वक्फ कमेटी को ब्लैकमेल करने वाले गैंग का पर्दाफाश, 3 आरोपी गिरफ्तार

उज्जैन: शहर में एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जो फर्जी दस्तावेज और झूठी शिकायतों के जरिए वक्फ कमेटी को ब्लैकमेल कर रहा था। खाराकुंआ थाना पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी न सिर्फ समितियों पर अवैध रूप से दुकानें आवंटित करने का दबाव बना रहे थे, बल्कि उन्होंने न्यायालय को भी गुमराह करने की कोशिश की।
फर्जीवाड़े का जाल और पुलिस कार्रवाई
पुलिस के अनुसार, वक्फ मस्जिद एवं मजार मदार गेट उज्जैन वक्फ कमेटी के उपाध्यक्ष हारून नागौरी ने इस धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि नर्मदापुरम जिले के गांधीनगर सोहागरपुर के निवासी अय्यूब खान, सलीम खान और अमजद हुसैन फर्जी दस्तावेज बनाकर उन्हें और उनकी प्रबंध समिति को लंबे समय से परेशान कर रहे थे।
पुलिस जांच में पता चला कि इस गिरोह ने वक्फ कमेटी पर अपना कब्जा जमाने की कोशिश की, लेकिन मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया था। इसके बाद जब फैजान खान की अध्यक्षता में नई समिति का गठन हुआ, जिसमें हारून नागौरी उपाध्यक्ष बने, तो इन आरोपियों ने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया।
कोर्ट को भी किया गुमराह
गिरोह ने कूटरचित दस्तावेज, झूठी शिकायतें और फर्जी शपथ पत्र तैयार कर विभिन्न थानों और कोर्ट में पेश किए। वे वक्फ कमेटी पर दुकानों का अवैध आवंटन करने का दबाव बना रहे थे। पुलिस जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि आरोपियों ने इंदौर हाई कोर्ट खंडपीठ के सामने भी झूठे शपथ पत्र पेश कर कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की थी।
पूरे प्रदेश में अवैध उगाही?
पुलिस को संदेह है कि यह गिरोह सिर्फ उज्जैन तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश में वक्फ कमेटियों को ब्लैकमेल कर अवैध उगाही करने में लिप्त है। वे फर्जी दस्तावेज बनाने और वक्फ समितियों का दुरुपयोग करने जैसे गंभीर अपराधों में भी शामिल हैं।
खाराकुंआ थाना पुलिस ने अय्यूब अहमद खान, सलीम खान और अमजद हुसैन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस गिरोह के अन्य सदस्यों की भी तलाश शुरू कर दी है, ताकि इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया जा सके।