इंदौर की बारिश से गंभीर डेम लबालब; पूरी क्षमता 2250 एमसीएफटी तक भर गया
उज्जैनवासियों की प्यास अब पूरी तरह बुझने को तैयार

उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल की नगरी उज्जैन के लिए खुशखबरी है। लगातार हो रही बारिश से गंभीर डेम अपनी पूरी क्षमता तक भर गया है। शनिवार तक सूखे जैसी स्थिति और नर्मदा पर निर्भरता झेलने वाले उज्जैनवासियों के चेहरे अब खिल उठे हैं। रविवार सुबह करीब 7 बजे 2250 एमसीएफटी की क्षमता से गंभीर डेम लबालब भर गया और पानी का दबाव देखते हुए एक गेट खोलना पड़ा।
डेम का गेट खुला, बहने लगा पानी
सुबह पौने 7 बजे सायरन बजाकर गंभीर डेम का गेट नंबर 3 डेढ़ मीटर तक खोला गया। करीब आधे घंटे बाद बहाव और तेज़ हुआ तो गेट को दो मीटर तक खोलना पड़ा। इस सीजन में पहली बार ऐसी स्थिति बनी जब डेम का पानी छोड़ा गया।
इंदौर की बारिश से मिला सहारा
हालाँकि उज्जैन में शनिवार को बारिश नहीं हुई थी, लेकिन इंदौर और आसपास के इलाकों में 3 इंच तक बारिश दर्ज की गई। यही पानी गंभीर डेम तक पहुँचा और देखते-ही-देखते डेम छलक पड़ा। पांच दिन पहले तक जहां नर्मदा से पानी लाने की चर्चा चल रही थी, वहीं अब स्थिति ऐसी है कि अतिरिक्त पानी छोड़ना पड़ रहा है।
उज्जैन के तालाबों की स्थिति
उंडासा तालाब : 184 एमसीएफटी क्षमता वाला यह तालाब भी पूरी तरह भर चुका है।
साहिबखेड़ी डेम : 446 एमसीएफटी क्षमता के मुकाबले इसमें फिलहाल 278.89 एमसीएफटी पानी है यानी अभी लगभग 167 एमसीएफटी खाली है।
जलस्तर की झलक
दिन | जलस्तर (एमसीएफटी) |
---|---|
15 जुलाई | 251 |
31 जुलाई | 195 |
2 अगस्त | 187 |
10 अगस्त | 150 |
19 अगस्त | 178 |
22 अगस्त | 268 |
26 अगस्त | 331 |
29 अगस्त | 758 |
30 अगस्त | 1162 |
31 अगस्त | 2250 (फुल) |
प्रतिदिन जलप्रदाय की मांग
गंभीर डेम के भरने से उज्जैन वासियों को जल संकट से बड़ी राहत मिली है। नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा कि अब नगर निगम को एक दिन छोड़कर पानी देने की बजाय प्रतिदिन जलप्रदाय करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि नर्मदा-शिप्रा लिंक योजना के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद जनता को पानी के लिए तरसाया गया।
रवि राय ने कहा कि अब जब डेम फुल है और पानी छोड़ा जा रहा है, तो नगर निगम प्रशासन के पास कोई बहाना नहीं बचा है। उन्होंने महापौर और भाजपा बोर्ड से तुरंत प्रतिदिन जलप्रदाय शुरू करने की मांग की।
पानी बचाने की भी ज़रूरत
विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही डेम भर गया हो, लेकिन पानी की बचत पर भी जोर देना होगा। एक दिन छोड़कर जलप्रदाय की पुरानी व्यवस्था से राहत तो मिली है, पर अब यह मौका है कि कुओं और बोरिंग पर निर्भरता घटाकर भूमिगत जल स्तर को भी सुरक्षित रखा जाए।
तकनीकी जानकारी
गंभीर डेम के गेट खोलने के लिए 100 हॉर्सपॉवर की मोटरों और जनरेटर का उपयोग किया जाता है, जिससे बिजली कटने पर भी तुरंत पानी छोड़ा जा सकता है।