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शनिचरी अमावस्या पर देर रात से त्रिवेणी स्थित शनि मंदिर पर लगी भीड़

उज्जैन, समाचार आज। शनिचरी अमावस्या पर दर्शन और पुण्य लाभ के लिए शुक्रवार देर रात से ही भक्तों की भारी भीड़ त्रिवेणी स्थित शनि मंदिर में लगने लगी थी। रात 12 बजे बाद भक्तों ने शिप्रा नदी के पानी से फव्वारो द्वारा स्नान के बाद शनि भगवान के दर्शन कर दान पुण्य लाभ कमाया।

त्रिवेणी के सभी घाट पर फव्वारे से स्नान की व्यवस्था के साथ ही महिलाओं को वस्त्र बदलने, पनौती के रूप में पुराने वस्त्र और जूते छोडऩे की व्यस्व्था भी प्रशासन ने की थी इसके साथ ही सुरक्षा को देखते हुए 70 स्थानों पर जूम कैमरे लगाए गए।

इंदौर रोड स्थित नवग्रह शनि मंदिर में शनिचरी अमावस्या पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान और दर्शन के लिए पहुंचें। प्रशासन ने सुविधा पूर्वक दर्शन कराने के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था की है।

श्रद्धालुओं को नदी में जाने से रोकने के लिए वे बेरिकेट्स लगाए है। वहीं मुख्य सड़क से मंदिर परिसर में 2 स्तर पर बैरिकेटिंग की गई है, जिसमें एक और से श्रद्धालु घाट पर स्नान के लिए जाएंगे और दर्शन के बाद बाहर आएगें। इसी तरह दूसरे बेरिकेट्स से वे श्रद्धालु जाएंगे जो केवल शनिदेव के दर्शन करने के लिए आएंगे।

शुक्रवार रात 12 बजे शासकीय पूजन के बाद से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के स्नान का सिलसिला शुरू हुआ जो की शनिवार दिन भर चलता रहेगा। भक्तो की सुविधा के लिए ऑनलाइन दान हेतु क्यूआर कोड शनि मंदिर में पहली बार प्रशासन की ओर से लगाए गए थे। इस व्यवस्था से दर्शनार्थी मोबाईल फोन के माध्यम से ऑनलाइन दान कर सकेंगे।

ऑनलाइन कर सकेंगे दान

तहसीलदार अनिरुद्ध मिश्रा ने बताया कि शनिचरी अमावस्या पर सामान्यत: जो दर्शनार्थी आते हैं वह 1,2, 5 और 10 रूपए के सिक्के मंदिर में चढ़ाते है। इस बार सिक्कों की परेशानी को देखते हुए दर्शनार्थियों से अपील की जा रही है कि श्रद्धालु दान के लिए क्यूआर कोड स्केन कर उपयोग करें।

70 जगह सीसीटीवी जूम कैमरा और 6 जगह चप्पल स्टैंड

शनि मंदिर में श्रद्धालु स्नान के बाद पनोती के रूप में अपने जूते चप्पल वही छोड़कर चले जाते है। हजारो भक्तों द्वारा छोड़े गए कपड़े और जूते चप्पलो के ढेर को आखिर में प्रशासन नगर निगम को सौप देगा। जिसके बाद निगम उसे नीलाम करेगा।

तहसीलदार अनिरुद्ध मिश्रा ने बताया कि जूते चप्पल लिए 6 जूता स्टेण्ड बनाए है और कपडे के लिए घाट पर एक जगह निर्धारित कर दी है। त्रिवेणी घाट और शनि मंदिर में स्नान और दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस व्यवस्था के साथ ही प्रशासन ने मुख्य इंदौर मार्ग से लेकर शनि मंदिर परिसर व घाट के चारों ओर बेरिकेटिंग की व्यवस्था के साथ ही 70 स्थानों पर जूम कैमरे लगाए है। मंदिर परिसर में बने कंट्रोल रूम से पूरे क्षेत्र की व्यवस्था पर नजर रखी जाएगी।

शनिचरी अमावस्या का ज्योतिषीय महत्व

पं. अमर डिब्बेवाला के अनुसार शनि ढाई वर्ष में राशि परिवर्तन करते है। ढाई वर्षो के दौरान वक्र अवस्था व मार्गी अवस्था चलती है। गणना के चक्र के बाद शनि ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते है। इस बार मौनी अमावस्या पर शनि का राशि परिवर्तन 4 दिन पहले हो गया है। कुंभ राशि के शनि की उपस्थिति में इस बार की मौनी अमावस्या का महापर्व योग बन रहा है।

विशेष यह भी है कि मकर राशि में सूर्य शुक्र की युति तथा मूल त्रिकोण की स्थिति खप्पर योग का निर्माण कर रही है। हालांकि इसमें मतांतर है, किंतु यह स्पष्ट है कि जब इस प्रकार की स्थिति बनती है तो अलग-अलग प्रकार के योग संयोग बनते है। शनि का कुंभ राशि में प्रवेश की अवस्था 30 वर्ष बाद बन रही है।

रात्रि में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का होना अमावस्या तिथि को तंत्र की गणना से विशेष बल प्रदान करता है, क्योंकि उत्तरा नक्षत्र शनि की ही राशि का नक्षत्र माना जाता है। इस दृष्टि से भी यह नक्षत्र विशेष सिद्धि के लिए बलवान बताया गया है।

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