उज्जैन

जेके नर्सिंग होम का मेडिकल वेस्‍ट नगर निगम की गाड़ी में, पार्षद ने बनवाया पंचनामा

समाचार आज। उज्‍जैन

उज्जैन Ujjain में एक नर्सिंग होम पर मेडिकल वेस्ट medical waste के नष्टीकरण में लापरवाही का मामला सामने आया है। नर्सिंग होम से मेडिकल वेस्ट को साधारण कचरे के साथ ही फेंका जा रहा था। इस मामले में नगर निगम की अधिकृत एजेंसी के अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के दायरे में है।

उज्जैन Ujjain में इंदौर रोड़ पर संत नगर के पास रविवार की दोपहर वार्ड नंबर 45 के पार्षद राजेंद्र गब्बर कुवाल ने नगर निगम nagar nigam ujjain के एक कचरा संग्रहण वाहन को रोका। इस वाहन की जांच की तो देखा कि इसमें काफी सारा मेडिकल वेस्ट पड़ा हुआ था। पार्षद ने तत्काल नगर निगम के अधिकारियों को इसकी सूचना दी। गाड़ी का मौके पर पंचनामा बनाया गया। नगर निगम के कचरा संग्रहण वाहन पर जो कर्मचारी तैनात था उसने पूछताछ में बताया कि यह गाड़ी वार्ड नंबर 51 में कचरा संग्रहित करती है।

अधिकारियों के कहने पर उठाया था कचरा

सांवेर रोड़ के जे.के. नर्सिंग होम JK nursing home ujjain से अधिकारियों के कहने पर मेडिकल वेस्ट गाड़ी में भरा था। पार्षद गब्बर कुवाल ने इसे नगर निगम अधिकारियों, नगर निगम की अधिकृत एजेसी ग्लोबल वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही बताया है। पार्षद कुवाल ने बताया कि पिछले लगभग 6 महीने से नगर निगम के कचरा संग्रहण वाहन के माध्यम से जे.के. नर्सिंग होम का मेडिकल वेस्ट भेजा जा रहा है। पार्षद ने निगम अधिकारियों को मामले की शिकायत भी की है। अधिकारियों के कहने पर खासतौर पर वार्ड नंबर 51 की गाड़ी को वार्ड नंबर 45 में केवल जे.के. नर्सिंग होम का कचरा उठाने के लिए भेजा गया।

मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक

खास बात यह है कि नगर निगम के शहर में जितने भी कचरा संग्रहण वाहन है, उनमें नर्सिंग होम, अस्पतालों का मेडिकल वेस्ट नहीं डाला जाता सकता है। मेडिकल वेस्ट मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, इससे संक्रमित बीमारियां होने की आशंका बनी रहती है। शासन के नियमों के तहत उज्जैन शहर के अधिकाश नर्सिंग होम व अस्पतालों ने इंदौर की एक वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के साथ अनुबंध किया हुआ है। हर रोज इंदौर से एक गाड़ी उज्जैन पहुंचती है और मेडिकल वेस्ट संग्रहित करती है। इंदौर में बने कंपनी के खास तरह के प्लांट में मेडिकल वेस्ट को विशेष सतर्कता के साथ नष्ट किया जाता है। यहां उल्टा हो रहा था। घरों से निकलने वाले कचरे के साथ ही मेडिकल वेस्ट को भी डाला जा रहा था। मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकने वाले मेडिकल वेस्ट के संपर्क में कई श्रमिक आते और इससे उन्हें नुकसान पहुंचने की आशंका बनी रहती।

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