उज्जैनदेश-दुनिया

सिंहस्थ के लिए रहेगी अलग की गई जमीन, टाउनशिप नहीं बनेगी

सीएम के निर्देश से अखाड़ा परिषद में खुशी, अधिसूचना के खिलाफ लगायेंगे आपत्ति

समाचार आज । उज्जैन

उज्जैन में सिंहस्थ की जमीनों को मुक्त कर कृषि से आवासीय किए जाने के मामले में अब फिर से जमीनों को कृषि भूमि किया जाएगा। इसमें करीब 148.679 हेक्टेयर जमीन को सिंहस्थ के उपयोग में लिया जा सकेगा। इसमें उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, उनके परिवार के सदस्यों सहित सहयोगियों की जमीन भी शामिल हैं। सीएम के इस निर्णय से अखाड़ा परिषद ने प्रसन्नता जाहिर की है।

7 जुलाई को उज्जैन विकास योजना- 2035 में ग्राम सावराखेड़ी व कस्बा उज्जैन में सिंहस्थ-2016 के लिए अधिसूचित सिंहस्थ क्षेत्र के अंतर्गत सैटेलाइट टाउन के लिए आरक्षित 148.679 हेक्टेयर भूमि का उपयोग उज्जैन विकास योजना-2021 में निर्दिष्ट भूमि उपयोग के अनुसार रखा जाएगा। यानी जमीन का उपयोग कृषि ही रहेगा और उसका उपयोग सिंहस्थ- 2028 में किया जाएगा। इसमें अस्थायी पार्किंग या सिंहस्थ के लिए रिजर्व रखी जाएगी। इसके लिए भूमि उपयोग उपांतरण की कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री ने इसे लेकर जरूरी आदेश आयुक्त-सह- संचालक टीएंडसीपी नगर तथा ग्राम निवेश को दिए हैं।

कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा नेताओं ने ही ली थी आपत्ति

उज्जैन मेें सिंहस्थ के लिए सुरक्षित जमीन में से मंत्री डॉ. यादव और संबंधियों की जमीन को बाहर किए जाने का मामला उजागर होने के बाद पिछले दिनों भोपाल में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुई बैठक में पूर्व मंत्री व उज्जैन उत्तर के विधायक पारस जैन व पूर्व सांसद चिंतामणी मालवीय ने मास्टर प्लान में जमीनों को सिंहस्थ क्षेत्र से मुक्त कर कृषि से आवासीय किए जाने पर आपत्ति ली थी। इसमें उन्होंने सीएम से कहा था कि यह सब किए जाने से जनता में अच्छा मैसेज नहीं जाएगा। कांग्रेस नेता रवि राय ने भी आपत्ति दर्ज करवाई थी।

अखाड़ा परिषद ने मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मास्टर प्लान में सिंहस्थ कुंभ मेले के उपयोग की भूमि को आरक्षित करने के निर्णय का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं समस्त साधु समाज, सभी अखाड़ों ने स्वागत किया है तथा मुख्यमंत्री के प्रति कृतज्ञता एवं धन्यवाद ज्ञापित किया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं मां मनसा देवी ट्रस्ट हरिद्वार के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि बाईपास की 148.64 हेक्टेयर भूमि कुंभ मेले के लिए आरक्षित कर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि मुख्यमंत्री सनातन धर्म के सबसे बड़े पर्व कुंभ मेला, साधु संतों और अखाड़ों के प्रति कितने संवेदनशील हैं। कुछ माह पूर्व मास्टर प्लान में छेड़छाड़ कर कुछ तथाकथित कॉलोनाइजरो ने सिंहस्थ मेले की कृषि भूमियों को आवासीय करने का षड्यंत्र रचा था, इस पर तत्कालीन अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ब्रह्मलीन श्रीमहंत नरेंद्र गिरी जी महाराज द्वारा कड़ी आपत्ति उस समय दर्ज करवाई गई थी। उसके बाद अखाड़ा परिषद के वर्तमान अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज और महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने मुख्यमंत्री सहित प्रमुख सचिव नगरीय तथा ग्राम निवेश विभाग को पत्र भेजकर सिहस्थ मेला क्षेत्र से जो छेडख़ानी की जा रही है उस पर आपत्ति दर्ज की थी। अखाड़ा परिषद के स्थानीय प्रबंधक श्रीमहंत रामेश्वर गिरी महाराज द्वारा भोपाल में स्वयं उपस्थित होकर आपत्तियां दर्ज कराई गई थी। पिछले दिनों जब मास्टर प्लान लागू हुआ और उसमें मेले के लिए आरक्षित जमीनों को आवासीय करने की जानकारी लगी तो पुन: अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरीजी महाराज ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से दूरभाष पर चर्चा की। सरकार ने तमाम विचारों के बाद आखिरकार बाईपास की 148.64 हेक्टयर भूमि को सिहस्थ के लिए आरक्षित किया गया। परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री हरी गिरी महाराज ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया है।

जीवन खेड़ी और दाऊद खेड़ी के लिए आपत्ति होगी दायर

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी दी है कि उन्हें जानकारी लगी है कि सिहस्थ बाईपास की 148.64 हेक्टेयर के अलावा जीवन खेड़ी और दाऊद खेड़ी में भी काफी संख्या में खुली भूमि है, जो आने वाले कुंभ मेले 2028 के लिए सैटलाइट टाउन, पार्किंग एवं अन्य जन उपयोगी सुविधाओं के लिए उपयोग में आ सकती है, ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि जीवन खेड़ी और दाऊद खेड़ी की कृषि भूमियों को भी इसके लिए आरक्षित कर यहां कॉलोनी काटने से रोका जाए।

Related Articles

Back to top button