उज्जैन

सिटी बस में बारात, कंपनी को नोटिस

समाचार आज । उज्जैन

उज्जैन में सिटी बस के नाम पर किस तरह मनमानी चल रही है इसका उदाहरण सामने आया है। एक हम है और एक हमारा पड़ोसी शहर इंदौर..दोनों शहरों में जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीकरण योजना के अंतर्गत लगभग एक साथ ही सिटी बसों की सौगात मिली थी। इंदौर अपने कारवां में बसें बढ़ाता रहा, हर रोज एक नई उपलब्धि हांसिल करता रहा और हम जो बसें आई थी, उन्हें भंगार बनाते रहे। उज्जैन में संचालित होने वाली सिटी बस से अब एक नया विवाद जुड़ गया है।

उज्जैन नगर निगम के स्वामित्व वाली सिटी बस में आपरेटर द्वारा एक बारात ले जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस प्रकरण में शिकायत के बाद अब सिटी बस की आपरेटर कंपनी विनायक टूर एंड ट्रेवल्स को सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस कंपनी की ओर से नोटिस जारी किया गया है। आपरेटर से प्रकरण में तत्काल जवाब तलब कर उसे टेंडर निरस्त तक कर देने की चेतावनी दी गई है। पिछले साल नगर निगम उज्जैन के स्वामित्व वाली सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस कंपनी द्वारा विनायक टूर एंड ट्रेवल्स कंपनी के साथ 25 बसों को आपरेट करने का अनुबंध किया गया था। फिलहाल यह कंपनी 10 सिटी बसें चला रही है। इनमें भी शहर में केवल 3 ही बसों का संचालन हो रहा है, शेष बसें तराना और शाजापुर रूट पर दौड़ाई जा रही है।

पिछले दिनों उज्जैन-शाजापुर रूट की एक सिटी बस में बारात ले जाने का मामला सामने आया था। सिटी बस पर बारात का बेनर चस्पा होने का वीडियों भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। किसी शादी समारोह में सिटी बस का इस्तेमाल टेंडर की शर्तो का उल्लंघन है लिहाजा सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस कंपनी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुनील जैन ने विनायक टूर एंड ट्रेवल्स को यह नोटिस जारी किया है। गौरतलब है कि उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस कंपनी 39 सीएनजी बसों को अटाला बना चुकी है। इसके बाद लगभग 30 डीजल बसें भी केंद्र सरकार के सहयोग से उज्जैन को मिली थी लेकिन इनमें से भी केवल 10 बसें ही सड़कों पर है, शेष खराब हालत में मक्सीरोड़ के डिपो में खड़ी है। जो 10 बसें सड़क पर है, उनमें भी शहर में केवल 3 ही बसें चल रही है। इनका भी ठीक से संचालन नहीं हो पा रहा है, आए दिन कुछ न कुछ बखेड़ा खड़ा हो ही जाता है। इसे आप नगर निगम अधिकारियों की विफलता नहीं तो ओर क्या मानेंगे। पिछले साल जब विनायक टूर कंपनी को सिटी बसें सौंपी गई थी, तब भी इसके रेट को लेकर खासा बखेड़ा हो गया था। इस कंपनी को उस रेट पर बसें सौंपी गई है, जितने पर रोजाना ऑटो रिक्शा भी किराए पर नहीं मिलता।

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