सिंहस्थ के पहले उज्जैन मूर्तिकला का केंद्र बनेगा, पूरे प्रदेश में मूर्तियां भेजेंगे
सिंहस्थ की तैयारी के लिये आयोजित संस्कृति और धार्मिक न्यास विभाग की बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अफसरों को निर्देश दिये

सिंहस्थ 2028 के पहले भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन को मूर्तिकला केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके बाद प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर उज्जैन से मूर्तियां भेजी जायेंगी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संस्कृति और धार्मिक न्यास विभाग के अफसरों के साथ हुई बैठक में बुधवार 7 मई 2025 को यह निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीर भारत न्यास, वीर भारत संग्रहालय और महादेव मूर्ति कला कार्यशाला की गतिविधियों की मंत्रालय में समीक्षा की।
उज्जैन सृष्टि के हर युग में महत्वपूर्ण रहा है-सीएम
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि उज्जैन सृष्टि के हर युग में महत्वपूर्ण रहा है। इसलिए ऐतिहासिक रूप से हर विभिन्न युगों में उज्जैन के महत्व पर केंद्रित गैलरी वीर भारत संग्रहालय में विकसित की जाए। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के विभिन्न अंचलों पर केंद्रित गैलरी भी हो। उज्जैन को मूर्ति कला के केंद्र के रूप में विकसित किया जाए, यहां से प्रदेश में आवश्यकता अनुसार मूर्तियां उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार अपनी सनातन संस्कृति एवं महापुरुषों के गौरवशाली अतीत की पुनस्र्थापना के लिए भी प्रतिबद्ध है।
कुंभ सिटी योजना के फायदे बताये उज्जैन सिंहस्थ मेला अधिकारी ने
महाकाल में आग की घटना पर भी मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री डॉ यादव ने महाकाल महालोक में पिछले दिनों बैटरी में लगी आग की घटना के मामले में जानकारी ली और कहा कि ऐसे इंतजाम किए जाएं कि दोबारा घटनाएं न हों ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना होने पर यहां आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी न हो। उन्होंने अफसरों को महाकाल महालोक की मूर्तियों को भी सटीक बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।