भस्मारती-दर्शन अनुमति में प्रोटोकाल का दुरुपयोग

छत्तीसगढ़ के दर्शनार्थियों से वसूली मामले में चार आरोपियों पर प्रकरण दर्ज
समाचार आज @ उज्जैन
श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्मारती और जलाभिषेक दर्शन के नाम पर 28 जून को छत्तीसगढ़ के छह दर्शनार्थियों से 21 हजार रुपए वसूलने के मामले में महाकाल पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। महाकाल पुलिस ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की शिकायत पर आरोपी घनश्याम शर्मा, धीरज शर्मा, सोनू पारिख और भावेश जोशी के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
प्रोटोकाल का दुरुपयोग होने पर जनप्रतिनिधि भी नाराज, कहा-सख्त कार्रवाई की जाये
इस मामले में छत्तीसगढ़ से आये छह दर्शनार्थियों से भस्मारती दर्शन और जलाभिषेक के 21 हजार रुपए लिये गये थे। बताया गया था रुपए घनश्याम शर्मा और धीरज शर्मा ने िलये थे, जबकि भस्मारती और जलाभिषेक की अनुमति सोनू पारिख और भावेश जोशी ने करवाई थी। चर्चा थी कि बडऩगर के विधायक मुरली मोरवाल की प्रोटोकाल अनुशंसा पर भस्मारती दर्शन हुए हैं। इस मामले में श्री मोरवाल का कहना है कि उन्होंने या उनके कार्यालय से भस्मारती की कोई अनुशंसा नहीं की गई है। ऐसे ही प्रोटोकाल नंबर 82 के जरिए इन दर्शनार्थियों को गर्भगृह जलाभिषेक का प्रोटोकाल महापौर मुकेश टटवाल के नाम से जारी हुआ था। महापौर श्री टटवाल का कहना है उन्होंने भी प्रोटोकाल रिक्वेस्ट नहीं भेजी है। श्री टटवाल ने मांग की है कि मामले की गंभीरता से जांच होना चाहिए और जिसने भी यह हरकत की है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होना चाहिए।
जानिए किन्हें मिलता है प्रोटोकाल और कैसे हो रहा है दुरुपयोग
शासकीय विभागों के साथ ही सांसद, विधायक, महापौर और अन्य जनप्रतिनिधियों के नाम पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्मारती अनुमति बनवाने और गर्भगृह में जलाभिषेक रसीद के लिए कोटा निर्धारित है। कुछ लोग प्रोटोकॉल के नाम पर व्यवस्था लेकर श्रद्धालुओं से अधिक राशि वसूल कर भस्मारती अनुमति और रसीद कटवाने का काम कर रहे हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर में करीब 3 माह पहले से ही भस्मारती अनुमति, जलाभिषेक रसीद, शीघ्र दर्शन रसीद व पूजा की रसीद ऑनलाइन करने के बाद से श्रद्धालुओं से ठगी होने के मामले बंद हुए हैं। ऐसे में मंदिर प्रशासन द्वारा विभिन्न विभाग और वीआईपी व्यक्तियों को प्रोटोकॉल के माध्यम से व्यवस्था दी गई है, उनके नाम पर अनुमति और जलाभिषेक रसीद के नाम पर अधिक राशि लेकर प्रोटोकॉल व्यवस्था का दुरुपयोग सामने आने लगा है। सबसे अहम बात यह है ऐसे मामले सामने आते हैं तो जिसके नाम पर प्रोटोकोल व्यवस्था तय है, उनकी भी जिम्मेदारी है कि वे यह देखें कि उनके नाम पर दी गई प्रोटोकॉल व्यवस्था का कहीं दुरुपयोग तो नहीं हो रहा है। तभी यह व्यवस्था सही रूप से चल सकेगी और बाहरी श्रद्धालुओं से अधिक राशि लेने और ठगी करने जैसे मामले बंद हो सकेंगे।
पूरा मामला जानने के लिए यहां क्लिक करें – श्री महाकाल भस्मारती के नाम फिर ठगाये दर्शनार्थी, इस बार छह लोगों से 21 हजार वसूलेhttps://samacharaaj.com/?p=5771