मध्यप्रदेश

शिप्रा में फिर एक युवक समाया, 11 दिन में पांचवी मौत

कोटा से देवदर्शन के लिए दोस्तों के साथ आया युवक नदी में नहाने उतरा तो फिर जिंदा नहीं निकला

समाचार आज। उज्जैन

उज्जैन में शिप्रा नदी में डूबने से हो रही मौतों का सिलसिला नहीं थम रहा है। 22 जून गुरुवार तडक़े 5 बजे कोटा से आया युवक डूब गया। वह तीन दोस्तों के साथ देव-दर्शन यात्रा पर आया था। उसे डूबता देख दोस्त बचाने के लिये आवाज लगाते रहे, लेकिन कोई मदद के लिये नहीं पहुंचा। 30 मिनट की तलाश के बाद उसका शव बाहर निकाला गया।

राजस्थान के कोटा स्थित कस्तूरपुरा में रहने वाला गौरव पिता घनश्याम सेन उम्र 18 वर्ष दोस्त अर्जुन प्रजापति, संत कुमार मीणा और सनी सेन के साथ धाार्मिक यात्रा पर उज्जैन आया था। चारों महाकाल दर्शन करने से पहले नहाने के लिये रामघाट पर सुबह 4.30 बजे पहुंचे थे।

नहाने उतरा अंदर समा गया

रामघाट पर नहाते समय गौरव का पैर फिसला और वह गहराई में चला गया। उसे तैरना नहीं आता था। दोस्तों ने उसे पहले बचाने का प्रयास किया फिर बचाने के लिये आवाज लगाई। पुलिस और होमगार्ड के सैनिक घाट के दूसरी ओर पेट्रोलिंग कर रहे थे, वह इस पार रामघाट तक पहुंचे, तब तक गौरव डूब चुका था।

तीन मिनट बाद निकाला, जान जा चुकी थी

तैराक दल के सदस्यों ने करीब 30 मिनट की तलाश के बाद उसे बाहर निकाला। होमगार्ड जवानों ने उसे थैरेपी दी, दोस्तों ने भी मुंह से सांस देने का प्रयास किया, लेकिन गौरव दोस्तों और परिवार का साथ छोडक़र हमेशा के लिये जा चुका था।

तीन घंटे बाद पहुंचा शव वाहन

करीब 5 बजे हुए हादसे के बाद पुलिस ने शव वाहन को कॉल किया, लेकिन तीन घंटे तक ना तो वाहन आया ना ही कोई डॉक्टर उपलब्ध हो सका। सुबह 10 बजे शव वाहन आने पर गौरव की बॉडी जिला अस्पताल लाई। इस बीच पुलिस ने दोस्तों से परिजनों के नंबर लेकर उन्हे सूचना पहुंचा दी थी। दोपहर बाद परिजनों के आने पर पोस्टमार्टम कराया गया। गौरव कक्षा 12 वीं का छात्र था। पिता प्रायवेट क पनी में काम करते है और उसका एक छोटा भाई है। परिजन शव कोटा लेकर गये है।

11 दिन में शिप्रा में डूबने से पांचवी मौत

जून माह के पिछले 11 दिनों में क्षिप्रा नदी में पांच लोगों की डूबने से मौत हो चुकी है। पहली मौत 11 जून को सूरत से आये परिवार के एकलौते पुत्र की हुई थी। 18 जून को नेहरूनगर में रहने वाला फर्नीचर कारोबारी डूबा था। 19 जून को भोपाल से दोस्तों के साथ आये युवक की डूबने से मौत हो गई थी। 21 जून को अर्जुन कहार, जो गोताखोरी में माहिर था और शिप्रा में डूबते लोगों की जान बचाता था, उसी लाश रामघाट पर शिप्रा नदी से मिली थी। गुरुवार को कोटा के युवक की डूबने से मौत हुई है। 11 दिन में पांच जाने जा चुकी है। मई माह में 3 लोगों की मौत होना बताया जा रहा है। जिसमें 2 मई माह के अंतिम सप्ताह में भूखी माता घाट पर हुई थी।

कांग्रेस ने रामघाट पर किया प्रदर्शन

देशभर से नहान के लिये आने वाले श्रद्धालुओं की डूबने से हो रही मौते और क्षिप्रा नदी के घाटों पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने पर गुरूवार दोपहर कांग्रेस नेता विक्की यादव समर्थकों के साथ रामघाट पहुंचे, उनके हाथों में निगम प्रशासन हाय-हाय की तख्तियां थी। करीब एक घंटे तक सुरक्षा इंतजामों को लेकर कांग्रेसियों ने प्रदर्शन किया और प्रशासन से मांग की कि घाटों पर रैलिंग लगाई जाये। विक्की यादव ने बुधवार को क्षिप्रा में डूबे तैराक दल के अर्जुन कहार के परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग मीडिया के माध्यम से प्रशासनिक अधिकारियों से की।

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