मध्यप्रदेश

बिजली बिल पहले महीने 4 लाख, दूसरे महीने 10 लाख

देख कर ही होश उड़ गए , सुधार की जगह ऑफिस-ऑफिस खेल रहा विभाग

समाचार आज।

रघुवरदयाल गोहिया, सीहोर

सीहोर में बिजली विभाग की मनमानी या यूं कहें कि लापरवाही ने एक युवक की रातों की नींद छीन ली है। बिजली कंपनी ने उसे घरेलु मीटर का बिजली बिल पहले महीने 4 लाख रुपए भेजा। शिकायत की तो विभाग ने दूसरे महीने 10 लाख रुपए का बिल जारी कर दिया। अब बिल सुधार के लिए बिजली उपयोक्ता दो महीने से बिजली कंपनी के आफिस के चक्कर काट रहा है।

सीहोर में बिजली कंपनी की लापरवाही का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, हम आपको बता दें कि सीहोर निवासी महेंद्र विश्वकर्मा मुरली रोड पर अपना नया मकान बना रहे हैं। जिसके लिए उन्होंने 5 महीने पहले बिजली विभाग से अस्थाई कनेक्शन लिया था, जब अप्रैल महीने में महेंद्र के पास बिजली विभाग से चार लाख रुपए बिजली का बिल आया तब महेंद्र ने सीहोर बिजली विभाग कार्यालय में पहुंचकर बिल कम करने का आवेदन दिया, हद तो तब हो गई जब महेंद्र ने मई महीने का बिजली का बिल देखा। अब महेंद्र का बिल चार लाख रुपए से बढ़कर दस लाख रुपए के ऊपर हो गया। बिल देखकर महेंद्र की तो हालत ही खराब हो गई। वो बिल में सुधार के लिए बिजली कंपनी के दफ्तर पहुंचा तो विभाग के अधिकारी बजाय बिल में सुधार करने के उसके मीटर पर ही उंगली उठाते रहे। पहले तो वो मीटर खपत को सही बताते रहे। बाद में विभाग ने मीटर भी बदल दिया। लेकिन बिल में सुधार नहीं किया गया। दो महीने से महेंद्र विभाग के चक्कर काट रहा है।

सीहोर शहर में महेंद्र के इस बिल की चचाएं हो रही है, और बिजली विभाग की लापरवाही पर नाराजी व्यक्त की जा रही है। बिजली विभाग ने महेंद्र की समस्या कम करने की बजाय उसको और बढ़ा दिया है, बिजली विभाग के चक्कर काटते काटते महेंद्र अब मानसिक रूप से भी काफी परेशान हो चुका है। महेंद्र का कहना है कि मैं बैंक से लोन लेकर मकान बना रहा हूं। दस लाख रुपए का बिजली का बिल आया है, मैं समझ नहीं पा रहा हूं मैं क्या करूं। जब इस संबंध में बिजली विभाग के महाप्रबंधक सी के पवार से बात कही तो उन्होंने शीघ्र ही इस समस्या का निराकरण करने के लिए आश्वासन दिया है।

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