उज्जैन

सारे दुश्‍मन एक हुए और प्‍लानिंग कर मारा था राजू को

राजू द्रोणावत हत्याकांड के मास्‍टर माइंड बाबू को पुलिस से मुठभेड़ में पैर में लगी दो गोली

समाचार आज। उज्‍जैन

उज्‍जैन में 4 मई 2023 की दोपहर फ्रीगंज में हुए राजू द्रोणावत हत्याकांड में सात लोगों के हाथ सामने आये हैं। सभी की अलग-अलग कारणों से मृृतक से रंजिश थी। हत्याकांड के मास्टर माइंड बाबू भारद्वाज से पुलिस की नागझिरी क्षेत्र में मंगलवार दोपहर मुठभेड़ हो गई। दोनों ओर से चली गोली में पुलिस टीम बाल-बाल बच गई, लेकिन बाबू दोनों पैर में गोली लगने से घायल हो गया।

पुलिस अभिरक्षा में घायल बाबू भारद्वाज

हत्‍याकांड मामले में पुलिस को वारदात के मास्टर माईंड अभिषेक उर्फ बाबू पिता रामनाथ भारद्वाज की सरगर्मी से तलाश थी। काफी प्रयास के बाद मंगलवार 9 मई को एसपी सचिन शर्मा को पता चला कि बाबू नागझिरी स्थित क्षिप्रा विहार कॉलोनी से होते हुए शहर से भागने के लिए विक्रम नगर रेलव स्टेशन जा रहा है। एसपी के आदेश पर पुलिस ने घेराबंदी की। खुद को घिरते देख बाबू ने पुलिस पर गोली चला दी। इसमें पुलिसकर्मी बच गए, लेकिन बदले में चलाई दो गोली बाबू के दोनों पैरों में लग गई ओर वह गिर गया। पुलिस उसके कब्जे से देशी पिस्टल जब्त कर उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल ले गई और भर्ती कराया।

पांच दुश्‍मन-दो हमलावर ने रजी साजिश

हत्याकांड में नया एंगल सामने आया है। बताया जाता है कि बाबू भारद्वाज को पता चला कि प्रापर्टी का धंधा करने वाला राजू कांटे भी द्रोणावत से रंजिश रखता है। इसके अलावा द्रोणावत से डंपर संचालक राकेश चतुर्वेदी व बिल्डिंग मटेरियल बेचने वाला दीपेश पांडे का भी लेन-देन को लेकर विवाद है। इस पर वह विजय और उसके बाद कांटे से मिला। चतुर्वेदी व पांडे को भी साथ मिलाया और 2अप्रैल को सातों ने मिलकर द्रोणावत की हत्या करना तय किया। इसी के चलते बाबू ने धर्मेद्र व जीतू को 10-10 हजार रुपए दिए। चतुर्वेदी व पांडे ने बाइक, मोबाइल का इंतजाम कर दिया और कांटे द्रोणावत की रैकी करने लगा।

जानिए 7 आरोपी में किस की क्‍या भूमिका

माधवनगर थाना पुलिस ने राजू द्रोणावत की हत्या में अब तक 7 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें गोली मारने वाला और बाइक लेकर मौके पर आए दो आरोपियों को छोड़कर शेष पांचों आरोपी राजू द्रोणावत के खास दोस्त रहे हैं।

