रत्नागिरी, भारत भवन-भोपाल, कालिदास अकादमी- उज्जैन, सिद्धीविनायक गणेश उत्सव- राजेन्द्र नगर इंदौर आदि कई मंचों और राज्यों में प्रस्तुतियां दे चुके हैं।
  • श्री कुलदीप दुबे – आप ने कथक नृत्य के क्षेत्र में अपनी प्रारंभिक शिक्षा नृत्याचार्य पं. हरिहरेश्वर पोद्दार के सानिध्य में ग्रहण की। आपने अपने गुरु से कथक नृत्य के साथ ही विविध पारम्परिक लोकनृत्यों, गायन एवं वादन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। जयपुर घराने की कथक नृत्य परम्परा में सतत प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए अपने दादा गुरु नृत्याचार्य श्री राजकुमुद ठोलिया से भाव अभिनय की विशेष शैली का ज्ञान प्राप्त किया। तत्पश्चात श्रीमति प्रीति सिन्हा, कथक केंद्र दिल्ली से कथक नृत्य की बारीकियों को सीखते हुए, नृत्य शिरोमणि पद्मविभूषण पं. बिरजू महाराज के प्रथम शिष्य पद्मश्री श्री प्रताप पवार MBE (लंदन) से लखनऊ से घराने की परंपरा में कथक नृत्य और आंगिक अभिनय का उच्चतम ज्ञान प्राप्त किया।

अगली प्रस्‍तु‍त‍ि 19 अगस्‍त को

19 अगस्त शनिवार को श्रावण महोत्सव की सातवी संध्या में कोलकाता की सुश्री शायोनी चावडा के कथक, धार की सुश्री गुंजन जोशी के शास्त्रीय गायन एवं बैगलुरु की सुश्री अदिति गाँधी के कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी।

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