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सावन के पहले दिन एक घंटे पहले जागे उज्‍जैन के महाकाल

भस्‍मारती में उमड़ी भीड़, सबको मिले चलायमान व्‍यवस्‍था से दर्शन

समाचार आज @ उज्‍जैन

काल अधिपति उज्जैन के महाकाल सावन के पहले दिन 4 जुलाई को एक घंटा पहले जागे। मंगलवार को सावन मास के पहले दिन सुबह तीन बजे मंदिर के पट खोले गए। हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल की भस्म आरती किये, सुबह मंदिर पहुंचे प्रत्‍येक दर्शनार्थी को चलायमान व्‍यवस्‍था के तहत दर्शन करवाये गये।

आज 4 जुलाई से भगवान शिव के प्रिय सावन माह की शुरुआत हो गई है। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में मंगलवार को सावन मास के पहले दिन भगवान महाकाल भक्तों के लिए एक घण्टा पहले जागे। रात तीन बजे मंदिर के पट खोले गए, जिसके बाद पुजारी, पुरोहितों ने जलाभिषेक किया। इस दौरान भगवान महाकाल का श्रृंगार कर भस्मआरती की गई। हजारों श्रद्धालुओं ने चलायमान भस्मारती व्यवस्था के तहत दर्शन लाभ लिया।

सावन के पहले दिन 4 जुलाई सुबह भस्मारती के पूर्व भगवान महाकाल का जल से स्नान कराने के बाद भांग, अबीर, चन्दन से श्रृंगार कर मस्तक पर तिलक, आभूषण और नवीन वस्त्र अर्पित किए गए। महानिर्वाणी अखाड़ा महंत द्वारा भस्म अर्पित की गई। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। भगवान शिव को ये महीना अति प्रिय है। मान्यता है कि चातुर्मास के समय जब भगवान विष्णु शयन के लिए जाते हैं, तो सृष्टि संचालन का महादेव के पास आ जाता है। सावन मास में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा की जाती है।

सावन के पहले दिन बाबा का विशेष श्रृंगार

सावन के पहले दिन मंगलवार को सबसे पहले बाबा महाकाल को पंडे पुजारियों ने नियमानुसार जल चढ़ाकर दूध, घी, शहद, शकर व दही से पंचामृत अभिषेक कराया। इसके बाद बाबा का भांग से श्रृंगार कर भस्म चढ़ाई। करीब एक घंटे चली भस्म आरती में बाबा का भांग, चंदन ,फल वस्त्र आभूषण से विशेष श्रृंगार किया गया। इसके बाद सुबह से बाबा के दर्शनों के लिए भक्तों की लंबी कतार लगी रही।

यह रहेगी सावन में रोज दर्शन व्‍यवस्‍था

मंदिर समिति के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि हर सोमवार रात 2:30 बजे मंदिर के पट खोले जाएंगे। बाकी दिनों में 3 बजे पट खुलेंगे। सुबह करीब 4 बजे से रात 10 बजे तक लगातार दर्शनों का सिलसिला जारी रहेगा। सावन महीने में 40 मिनट में भक्तों को दर्शन मिल सकेंगे। सुगम दर्शन के लिए तीन एंट्री पॉइंट बनाए गए हैं। तीनों जगह से आने वाले श्रद्धालुओं को जिगजैग के माध्यम से कार्तिकेय और गणेश मंडपम से दर्शन हो सकेंगे। दूसरे शहरों से आने वाले भक्तों के लिए साइन बोर्ड लगाए गए हैं, जिससे किसी को असुविधा नहीं हो। मंदिर परिसर को पूरी तरह सीसीटीवी से कवर किया गया है। इसके दो कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं। बड़ी एलईडी लगाई गई है, इनके माध्यम से भक्तों की दर्शन व्यवस्था रहेगी। सात हेल्प डेस्क और महाकाल मंदिर और त्रिवेणी पर आकस्मिक चिकित्सा केंद्र भी स्थापित किए हैं।

भस्मारती – अगर आप भस्मआरती में शामिल होना चाहते हैं तो इसके लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन अनुमति की सुविधा है। ऑनलाइन अनुमति के लिए 200 रुपए शुल्क तय है और यह एक महीने पहले बुकिंग की जा सकती है। इसी तरह ऑफलाइन बुकिंग अनुमति के लिए एकदिन पहले मंदिर समिति के बाहर बने कार्यालय में आवेदन देना होता है। यह नि:शुल्क है। अगर आपको पास कोई अनुमति नहीं है तो बिना अनुमति वाले चलित लाइन से भस्मआरती दर्शन कर सकेंगे।इसके तहत भस्मारती के दौरान लाइन चलाकर दर्शन कराने की व्यवस्था है।

