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सीहोर कुबेरेश्‍वर धाम में डेढ़ लाख स्‍क्‍वायर फीट पांडाल और बढ़ाया, लाखों लोग ले रहे समारोह का आनंद

महाशिवरात्रि पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, 10 टन से अधिक फलहारी प्रसादी का वितरण, 5 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे कथा स्थल पर

कथा स्थल पर लाख श्रद्धालु, पंडाल पड़े छोटे, पानी के लिए चलाए जा रहे 150 से अधिक पेयजल टैंकर, 600 से अधिक शौचालय

समाचार आज । सीहोर

सभी देवता देते भैया पल्ला झाड़ कर मेरे भोले बाबा देते भैया छप्पर फाड़कर। भगवान महादेव पर विश्वास और आस्था होना चाहिए, तब ही सत्य के मार्ग पर आप अग्रसर हो सकते है।  अपने कर्म के प्रति जिस दिन तुम जागरूक हो जाओगे, उस दिन तुम्हें तुम्हारे लक्ष्य की प्राप्ति निश्चित है। कर्म का फल जरूर मिलता है। श्री शिवपुराण में भी लिखा है कि स्वयं कर्म करोगे तो दुख घटना शुरू हो जाएगा। कर्म की लिस्ट हम स्वयं तैयार करते है। जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वरधाम पर जारी सात दिवसीय शिव महापुराण के तीसरे दिन भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने कही। उन्होंने कहा कि जिस कार्य को आप पूरी निष्‍ठा और सत्य के साथ करेंगे उसमें आपको सफलता मिलेगी।

कुबेरेश्‍वर धाम में मौजूद भारी जनसमुदाय

रुद्राक्ष वितरण फिलहाल बंद

महाशिवरात्रि के मौके पर चल सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा के सान्निध्‍य में रुद्राक्ष महोत्‍सव चल रहा है। शुरुआती दिनों में भारी भीड़ के कारण कुछ अव्‍यवस्‍थाएं हुई इस कारण यहां पर रुद्राक्ष वितरण बंद कर दिया गया है। पं. मिश्रा का कहना है कि रुद्राक्ष अब महोत्‍सव के बाद पूरे साल बांटा जायेगा पंडित मिश्रा ने कथा के दूसरे दिन कहा- इस रुद्राक्ष उत्सव से, इसके पहले के रुद्राक्ष उत्सव से, उसके पहले वाले रुद्राक्ष उत्सव से यही सीखने को मिला है कि रुद्राक्ष उत्सव करो, आयोजन हो, रुद्राक्ष का शिवलिंग बने, अनुष्ठान भी हो। बस उस रुद्राक्ष को रुद्राक्ष उत्सव के समय वितरित नहीं करते हुए पूरे साल जो कुबेरेश्वर धाम आते हैं, उन्हें दिया जाए। जो भक्त नहीं आ सकते, वे साल में कभी भी आकर यहां से रुद्राक्ष ले सकते हैं। लोग समझ रहे हैं यह रुद्राक्ष की भीड़ है, यह तो बाबा के भक्तों की भीड़ है।

शिव का व्रत करें पर अभिमान नहीं करें

भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि हमारे द्वारा किए गए अच्छे कर्मों के बाद यदि मन मे अहंकार का भाव आ गया तो उसका पुण्य लाभ हमें नहीं मिलता। यदि हम भगवान शिव का व्रत रखकर अभिमान करते हैं तो उस व्रत का वांछित फल हमें नहीं मिलता है।

खुले मैदान में बिस्‍तार लगाये बेठै है श्रद्धालु

हजारों श्रद्धालु कुबेरेश्वर धाम में ऐसे भी आए हैं जो यहां पर हर रोज कथा सुन रहे हैं। इन्हें डोम में जगह भी नहीं मिली है लेकिन फिर भी इनकी आस्था देखिए कि खुले मैदान में ही अपना बिस्तर लगाकर ये बैठ जाते हैं और फिर रात 12 बजे तक भजन कीर्तन का दौर शुरू हो जाता है। सभी अपनी-अपनी टोलियों में भजन गाते हैं। महाराष्ट्र अकोला के बीडी सिंह अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ यहां आए हैं। रात 11.30 बजे यह सभी के साथ बैठकर भोजन कर रहे थे। जब इनसे पूछा गया कि डोम में जगह नहीं मिली तो बाहर खुले में परेशानी नहीं होगी। इस पर उन्होंने कहा कि बिल्कुल नहीं। जितना डोम के अंदर आनंद है तो बाहर उससे भी ज्यादा आनंद है।

हम तो पूरा आयोजन देखकर जाएंगे

दिल्ली से दीपिका और उनका परिवार और कुछ उनकी सहेलियां यहां पर आई हैं। रात 12.10 बजे ये भजन कीर्तन कर रही थीं। इनकी संख्या 9 है। दीपिका से जब पूछा कि यहां पर किस तरह की परेशानी हो रही है तो उसने बताया कि जब ज्यादा भीड़ होती है तो परेशानी तो होती ही है। इतने संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जा सकते हैं। फिर भी जैसा है वह ठीक है। हम तो सातों दिन कथा सुनने के बाद दिल्ली जाएंगे।

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