  • बाबू भारद्वाज- ये राजू द्रोणावत का अच्छा दोस्त था। 2012 में वैभव यादव अपहरण कांड में बाबू भारद्वाज के साथ राजू द्रोणावत, लव शुक्ला, सुधीर यादव व जीतू सहित अन्य आरोपी बने थे। इस अपहरण कांड में सभी को न्यायालय से उम्र कैद की सजा हो चुकी है। हाईकोर्ट से राजू द्रोणावत, लव, सुधीर व जीतू जमानत पर बाहर हैं। आरोपी बाबू भारद्वाज को न्यायालय से जमानत नहीं मिल सकी थी। इसी बात पर जेल में रहते हुए ही आरोपी बाबू भारद्वाज ने राजू सहित लव व सुधीर के खिलाफ रंजिश पाल ली थी। बाबू भारद्वाज मां के देहांत के बाद 7 दिन के पैरोल पर वह बाहर आया था। इसके बाद पैरोल से जेल में नहीं लौटा। फरारी में ही उसने फ्रीगंज में एक युवक पर प्राणघातक हमला किया और साजिश रचकर दोस्त राजू द्रोणावत की हत्या करवा दी। फिलहाल पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया है।
  • राजू कांटे– ये नीलगंगा थाना क्षेत्र स्थित श्रीरामनगर कॉलोनी का रहने वाला है। राजू द्रोणावत इसे दोस्त ही नहीं बल्कि अपना छोटा भाई मानता था। इसके रहने, खाने व पीने की चिंता राजू द्रोणावत को रहती थी। गोल्ड लोन के किसी मामले में राजू ने इसे पीट दिया था। तभी से इसने राजू के खिलाफ रंजिश पाल ली थी। पुलिस के अनुसार राजू द्रोणावत की हत्या में आरोपी राजू कांटे ने भी बाबू भारद्वाज सहित अन्य आरोपियों की मदद की है। खास बात ये है कि राजू द्रोणावत की शवयात्रा में राजू कांटे भी शामिल था लेकिन तब किसी को भी उस पर भरोसा नहीं हुआ था कि दोस्त राजू की हत्या में ये भी शामिल रहा था।
  • विजय भदाले– प्रकाशनगर का निवासी है। ये भी राजू द्रोणावत का ही दोस्त था। पुलिस के अनुसार इनके बीच ब्याज के रुपए लेन-देन में विवाद हुआ था। दोनों के बीच बातचीत भी कम हो गई थी लेकिन राजू द्रोणावत को ये यकीन बिल्कुल नहीं था कि विजय भदाले उसकी हत्या में शामिल हो जाएगा।
  • राकेश चतुर्वेदी– ये ढांचा भवन का निवासी है। मूलत: तो ये बाबू भारद्वाज का खास दोस्‍त है लेकिन राजू द्रोणावत से भी इसकी दोस्ती थी। हत्या से पहले राजू करीब दो-तीन बार इससे मिला भी था लेकिन तब उसे यह नहीं पता था कि राकेश चतुर्वेदी भी उसकी हत्या की तैयारियों में जुटा हुआ है।
  • दीपेश पांडे– ये महाश्वेतानगर का निवासी है। ये भी राजू द्रोणावत का दोस्त था लेकिन ये भी राजू से ज्यादा बाबू भारद्वाज का खास था। पुलिस के अनुसार आरोपी राकेश चतुर्वेदी व दीपेश पांडे ने ही मुख्य दोनों आरोपियों को पिस्टल व बाइक मुहैया करवाई थी।
  • जीतू गुर्जर– ये राजू द्रोणावत को गोली मारने वाला मुख्य आरोपी है। मोतीनगर का निवासी है। इसके पहले एक-दो अपराध में जेल काट चुका है। जेल में ही इसकी बाबू भारद्वाज से दोस्ती हुई थी। इसके खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है।
  • धर्मेंद्र सिसोदिया– ये हरिनगर का निवासी है। राजू द्रोणावत की हत्या के लिए ये ही आरोपी जीतू गुर्जर को बाइक पर बैठा कर लाया था। हत्या को अंजाम देने के बाद ये फिर आरोपी जीतू को बाइक पर बैठा कर भगा ले गया था। फिलहाल इन दोनों आरोपियों का पुलिस ने नगर निगम की मदद से मकान तोड़ दिया है। यह अभी पुलिस रिमांड में है।

बाबू पर हमले का भी केस

अंकपात मार्ग क्षेत्र निवासी 40 वर्षीय बाबू वर्ष 2005 से अपराध कर रहा है। उस पर अब तक अपहरण, हत्या, हफ्ता वसूली, जानलेवा हमले सहित 16 केस दर्ज हुए है। जिनमें से भैरवगढ़ में 5, जीवाजीगंज में 2 महाकाल में 3, चिमनगंज में 2, नीलगंगा में 1 और माधवनगर में 2 केस दर्ज है। मंगलवार को पुलिस पर फायरिंग करने पर नागझिरी थाने में भी एसआईटी ने एक केस दर्ज किया है।

