मध्यप्रदेश

हल्ला बोल : बैरिकेड्स पर चढ़े भाजपाई और कांग्रेसी नेता

भाजपा ने हल्ला बोला, कांग्रेसी भी सामने आए, टकराव के हालात बने

उज्जैन: सोमवार 1 सितंबर 2025 को शहर में हल्ला बोल रैली से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई जब भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वर्गीय माता जी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में “हल्ला बोल” रैली निकाली। यह रैली कांग्रेस कार्यालय का घेराव करने के उद्देश्य से निकाली गई थी, लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं के भारी विरोध और पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स के कारण भाजपाई वहां तक नहीं पहुँच सके। इस दौरान दोनों पार्टियों के नेता और कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।

हल्ला बोल

बैरिकेड्स पर चढ़े विधायक और जिलाध्यक्ष, कार्यकर्ताओं में जोश

जैसे ही भाजपा की रैली चामुंडा माता मंदिर चौराहे से कांग्रेस कार्यालय चौराहे तक पहुंची, पुलिस ने उन्हें बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया। यह देखकर भाजपा कार्यकर्ता बैरिकेड्स को धकेलने लगे। दूसरी ओर, कांग्रेस कार्यकर्ता भी पहले से ही तैयार थे और अपने झंडे तथा नारे लिखी तख्तियां लेकर बैरिकेड्स के पास मोर्चा संभाले हुए थे।

इस टकराव के बीच, कांग्रेस के विधायक महेश परमार और ग्रामीण जिलाध्यक्ष मुकेश भाटी बैरिकेड्स के ऊपर चढ़ गए और झंडे लहराकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। वे करीब एक घंटे तक बैरिकेड्स पर खड़े रहे और भाजपा कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने से रोकते रहे। भाजपा की ओर से विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा और नगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल भी कुछ समय के लिए बैरिकेड्स पर चढ़े, लेकिन वे जल्दी ही नीचे उतर आए। हालांकि, दोनों पार्टियों के छोटे कार्यकर्ता लगातार बैरिकेड्स को धकेलने का प्रयास करते रहे।

नेताओं ने संभाला मोर्चा, हिंसा टली

बैरिकेड्स के दोनों ओर कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह था और वे एक-दूसरे पर लाठियों का प्रयोग करना चाहते थे। इसी दौरान, बैरिकेड्स पर बैठे भाजपा नेता संजय अग्रवाल और कांग्रेस विधायक महेश परमार ने हस्तक्षेप किया और अपने-अपने कार्यकर्ताओं को हिंसा करने से रोका। इस बीच दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से बात भी की। इस दौरान एक कांग्रेसी कार्यकर्ता के सिर में लाठी लग गई, लेकिन बात ज्यादा नहीं बढ़ी और स्थिति नियंत्रण में रही।

कम रही दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं की संख्या

भाजपा ने इस विरोध प्रदर्शन के लिए पूरी रणनीति बनाई थी और कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाकर उन्हें समझाया भी था, लेकिन कांग्रेस की तरह भाजपा के भी ज्यादा कार्यकर्ता इसमें शामिल नहीं हुए। दोनों ही पार्टियों के कई कार्यकर्ता दूर से ही यह सब नजारा देखते रहे। रैली और प्रदर्शन में महिलाओं की संख्या भी कम ही रही।

परमार ने दिए गांधी और आंबेडकर के पोस्टर

प्रदर्शन के दौरान, कांग्रेस विधायक महेश परमार के हाथों में गांधी जी और डॉ. आंबेडकर के पोस्टर थे, जिन्हें दिखाकर वे भाजपा कार्यकर्ताओं को चिढ़ा रहे थे। भाजपा कार्यकर्ताओं ने जब उनसे वे पोस्टर मांगे, तो परमार ने उन्हें देते हुए कहा कि इन्हें अपने कार्यालय में भी लगा लेना। यह घटना दोनों पार्टियों के बीच की तनातनी के बीच एक हल्की-फुल्की नोंक-झोंक की तरह रही।

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