हरि और हर का मिलन-अधिक मास अमावस्या पर

महाकाल का अदभुत श्रृंगार, देखने उमड़े लाखों भक्त
बृजमोहन वाजपेयी
समाचार आज @ उज्जैन
भगवान महाकाल का हम आपको दिखाने जा रहे हैं अदभुत श्रृंगार। अधिक मास की अमावस्या पर 16 अगस्त बुधवार को भगवान महाकाल का श्रृंगार हरि और हर के मिलन के स्वरुप में किया गया है।
बुधवार को श्री महाकालेश्वर हरि और हर के स्वरूप में दिखाई दिये। यह श्रृंगार सुबह भस्मारती के बाद किया गया है। दर्शन के लिए लाखों की संख्या में जनसमुदाय उमड़ रहा है। बुधवार सुबह तीन बजे मंदिर के पट खुलते ही पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया। पंडे – पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक और दूध, दही, घी, शक्कर, फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया।प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद भगवान के मस्तक पर भांग, चंदन और त्रिपुंड अर्पित कर भगवान महाकाल का हरि-हर मिलन स्वरूप में शृंगार किया गया। श्रृंगार पूरा होने के बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढंककर भस्म रमाई गई। इस दौरान सद्योजात, अघोर, तत्पुरुषाय, ईशान और वामदेव के मंत्रों का पाठ किया। भस्म अर्पित करने के पश्चात भगवान महाकाल को शेषनाग का रजत मुकुट रजत की मुंडमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ साथ सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला अर्पित की। अधिकमास के पूर्ण होने पर श्री महाकालेश्वर पुजारी परिवार की ओर से बाबा महाकाल को छप्पन भोग अर्पित किया गया।
अधिकमास अमावस्या का विशेष महत्व
मंदिर के पुजारी पंडित गौरव शर्मा ने बताया कि अधिक मास के पूर्ण होने पर मंदिर में हरि और हर का मिलन हुआ। श्रावण मास शिव को समर्पित होता है, जबकि पुरुषोत्तम मास भगवान विष्णु को। हरि और हर की कृपा सभी पर बनी रहे इसी कामना के साथ मंदिर में विशेष पूजन अर्चन हुआ। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने चलायमान दर्शन व्यवस्था के तहत अपने इष्ट देव बाबा महाकाल के दर्शनों का लाभ लिया।
लाखों लोग पहुंच रहे हैं दर्शन के लिए
इन दिनों महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए भी कााफी संख्या में दशनार्थी पहुंच रहे हैं। मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि श्रावण माह में श्रद्धालुओं की गणना करने के लिए स्मार्ट सिटी द्वारा लगाई गई हेड काउंट डिवाइस के माध्यम श्रद्धालुओं के श्री महाकालेश्वर मंदिर में आगमन की संख्या की जानकारी भी मिल रही है। 15 अगस्त को प्रातः 03 बजे भस्मार्ती से रात्रि 09 बजे तक लगभग कुल 05 लाख 45 हज़ार से अधिक दर्शनार्थियों ने श्री महाकालेश्वर भगवान के दर्शन किये। बुधवार को भी अमावस्या पर काफी संख्या में दर्शनार्थी मंदिर पहुंचे हैं। पं. गौरव शर्मा ने बताया कि पुजारी परिवार द्वारा अमावस्या पर हरि और हर का मिलन करवाकर भगवान महाकाल को महाप्रसादी का आयोजन किया है।