मध्यप्रदेश

पार्श्वनाथ सिटी के डेवलपर्स पर 8 साल बाद एफआईआर

लोगों को रखा था धोखे में, एक दिन पहले रहवासियों ने किया था आंदोलन

समाचार आज। उज्जैन


उज्जैन में नागझिरी स्थित पार्श्वनाथ सिटी के डेवलपर्स पर 8 साल बाद आखिरकार धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज हो गई है। पुलिस ने कॉलोनी को डेवलप करने वाली कंपनी के 3 डायरेक्टर्स के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस मामले में जांच के दौरान नगर निगम के भी कुछ अधिकारी लपेटे में आएंगे। वीओ- पार्श्वनाथ सिटी के कालोनाइजर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए इस कॉलोनी के 200 से ज्यादा लोग करीब 3 घंटे तक नागझिरी थाने के बाहर डटे रहे, तब कहीं जाकर एफआईआर दर्ज हो सकी।

सोमवार की शाम पार्श्वनाथ सिटी के 200 से ज्यादा रहवासी नागझिरी थाने पर पहुंचे थे। ये लोग कॉलोनाइजर्स और गलत तरीके से इन्हें पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने वाले नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराना चाहते थे। थाना प्रभारी विक्रम इवने ने इन्हें शिकायती आवेदन देने को कहा साथ ही आश्वासन दिया कि जांच के बाद अपराध दर्ज कर लिया जाएगा। रहवासी इस आश्वासन पर नहीं माने और थाने के बाहर नारेबाजी करने लगे। सभी रहवासी इस बात पर अड़ गए कि जब तक एफआईआर नहीं होगी, थाने के बाहर से नहीं हटेंगे। नागझिरी थाने का घेराव होने की सूचना पर सीएसपी वंदना चौहान भी मौके पर पहुंची। उन्होंने रहवासियों का पक्ष जाना इसके बाद एसपी और नगर निगम आयुक्त से भी बात की। आखिरकार शाम 7.30 बजे रहवासियों को आश्वस्त किया गया कि आपकी एफआईआर दर्ज की जा रही है। रात 8 बजे पुलिस ने पार्श्वनाथ डेवलपर्स के डायरेक्टर प्रदीप जैन, राजीव जैन और विवेक गर्ग के खिलाफ धारा 420, 34 में केस दर्ज कर लिया।

पार्श्वनाथ कॉलोनी में कॉलोनाइजर ने विद्युत सब स्टेशन का निर्माण नहीं किया है। इसके बावजूद नगर निगम के पूर्व इंजीनियरों ने कॉलोनाइजर को 29 मई 2010 और 1 मार्च 2014 को पूर्णता प्रमाण पत्र दे दिया। 2020 में नगर निगम परिषद के सम्मेलन में भी इस मुद्दे पर खासा हंगामा हुआ था। 16 मार्च 2020 को नगर निगम आयुक्त ऋषि गर्ग ने प्रकरण में एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस को पत्र भेजा था। अधूरी जानकारी के साथ भेजे गए इस पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई थी। नगरनिगम के पास कॉलोनी की स्कूल और शापिंग कांप्लेक्स की 14 हजार 784 वर्ग फिट जमीन बंधक है। इस जमींन को बेचकर विद्युत सब स्टेशन का निर्माण किया जाना है लेकिन 4 बार के टेंडर में जमीन के खरीदार ही नहीं मिल रहे है।

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