उज्जैनमध्यप्रदेश

ब्याज का धंधा-बना मौत का फंदा

ट्रिपल मर्डर केस का खुलासा : डेली रेट से ब्याज वसूलते थे बाप-बेटे

ब्याज दे-दे कर थक गए और मार डाला, ब्लैंक चेक की तलाश में मां की भी हत्या

समाचार आज। उज्जैन

तीन पहले सामने आए ट्रिपल मर्डर केस का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। घटना का कारण सूदखोरी सामने आया है। आरोपियों का कहना है कि वो ब्याज दे-दे कर थक गए थे। फिर भी उधारी खत्म नहीं हो रही थी। इस कारण परेशान होकर उन्होंने पहले पिता-पुत्र को मौत के घाट उतारा। बाद में ब्लैंक चेक लेने घर गए तो बुजुर्ग महिला को भी मजबूरीवश जान से मारना पड़ा।

मामला तीन दिन पुराना है। जीवाजीगंज थाना क्षेत्र के हरिहर नगर निवासी राजेश नागर, पुत्र पार्थ नागर की शत-विक्षत लाश इंगोरिया पुलिस ने ग्राम बुरावदा में नदी के पास नाले के किनारे से रविवार रात को बरामद की थी। लाश के पास से मिले राजेश नागर के मोबाइल के आधार पर पुलिस ने पता लगाया कि दोनों हरिहर नगर उज्जैन में रहते हैं। यहां जीवाजीगंज पुलिस जब उनकी तलाश में पहुंची तो घर में ताला लगा था। घर मेें से तेज बदबू भी आ रही थी। सोमवार सुबह पुलिस दोबारा राजेश नागर के घर पहुंची और ताला तोड़कर घर में प्रवेश किया तो अंदर से राजेश की 80 वर्षीय बुजुर्ग मां सरोज की लाश पलंग पेटी में से मिली। लाश बुरी तरह सड़ चुकी थी। एक ही परिवार के तीन लोगों की लाश मिलने से उज्जैन पुलिस भी सकते में आ गई। तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच शुरू की। खुद डीआईजी मामले की मॉनिटरिंग कर रहे थे।

गुरुवार को पुलिस ने मामले का खुलासा किया है। पुलिस कंट्रोल रूम पर मीडिया से चर्चा करते हुए एसएसपी सत्येंद्रकुमार शुक्ल ने बताया कि मृतक राजेश सूदखोरी का कारोबार करता था। वो छोटे व्यापारी, हाथ ठेला व्यापारी आदि को छोटी-छोटी रकम उधार परदेता था और डेली की किश्त बनाकर पिता-पुत्र रोज वसूली करते थे। एसपी ने बताया कि इन लोगों ने उज्जैन के दो सब्जी विक्रेताओं को ज्यादा रकम उधार दे दी थी। इस कारण इन दोनों ने उसे रास्ते से हटाने का मन बना लिया और घटना को अंजाम दिया। इन्हें सिक्योरिटी बतौर ब्लैंक चेक दे रखे थे। राजेश-पार्थ की हत्या के बाद आरोपीगण जब राजेश के घर चेक लेने गए तो वहां पर उन्हें बुजुर्ग सरोज की भी गला घोटकर हत्या कर दी।

रोज का ब्याज वसूलते थे इसलिए मार डाला

सूत्रों के मुताबिक आरोपी जयराम कुशवाह निवासी मोहन नगर और दिनेश जैन निवासी कमल कॉलोनी हैं। दोनों सब्जी का व्यापार करते हैं। बाद में दिनेश ने लोडिंग ऑटो रिक्शा खरीद लिया और रिक्शा के जरिए वो गांवों में जाकर चावल व अन्य अनाज आदि बेचता था। राजेश ने जयराम और दिनेश को भी रुपए उधार दिए थे। जिसमें से जयराम के करीब 2 लाख 75 और दिनेश जैन के 20 हजार रुपए की देनदारी बची हुई थी। जिसका तगादा राजेश और पार्थ दोनों पर दबाव बनाकर कर रहे थे। कोरोना काल में धंधे-व्यवसाय चौपट होने के कारण इनकी उधारी खत्म होने के कारण और बढ़ती गई, क्योंकि राजेश और पार्थ दिन के अनुसार ब्याज वसूलते थे। ब्याज दे-दे कर परेशान हुए दिनेश ने राजेश और उसके बेटे पार्थ को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। योजना के तहत दिनेश ने 8 अप्रैल गुरुवार को राजेश को कहा कि उसे बडऩगर में एक व्यापारी से पैसे लेना है तो तुम भी साथ चलो और वहां से मिले रुपए लेकर लौट आना। चूंंकि राजेश और उसका बेटा पार्थ साथ-साथ ही वसूली के लिए निकलते थे, इस कारण पार्थ भी उनके साथ रिक्षा में चला गया। जयराम भी इनके साथ बैठ गया। रास्ते में ये लोग इंगोरिया के पास एक सुनसान जगह पर रुके। यहां पर इन्होंने राजेश और पार्थ की आंखों में मिर्ची झोंककर चाकू से गला काट दिया और दोनों के शव इंगोरिया बुरामदा गांव के पास फेंक आये।

ब्लैंक चेक लेने घर गए तो मां की हत्या करना पड़ी

राजेश-पार्थ की हत्या के बाद देर रात को ये दोनों ब्लैक चेक लेने राजेश के घर पहुंचे। यहां पर बुजुर्ग सरोज ने चीख-पुकार करना चाही। इस कारण इन्होंने सरोज का भी गला घोट दिया और लाश को पलंग पेटी में बंद कर दी। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि दोनों ने घर का कोना-कोना छान मारा, लेकिन ब्लैंक चेक इनके हाथ नहीं लगे। इस कारण ये वहां से निकल गए। घटना के बाद जयराम मोहन नगर स्थित अपने किराये के मकान में ताला लगाकर भाई के घर इंदौर आ गया। वहां उसने परिवार को छोड़ा और खुद सागर जिले में स्थित पैतृक घर चला गया।

मोबाइल ने पहुंचाया आरोपियों तक

सूत्रों के मुताबिक कई गुत्थियों में उलझे इस ट्रिपल मर्डर केस को मोबाइल ने आसान बनाया। पुलिस ने घटनास्थल से मिले राजेश के मोबाइल के लास्ट कॉल की जांच की तो पता चला कि जयराम का मोबाइल घटना की रात से ही बंद है। वो घर से भी गायब है। पुलिस को दूसरे सब्जी विक्रेताओं से पता चला कि तीन-चार दिन से वो नजर नहीं आया है। आखिरी बार वो दिनेश के साथ दिखा था। इस आधार पर पुलिस ने दिनेश को उठाया और वहां से मिली सूचना के आधार पर इंदौर और उसके बाद सागर में दबिश देकर जयराम को धरदबोचा।

100 से अधिक कैमरे के फुटेज निकाले पुलिस ने

एसएसपी शुक्ल ने बताया की घटना की गंभीरता को देखते हुए अलग अलग टीमें काम पर लगाई थी। उज्जैन से इंगोरिया तक के करीब 100 कैमरे के फुटेज चैक किए गए। राजेश के मोबाइल की सीडीआर भी चेक की। एसएसपी शुक्ल ने बताया कि दोनों मामलों में आरोपियों की गिरफ्तार पर १०-१० हजार रुपए के ईनाम की घोषणा की गई थी। टीम को इस इनाम के अलावा अन्य पुरस्कार के लिए रिकमेंट किया गया है।

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