
शहीद का सम्मान सिर्फ बातों में नहीं, बल्कि उनके परिवारों के जीवन में होना चाहिए—इसी सोच के साथ ‘शहीद समरसता मिशन’ ने एक और मिसाल पेश की है। उज्जैन के वीर सपूत शहीद गजेंद्र राव सुर्वे के परिवार के लिए मिशन ने उनकी ही जमीन पर 19.85 लाख रुपये की लागत से एक नया घर बनाकर दिया है। इस घर को ‘राष्ट्रशक्ति मंदिर’ का नाम दिया गया है, जो राष्ट्र के प्रति बलिदान की भावना का प्रतीक बन गया है।
मिशन का अनूठा अभियान
‘शहीद समरसता मिशन’ के मोहन नारायण ने बताया कि उनका यह अभियान एक अनूठा प्रयास है, जिसके तहत जनसहयोग से एकत्रित राशि से शहीदों के परिवारों के लिए घर बनवाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि यह उनका 32वां घर है, जिसे उन्होंने 15 राज्यों में शहीद परिवारों को समर्पित किया है। देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के परिवारों की मदद के लिए चलाए जा रहे ‘शहीद समरसता मिशन’ ने उज्जैन के एक शहीद परिवार को सम्मान का तोहफा दिया है। मिशन ने शहीद सैनिक गजेंद्र राव सुर्वे के माता-पिता के लिए उनकी ही जमीन पर 19.85 लाख रुपये की लागत से एक सर्वसुविधायुक्त घर बनाकर दिया है। इस घर को ‘राष्ट्रशक्ति मंदिर’ नाम दिया गया है, जो राष्ट्र के प्रति सेवा और बलिदान का प्रतीक है।
जनसहयोग से साकार हुआ सपना
मोहन नारायण, जो ‘शहीद समरसता मिशन’ का नेतृत्व करते हैं, ने बताया कि यह पूरा प्रयास जनसहयोग से संभव हुआ है। 2 फरवरी 2006 को लद्दाख में शहीद हुए गजेंद्र सुर्वे का परिवार तब से विनोद मिल की एक चाल में रह रहा था। उनके बलिदान के बावजूद, परिवार को आर्थिक तंगी और जीवन की मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था। जब मिशन को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने समाज से सहयोग की अपील की। लोगों के समर्पण से एकत्रित हुई राशि से सरस्वती नगर में, उद्योगपुरी के पीछे, आगर रोड पर, इस घर का निर्माण पूरा कराया गया।
वीर माता-पिता के लिए सम्मानपूर्वक गृह प्रवेश
बुधवार 13 को, इस नए घर में शहीद के माता-पिता का गृह प्रवेश एक समारोहपूर्वक ढंग से कराया गया। सुबह 11:30 बजे, सरस्वती नगर में एकत्रित हुए अतिथियों और मिशन के कार्यकर्ताओं ने शहीद के माता-पिता के चरणों में कृतज्ञतापूर्वक अपनी हथेलियां बिछाकर उनका स्वागत किया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उन्हें ‘राष्ट्रशक्ति मंदिर’ रूपी इस नए भवन में प्रवेश कराया गया। इस भावुक क्षण के गवाह बनने के लिए रिटायर्ड ले. जनरल बी.एस. सिसौदिया, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अशोक सोहनी, उद्योगपति राजकुमार गोयल और कई सैन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। मोहन नारायण ने बताया कि यह उनके मिशन द्वारा 15 राज्यों में शहीद परिवारों को दिया गया 32वां घर है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि उज्जैन में जल्द ही शहीद गजेंद्र सुर्वे की एक प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी, जिसके लिए मूर्ति बनाने का ऑर्डर दिया जा चुका है। यह पहल न सिर्फ शहीद परिवार को सम्मान दे रही है, बल्कि यह भी संदेश दे रही है कि राष्ट्र अपने नायकों के बलिदान को कभी नहीं भूलता।
जल्द लगेगी शहीद सुर्वे की प्रतिमा
मोहन नारायण ने इस मौके पर यह भी घोषणा की कि मिशन जल्द ही शहीद गजेंद्र सुर्वे की एक प्रतिमा भी लगवाएगा। उन्होंने बताया कि मूर्ति बनाने का ऑर्डर दिया जा चुका है और इसके लिए 1.05 लाख रुपये का भुगतान भी किया गया है। मूर्ति आने के बाद, प्रशासनिक अधिकारियों से बात करके उचित स्थान पर इसे स्थापित किया जाएगा, ताकि शहीद का सम्मान हमेशा बना रहे। यह पहल न केवल शहीद के परिवार के लिए सम्मान का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि समाज एकजुट होकर अपने नायकों के परिवारों की देखभाल करने के लिए प्रतिबद्ध है।