8 मई को पकड़े थे तीन और आरोपी

हत्याकांड में माधवनगर पुलिस ने रविवार को गुमानदेव हनुमान क्षेत्र के धर्मेेद्र पिता कन्हैया लाल सिसोदिया को पकड़ा। घायल हालत में धराए धर्मेद्र ने कबूला कि बाबू भारद्वाज ने राजू को मारने की योजना 2 अप्रैल को बनाई गई थी। साजिश में उसके साथ मोतीनगर का जीतेंद्र उर्फ जीतू गुर्जर, प्रकाश नगर का विजय बधाले,श्रीराम नगर का राजू कांटे, ढांचा भवन का राकेश चतुर्वेदी, महाशक्ति नगर का दीपेश पांडे भी शामिल थे। जानकारी के बाद टीआई मनीष लौधा ने तीन साजिशकर्ताओं को दबोचा और धर्मेद्र को कोर्ट में पेश कर 11 मई तक रिमांड पर ले लिया।

बाल-बाल बचा जितेंद्र

पुलिस के अनुसार धर्मेद्र को गिरफ्त में लेने के दौरान जितेंद्र भी उसके साथ था। सूचना पर दोनों की घेराबंदी की गई थी,लेकिन जितेंद्र भाग गया और धमेंद्र गड्डा कूदने के दौरान गिरने से घायल होने के कारण धरा गया।

मुनादी करवाकर ध्वस्त किए मकान

बदमाशों के मकान तोडऩे की मुहिम करीब दो साल से चल रही है। लेकिन सोमवार 8 मई को पहली बार पुलिस ने आरोपियों की गली व घर के सामने ढोल बाजे बजवाकर बदमाशों के हश्र की मुनादी करवाई। तत्श्चात दो घंटे में जितेंद्र गुर्जर व धर्मेद्र के मकानों को ध्वस्त करवा दिया। कार्रवाई के दौरान एएसपी डॉ. इंद्रजीत बाकलवाल,आकाश भूरिया, चार सीएसपी व 10 टीआई के साथ भारी फोर्स भी मौजूद था। नतीजतन दोनों के परिवार विरोध तक नहीं कर सके।

मामले में अब इनकी तलाश

द्रोणावत हत्याकांड में पुलिस ने धर्मेद्र, राजू कांटे,राकेश चतुर्वेदी,दीपेश पांडे को 11 मई तक रिमांड पर ले रखा है। बाबू के ठीक होने पर उसे भी कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेगी। मामले में पुलिस को राजू को गोली मारने वाले जीतेंद्र उर्फ जीतू गुर्जर और साजिश में शामिल विजय भदाले की तलाश है। याद रहे इस सनसनी खेज हत्याकांड के मुख्य आरोपियों पर डीआईजी अनिल सिंह कुशवाह ने 20 हजार का इनाम घोषित किया था।

घटना एक नजर में

  • 4 मई : मुंगी तिराहे पर राजू द्रोणावत की हत्या। साजिशकर्ता के रूप में बाबू का नाम सामने आया।
  • 5 मई : आईजी संतोष सिंह ने ली बैठक,गोली मारने वालों पर 20 हजार का ईनाम।
  • 6 मई : गोली मारने वाले की जितेंद्र गुर्जर व बाइक चालक की धर्मेद्र के रूप में पहचान,आईजी ने निकाला शहर में लेग मार्च। बाबू को तलाश में पुलिस यूपी व दिल्ली पहुंची।
  • 7 मई : धर्मेद्र इंजीनियरिंग कॉलेज से घायल होने के बाद गिरफ्तार।
  • 8 मई : धमेद्र, जितेंद्र का मकान ध्वस्त किए,धर्मेद्र दिन के रिमांड पर,साजिश में शामिल चार के नाम सामने आए,तीन धराए।
  • 9 मई : मास्टर माईंड बाबू गोली लगने पर पकड़ाया,तीन आरोपी तीन के रिमांड पर।

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