भैरवगढ़ जेल में से करोड़ों की साइबर ठगी की जांच करने आई एसआईटी

साइबर ठग के जरिए जेल में से करोड़ों की ठगी कराने का मामला, 16 प्रहरी व कैदियों के बयान लिए
समाचार आज। उज्जैन
केंद्रीय जेल भैरवगढ़ पर गुरुवार दोपहर भोपाल से एसआईटी पहुंची। टीम करीब 10 माह पहले साइबर ठगी के आरोपी द्वारा जेल में रहते स्टॉफ की मिली भगत से करोड़ों की ठगी करने के आरोपों की जांच के लिए आई है। इस दौरान टीम ने करीब डेढ़ दर्जन कर्मचारियों के फिर बयान दर्ज किए।
हम आपको बता दें कि महाराष्ट्र निवासी भोपाल जेल में बंद अनंत अमर अग्रवाल ने भैरवगढ़ नवंबर 2021 में शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि जेल में बंद रहने के दौरान पूर्व जेलर संतोष लडिय़ा,डिप्टी जेलर सुरेश गोयल,कई प्रहरी ने उसे लेपटॉप व नेट उपलब्ध करवाकर ठगी करवाई थी। उसने के्रडिट कार्ड हैंक कर डार्कनेट से करोड़ों की ठगी की। उससे कई आईएएस,आईपीएस अफसर व राजनैताओं के फोन भी टैप करवाए थे। घटना में कई कैदी भी शामिल थे। गंभीर आरोपों को देख साईबर सेल ने केस दर्ज कर जांच के लिए एसआईटी गठित की थी। टीम ने आकर अधिकारी,कर्मचारी व कैदियों के बयान दर्ज किए थे। मामले में गुरुवार दोपहर करीब 3.30 बजे को फिर भोपाल से एसआईटी के तीन सदस्य प्रहरियों से पूछताछ के लिए आई। बताया जाता है टीम करीब 16 प्रहरी व कैदियों की सूची लेकर जेल पहुंची ओर रात तक बयान दर्ज करती रही।
खातों की ट्रांजेक्शन की पड़ताल
जेल सूत्रों के अनुसार टीम की अब तक की जांच कई खातों में ठगी के रुपए ट्रांजेक्शन होने का पता चला है। टीम इसी बिंदू पर बयान लेने पहुंची। इस दौरान प्रहारियों ने बयान में फिर कबूला कि अग्रवाल कारखाने में बैठकर लेपटॉप पर डोंगल से नेट चलाता था।
यह अधिकारी हैं कार्रवाई के घेरे में
याद रहे मामले में तात्कालीन जेल अधीक्षक अलका सोनकर से भी पूछताछ हुई थी। वहीं जेल विभाग ने जेलर लडिय़ा,डिप्टी जेलर गोयल व प्रहरी नामदेव को मुख्यालय में अटैच कर दिया था। इसी के साथ संदेह के घेरे में आए प्रहारी ललित मोहन वर्मा,सुनीता चौहान को उनके पदों से हटाकर जेल अधीक्षक ने अन्य जिम्मेदारी सौंप दी थी।
जानिए क्या है भैरवगढ़ जेल में से ठगी का मामला
बिट क्वाइन और डार्कवेब के जरिए खरीद रहे थे क्रेडिट कार्ड नंबर
भैरवगढ़ जेल से साइबर क्राइम कर देशी और विदेशी बैंक खाते हैक करने का सनसनीखेज मामला नवंबर 2021 में सामने आया था। जिसमें अधिकारियों द्वारा ही जेल में बंद हैकर को लेपटॉप व इंटरनेट कनेक्शन की व्यवस्था देकर साउथ कोरिया, सऊदी अरब और केलिफोर्निया से अपने खातों में विदेशी करंसी ट्रासंफर करवाई जा रही थी। दरअसल महाराष्ट्र का रहने वाला साइबर क्राइम एक्सपर्ट अमर आनंद अग्रवाल 15 फरवरी 2018 से सायबर ठगी के मामले में भैरवगढ़ जेल में बंद था। अमर अग्रवाल ने राज्य सायबर सेल को शिकायत की थी कि भैरवगढ़ जेल के अधिकारियों द्वारा उससे सायबर क्राइम करवाया जा रहा है। इसके लिए उसे लेपटॉप व इंटरनेट कनेक्शन तक दे रखा है। जिसमें डार्क वेब व बिट क्वाइन के जरिए डाटा जुटा देशी और विदेशी खातों में सेंध लगा रिश्तेदारों व अन्य अधिकारियों के खातों में करोड़ों रुपए ट्रांसफर करवाए गए।
कैसे करोड़ो कमाए थे जेल अफसरों ने
उज्जैन सेंट्रल जेल में कैद रहने के दौरान खुद को IITian गोल्ड मैडलिस्ट बताने वाले साइबर हैकर अमर उर्फ अभिजीत का वीडियो सामने आया था। वीडियो में अमर बता रहा है कि कैसे उससे उज्जैन जेल के अफसरों ने साइबर हैकिंग के जरिए करोड़ों रुपए कमाए हैं। वीडियो में दावा किया जा रहा कि हैकर्स वीडियो कॉलिंग के जरिए अधिकारी को दस्तावेज दिखाते हुए इस बात की पुष्टि कर रहा है कि उससे कितनी ई-मेल आईडी, वेबसाइट, यू-ट्यूब चैनल जेल अधिकारियों ने बनवाए हैं। वह उज्जैन जेल के तत्कालीन उप जेल अधीक्षक संतोष लडिया को साइबर हैकिंग का मास्टरमाइंड बता रहा है। वह कह रहा है कि संतोष के इशारे पर वह जेल में रहने के दौरान साइबर हैकिंग कर रहा था। इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच कर रही स्टेट साइबर सेल SIT टीम सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। साइबर सेल ने केंद्र की कुछ एजेंसियों की मदद ली है।
अफसरों के फोन भी हैक किये
हैकर के जरिए अधिकारियों ने कई बड़े आईपीएस, न्यायाधीश अन्य के फोन तक हैक कराए और उनमें मैलवेयर (“मैलवेयर” कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने वाला प्रोग्राम है) लोड करने के लिए दबाव बनाया। हैकिंग के लिए सभी उपकरण डार्कनेट से खरीदे गए। देश-विदेश में लोगों के मोबाइल और कंप्यूटर हैक करके क्रेडिट कार्ड और ऑनलाइन पेमेंट की जानकारी जुटाई। इसके जरिए ऑनलाइन शॉपिंग, एयर टिकट बुक कराए गए। ऑनलाइन खातों में रुपए भी ट्रांसफर किए गए। इस काम के लिए उसे जेल में लैपटॉप और इंटरनेट सुविधा दी गई थी।