महाकाल मंदिर में व्हीलचेयर एक्सपर्ट हटाए, बुजुर्ग महिला दर्शनार्थी व्हीलचेयर से गिरी

मंदिर प्रशासन कहा-नि:शक्तों की सुविधा के लिए बदली है व्यवस्था
समाचार आज । उज्जैन
उज्जैन महाकाल मंदिर में व्हील चेयर पर नि:शुल्क सेवाएं देने वाले लोगों को वहां से हटाने के कारण गुरुवार को एक बड़ा हादसा हो जाता है। व्हील चेयर ले जाना वाला नहीं होने के कारण एक बुजुर्ग महिला को उसका बेटा ही व्हील चेयर से ले गया। रास्ते में व्हील चेयर पलट गई। हालांकि भगवान महाकाल की कृपा रही कि महिला को ज्यादा चोंट नहीं आई, लेकिन इस घटना के बाद से महाकाल मंदिर प्रशासन के खिलाफ दर्शनार्थी आक्रोशित हो गए।
महाकाल मंदिर क्षेत्र में अभी तक ये व्यवस्था थी कि चलने-फिरने में असमर्थ दर्शनार्थी को व्हीलचेअर के माध्यम से दर्शन के लिए ले जाने की व्यवस्था है। व्हील चेअर चलाने में एक्सपर्ट कुछ युवक यहां अपनी नि:शुल्क सेवाएं देते थे। मंदिर समिति द्वारा इन्हें कोई भुगतान नहीं दिया जाता है। दर्शन करने जाने वाले दर्शनार्थी द्वारा खुशी-खुशी जो इन्हें दे दिया जाता है, वे लेकर ये अपना जीवन-यापन करते हैं। ऐसे तीन कर्मचारी यहां वीआईपी गेट पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। लेकिन गुरुवार को महाकालेश्वर मंदिर में तीन व्हीलचेयर कर्मचारियों के तबादला करना महंगा पड़ गया। गुरुवार को एकाएक भीड़ अधिक होने से व्हीलचेयर व्यवस्था बिगड़ गई। बुजुर्ग और दिव्यांग घंटों 5 नंबर गेट के अंदर व्हीलचेयर कर्मचारी का इंतजार करते रहे।
बुधवार को तबादला हुए 44 कर्मचारियों ने अपने नये स्थान पर ड्यूटी देना आरंभ किया। मंदिर के पांच नंबर गेट पर सेवा दे रहे व्हीलचेयर कर्मचारी ओम योगी, सतीश चौहान और राधेश्याम बैरागी का तबादला पेयजल, गोशाला और जूता-चप्पल स्टैंड पर कर किया गया है। व्हीलचेयर सेवा केएसएस कंपनी के कर्मचारियों के हाथों में सौंप दी गई। पूर्व में एक शिफ्ट में तीन कर्मचारी तैनात थे, लेकिन गुरुवार को एक शिफ्ट में एक कर्मचारी को लगाया था। 2 से 10 की शिफ्ट में तैनात केएसएस कर्मचारी दशरथ अकेले व्हीलचेयर व्यवस्था संभाल नहीं पाया। इसी दौरान एक बुजुर्ग महिला को व्हील चेयर पर लेकर उसका बेटा ही चलने लगा। रास्ते में व्हीलचेयर पलटी खा गई। शुक्र है, महिला को ज्यादा चोंट नहीं आया। घटना के बाद अन्य दर्शनार्थी उनकी मदद के लिए वहां पहुंचे और मंदिर प्रशासन को आड़े हाथों लिया। व्हील चेयर से मां के गिरने के कारण बेटा भी रोने लगा, जिसे अन्य दर्शनार्थियों ने शांत करवाया।
जानकारी में आया है कि पांच नंबर गेट पर व्हीलचेयर कर्मचारी का इंतजार करते हुए श्रद्धालु परेशान हो गए तो उन्होंने कंट्रोल रूम और मंदिर के अधिकारियों के मोबाइल पर फोन लगा दिए। लेकिन किसी भी अधिकारी ने उनको फोन नहीं उठाया। हां कंट्रोल रूम से एनाउंसमेंट जरूरत होता रहा, लेकिन कर्मचारी नहीं होने के कारण आखिरकार श्रद्धालुओं के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने वहां पर रखीं व्हीलचेयरों को अपने कब्जे में लेते हुए अपने बुजुर्ग परिजनों को उसमें बैठा दिया और संचालन खुद ने शुरू कर दिया।
इस घटना के बाद महाकाल मंदिर प्रशासन भी हैरत में आ गया। शुक्रवार को व्यवस्था में सुधार करते हुए वहां पर निजी कंपनी के कर्मचारी तैनात कर दिये। इसमें से तीन कर्मचारी वीआईपी गेट और दो कर्मचारी सामान्य गेट पर तैनात किए हैं जो वहां लगातार मौजूद रहेंगे।
दूसरी ओर मंदिर प्रशासन ने शुक्रवार शाम को जारी एक बयान में बताया कि नि:शक्तजनों की सुविधा के लिए नई व्यवस्था बनाई है।