श्री महाकाल भस्मारती के नाम फिर ठगाये दर्शनार्थी, इस बार छह लोगों से 21 हजार वसूले

मंदिर प्रशासक की अपील- किसी को दर्शन के लिए पैसा नहीं दें, सुगम दर्शन हो रहे हैं मंदिर में
हरिओम राय
समाचार आज @ उज्जैन
भूतभावन भगवान महाकाल के दर्शन के नाम पर एक बार फिर दर्शनार्थियों के साथ ठगी की घटना हुई है। इस बार छत्तीसगढ़़ के छह दर्शनार्थियों से भस्मारती दर्शन और गर्भगृह में जलाभिषेक के नाम पर 21 हजार रुपए लिये गये हैं। मंदिर समिति ने रुपए वसूलने और प्रोटोकाल के जरिए अनुमति करवाने वाले चार लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए महाकाल पुलिस को लिखा है। मंदिर समिति प्रशासक संदीप सोनी ने सभी दर्शनार्थियों से अपील की है कि वे किसी को भी दर्शन के नाम पर अतिरिक्त रुपए ना दें, मंदिर समिति ने सभी व्यवस्था ऑनलाइन की है और नि:शुल्क सुलभ दर्शन भी 30-40 मिनट में आसानी से हो रहे हैं।
मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के 6 श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए गुरुवार 29 जून को उज्जैन पहुंचे थे। यहां पर श्रद्धालुओं की मुलाकात बाहरी पुरोहित घनश्याम शर्मा और यश शर्मा से हुई। दोनों ने 6 लोगों की भस्म आरती अनुमति बनवाने और गर्भगृह से जलाभिषेक रसीद कटवाने के नाम पर 21 हजार 600 रूपए लिए थे। श्रद्धालु जब गुरुवार सुबह भस्मारती के बाद गर्भगृह में समय सीमा के दौरान जलाभिषेक नहीं कर सके तो मंदिर प्रशासन को पूरे मामले की शिकायत की गई और मामला उजागर हुआ। खास बात यह भी रही कि गुरुवार को मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने श्रावण मास के लिए गर्भगृह में चांदी सफाई कार्य को देखते हुए सुबह 9 बजे से ही गर्भगृह में जलाभिषेक की रसीद काटना बंद करने के निर्देश दिए थे। गौरतलब है कि यदि छत्तीसगढ़ के श्रद्धालु भी भस्म आरती के बाद मंदिर प्रशासन द्वारा व्यवस्था बंद नहीं करने पर जलाभिषेक कर देते तो यह मामला सामने नहीं आता।
जनप्रतिनिधियों के नाम से जारी हुआ प्रोटोकाल
शिकायत के बाद पूछताछ में घनश्याम शर्मा व यश शर्मा ने बताया कि भस्म आरती की अनुमति उन्होने सोनू पारिख के माध्यम से और गर्भगृह में जलाअभिषेक की रसीद भावेश जोशी के माध्यम से कटवाई गई थी। मंदिर प्रशासन की जांच में सामने आया कि जो भस्म आरती अनुमति बनवाई थी वह विधायक मुरली मोरवाल के कोटे से बनी थी। इसी तरह गर्भगृह में जलाभिषेक के लिए रसीद कटवाने के लिए प्रोटोकॉल पॉइंट महापौर के नाम पर उनके प्रतिनिधि पवन के माध्यम से डलवाया गया था। हालांकि मंदिर समिति ने जब सोनू और भावेश के मोबाइल नंबर पर कॉल किया तो दोनों के मोबाइल बंद थे। शिकायत के आधार पर प्रारंभिक जांच के बाद मंदिर प्रशासन में जांच प्रतिवेदन के साथ शिकायत पत्र महाकाल थाना पुलिस को एफआईआर के लिए सौंपा है।

हर दर्शन की व्यवस्था तय, किसी को रुपए नहीं दें-प्रशासक
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप सोनी का कहना है कि मंदिर में दर्शन-अभिषेक आदि के लिए व्यवस्था तय है। स्पर्श या जलाभिषेक दर्शन, शीघ्र दर्शन, भस्मारती दर्शन आदि का निर्धारित शुल्क ऑनलाइन जमा करने की भी सुविधा है। इसके लिए किसी को भी अलग से रुपए नहीं दें। आम दर्शनार्थी नि:शुल्क दर्शन भी सुगमता से कर रहे हैं। मात्र 30-40 मिनट में नि:शुल्क सुगम दर्शन उपलब्ध हो रहे हैं। जो भी व्यक्ति रुपए की मांग करता है उसकी शिकायत मंदिर समिति मेें करें या फिर मंदिर समिति के हेल्पलाइन नंबर पर भी इसकी शिकायत कर सकते हैं।