उज्जैन जनपद में जीतकर भी हार गई भाजपा

उच्चशिक्षा मंत्री ने चुनाव प्रक्रिया को बताया जंगलराज, समर्थकों के साथ धरने पर बैठे
समाचार आज । उज्जैन
उज्जैन जनपद में बुधवार को हुए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है। जनपद में कुल 25 में से 13 सदस्य भाजपा समर्थित है और भाजपा का यहां बहुमत था इसके बावजूद कांग्रेस समर्थित विंध्या देवेंद्र सिंह अध्यक्ष का चुनाव जीत गई। भाजपा समर्थित 4 वोट डल ही नहीं पाए। हार से बौखलाए भाजपा नेताओं ने दमदमा स्थित जनपद कार्यालय पर जमकर हंगामा किया। बेरिकेट्स तोड़ दिए, पुलिस को यहां हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। उच्चशिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव समर्थकों के साथ जनपद कार्यालय पर धरना देकर बैठ गए और दोबारा वोटिंग कराने की मांग करने लगे।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तय कार्यक्रम के मुताबिक बुधवार को जनपद में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव की प्रक्रिया पूरी की जाना थी। पिछले चुनाव में भी उज्जैन जनपद में खासा हंगामा हुआ था लिहाजा इस बार यहां पुलिस व्यवस्था काफी पुख्ता रखी गई थी। सुबह 11 बजे से चुनाव प्रक्रिया रिटर्निंग अधिकारी ने चुनाव प्रक्रिया शुरू करवाई। जनपद में भाजपा समर्थित 13 और कांग्रेस समर्थित 12 सदस्यों ने चुनाव जीते है। भाजपा की ओर से 4 सदस्यों के लिए प्रॉक्सी वोट डालने की मांग की गई थी, इस मांग को रिटर्निंग अधिकारी द़्वारा स्वीकार कर लिया गया।
अध्यक्ष पद के लिए मतदान शुरू हुआ तो कांग्रेस ने प्रॉक्सी वोटर्स की भाजपा की मांग पर विरोध शुरू कर दिया। कांग्रेस नेता और विधायक महेश परमार, राजेंद्र वशिष्ठ, करण कुमारियां आदी ने अपने समर्थकों के साथ हंगामा शुरू कर दिया। भीतर चुनाव प्रक्रिया चलती रही, बाहर हंगामा होता रहा। हंगामा बढ़ा तो दोपहर करीब 2 बजे कलेक्टर आशीष सिंह और एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला भी यहां पहुंच गए। मौके पर कलेक्टर आशीष सिंह की विधायक महेश परमार के साथ काफी गर्मागर्म बहस हुई। विधायक ने कलेक्टर को भाजपा का एजेंट बता दिया और कलेक्टर ने उन्हें शब्दों का चयन ठीक रखने की नसीहत दे डाली। इस बहस के बीच जनपद परिषद हॉल में भाजपा के केवल 9 ही सदस्य प्रवेश कर पाए थे। कांग्रेस के सभी 12 सदस्य हॉल में पहुंच गए थे। तय समय दोपहर 12 बजे कांग्रेस नेताओं ने मतदान समाप्त करने की मांग पर हंगामा शुरू कर दिया।
मतदान प्रक्रिया रोकी और परिणाम घोषित किए गए
भाजपा के 4 प्रॉक्सी वोटर तय समय पर भीतर पहुंच ही नहीं सके थे, लिहाजा भाजपा के प्रत्याशी को केवल 9 ही वोट मिले और कांग्रेस समर्थित विंध्या देवेंद्र सिंह पंवार पिपलौदा द्वारकाधीश को 12 वोटों के साथ अध्यक्ष के रूप में विजयी घोषित कर दिया गया। हंगामे के बीच हुए उपाध्यक्ष चुनाव में भी भाजपा को हार मिली, कांग्रेस के नासिर पटेल ग्राम दताना उपाध्यक्ष चुन लिए गए।
मंत्री ने निकाला अधिकारियों पर गुस्सा
दोपहर करीब 2.30 बजे जब कांग्रेस के नेता अध्यक्ष चुनाव जीतने का जश्न मना रहे थे, तब उच्चशिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव, राजेंद्र भारती व अन्य भाजपा नेता यहां पहुंच गए। उच्चशिक्षा मंत्री ने चुनाव प्रक्रिया और रिटर्निंग ऑफिसर की भूमिका पर ही सवाल उठाना शुरू कर दिए। उन्होंने कहा कि भाजपा समर्थित 4 सदस्यों को वोटिंग ही नहीं करने दी गई। भाजपा के 13 सदस्य निर्वाचित है, लेकिन केवल 9 ही सदस्यों के वोट डलवाए गए। उच्चशिक्षा मंत्री ने एडीएम संतोष टेगौर, एसडीएम जगदीश मेहरा को भी खूब खरी-खोटी सुनाई। वे समर्थकों के साथ ही जनपद कार्यालय के बाहर धरना देकर बैठ गए और मांग करने लगे कि जब तक दोबारा वोटिंग नहीं कराई जाती तब तक उठेंगे नहीं, हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने तय चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक उनकी इस मांग को अस्वीकार कर दिया।