उज्जैनमध्यप्रदेश

उज्जैन: सिंहस्थ 2028 की तैयारी में ‘क्वालिटी’ सबसे ऊपर

अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने अधिकारियों को किया ताक़ीद

उज्जैन: सिंहस्थ 2028 को भव्य और सुविधाजनक तरीके से आयोजित करने की तैयारी ज़ोरों से चल रही है। जिसके चलते इस बार प्रशासन ने कामों की गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता न करने का कड़ा रुख अपनाया है।

नगरीय विकास और आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS)  संजय दुबे ने हाल ही में इस मामले में उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। जिसमें उन्होंने साफ निर्देश दिए कि अगर सिंहस्थ 2028 से सबंधित या अन्य किसी भी काम की गुणवत्ता में कमी पाई गई, तो संबंधित अधिकारी को दूसरा मौका नहीं दिया जाएगा।

बैठक में दुबे ने कहा कि

सिंहस्थ 2028 के दौरान करोड़ों श्रद्धालु उज्जैन आएंगे और और इसको लेकर वर्तमा।न में चल रहे निर्माण कार्यों के पूरा होने पर न सिर्फ़ शहर बल्कि पूरे प्रदेश की छवि बेहतर बनेगी।

इसलिए हर अधिकारी को अपनी ज़िम्मेदारी समझते हुए एकजुट होकर काम करना होगा। उन्होंने अधिकारियों को भरोसा दिया कि सिंहस्थ 2028 से जुड़े निर्माण कार्यों के लिए फंड की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।  साथ ही उन्होंने यह भी ताकीद किया कि सभी काम समय सीमा के भीतर और तय मानकों के अनुसार पूरे होने चाहिए।

प्रोजेक्ट्स पर ख़ास ध्यान

श्री दुबे ने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की। जिनमें शहर के सीवरेज और पेयजल सप्लाई के काम शामिल हैं। उन्होंने अधिकारियों को सलाह दी कि सिंहस्थ 2028 से जुड़े कार्यों को लेकर सिर्फ कंसल्टेंट के भरोसे न रहें, बल्कि खुद व्यक्तिगत तौर से कार्यों की स्थिति और गुणवत्ता पर भी नज़र रखें।

उन्होंने शिप्रा नदी से लोगों का जुड़ाव बढ़ाने के लिए साइकिल पाथवे, पैदल मार्ग और  पौधारोपण अभियान पर भी ज़ोर दिया, ताकि उज्जैन में लोगों के जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो सके।

श्री कालभैरव मंदिर उन्नयन प्रोजेक्ट पर चर्चा करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि श्रद्धालुओं को गर्मी से बचाने के लिए और फर्श को ठंडा रखने के लिए मंदिर के प्रांगण में ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाएं।

सिंहस्थ 2028: भविष्य की योजनाएं और निरीक्षण

इस मौके पर कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने बैठक में कई बड़ी परियोजनाओं की कार्ययोजना पर प्रकाश डाला। जिनमें सिंहस्थ आध्यात्मिक सिटी, श्री कालभैरव मंदिर कॉम्प्लेक्स का उन्नयन, निकास चौराहे से इंदौर गेट और आगर रोड पर मकोड़िया आम से नीलगंगा तक एलिवेटेड ब्रिज का निर्माण शामिल है।

इन सभी योजनाओं को मुख्य सचिव के साथ होनेे वाली अगली बैठक में स्वीकृति के लिए रखा ‌‌जाएगा। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि कालभैरव मंदिर कॉम्प्लेक्स के लिए एक नई अप्रोच रोड, तीन पार्किंग, एक धर्मशाला और एक फैसिलिटी सेंटर बनाने की भी योजना है, जिसकी लागत करीब 163 करोड़ रुपये होगी।

ऑन-साइट निरीक्षण: काम का जायज़ा

बैठक के बाद ACS संजय दुबे ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर शहर में चल रहे कई निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने देवास रोड से कलेक्टर कार्यालय तक बनी  फोरलेन सड़क और नव-निर्मित वीर भारत संग्रहालय का जायजा लिया।

उन्होंने इस संग्रहालय को बहुत महत्वपूर्ण बताया और निर्देश दिए कि यहां दी जाने वाली जानकारी आम जनता और बच्चों के लिए आसानी से समझ में आने  वाली हो। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि संग्रहालय रात 10 बजे तक खुला रहे, ताकि बाहर से आने वाले दर्शकों को भी इसे देखने का मौका मिले। संग्रहालय के पीछे शिप्रा नदी का भी विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए।

इसके बाद, टीम ने यूनिटी मॉल, हरिफाटक ओवर ब्रिज, और श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया। श्री दुबे ने महाकाल मंदिर में दर्शन भी किए, जहां कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने उनका सम्मान किया।

इस पूरे निरीक्षण के दौरान, अधिकारियों को निर्माण कार्यों में गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सख्त निर्देश दिए गए। यह स्पष्ट है कि प्रशासन सिंहस्थ 2028 को एक सफल और यादगार आयोजन बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है, और इसमें सबसे बड़ी प्राथमिकता कार्यों की गुणवत्ता है।

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