गर्भगृृह में प्रवेश बंद- गर्भगृह में प्रवेश 4 जुलाई यानी सावन माह के पहले दिन से लेकर 11 सितंबर तक 70 दिन के लिए बंद रहेगा। इस दौरान केवल पंडे-पुजारी ही पूजन के लिए गर्भगृह में प्रवेश कर सकेंगे। ऐसे में जलाभिषेक पूजन जो कि 750 रुपए की रसीद बनवाने पर गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति के साथ होता है वह भी बंद रहेगा।

शीघ्र दर्शन व्यवस्था- 250 रुपए की टिकट लेकर दर्शनार्थी शीघ्र दर्शन व्यवस्था का लाभ ले सकेंगे। इसे ऑनलाइन मंदिर की वेबसाइट से प्राप्त किया जा सकता है। मंदिर के काउंटर से भी यह रसीद मिलेगी।

नंदी हॉल से दर्शन – केवल प्रोटोकॉल यानी विशेष अनुमति प्राप्त लोगो को ही मिलेगा।

पार्किंग व्यवस्था:-

  • इन्दौर, देवास एवं भोपाल की ओर से आने वाले दर्शनार्थी लालगेट से होते हुऐ हरिफाटक चौराहा पर मन्नत गार्डन, वांकणकर ब्रिज पार्किंग, ब्रिज के नीचे पार्किंग पर वाहन पार्क करेंगे। यह पार्किंग भर जाने पर हरिफाटक चौराहा से कचरा घर जंतर-मंतर लालपुल टर्निंग नृसिंहघाट टर्निंग से कर्कराज पार्किंग, भील समाज धर्मशाला पार्किंग, कलोता समाज, नृसिंहघाट पार्किंग की ओर वाहन जायेंगे। यह पार्किंग भर जाने के बाद उजडखेडा चौराहा से मुरलीपुरा, शंकराचार्य चौराहा से वाहनों को कार्तिक मेला मैदान पार्किंग में भेजे जायेगें ।
  • बडनगर, रतलाम, नागदा की ओर से आने वाले दर्शनार्थी अपने चार पहिया वाहन कार्तिक मेला ग्राउंड में पार्क कर सकेंगे। दो पहिया वाहनों से आने वाले दर्शनार्थी अपना वाहन शंकराचार्य चौराहा, सिंहस्थ द्वार, छोटी रपट से गणगौर दरवाजा होते हुये रामानुजकोट से हरसिद्धी पाल पार्किंग में जाकर अपना वाहन पार्क कर सकेंगे।
  • आगर रोड से आने वाले दर्शनार्थी अपने वाहन मकोडियाआग चौराहा, खाक चौक, जाट धर्मशाला, पिपलीनाका, जूना सोमवारिया से होते हुये कार्तिक मेला मैदान में जाकर पार्क कर सकेंगे।
  • मक्सी रोड की ओर से आने वाले दर्शनार्थी पांडयाखेड़ी चौराहा, पाईप फैक्ट्री चौराहा, इंजीनियरिंग कॉलेज तिराहे से होते हुये हरिफाटक चौराहे के पास पार्किंग में अपने वाहन पार्क कर सकेंगें।

डायवर्सन प्लान व प्रतिबंधित मार्ग

  • बड़नगर, रतलाम, नागदा, मंदसौर एवं नीमच जाने वाले बड़े वाहन एवं बसें शांति पैलेस चौराहे से डायवर्ट रहेगें।
  • देवास गेट बस स्टैण्ड से भारी वाहन एवं बसें हरिफाटक ट्री एवं हरिफाटक चौराहे तरफ नहीं जा सकेंगे।
  • चार पहिया वाहन हरिफाटक ट्री से बेगमबाग, कोट मोहल्ला एवं गोपाल मंदिर तरफ नहीं जा सकेंगे।
  • चार पहिया वाहन दौलतगंज चौराहे से कोट मोहल्ला तरफ, तेलीवाड़ा चौराहे से दानीगेट तरफ, कार्तिक चौक से हरसिद्धी पाल तरफ नहीं जा सकेंगे।

व्ही.आई.पी. मार्ग (समस्त प्रोटोकॉल)-

  • व्ही.आई.पी. / प्रोटोकॉल के वाहन तीन बत्ती चौराहा से चामुण्डा माता चौराहा, देवास गेट, गदापुलिया, हरिफाटक ट्री, बेगमबाग से सीमेंटेड मार्ग होकर भारत माता मंदिर पार्किंग में जा सकेगें।

इमरजेंसी प्लान-

  • यदि अंदर की सभी पार्किग भर जाती है तो इन्दौर, देवास की ओर से आने वाले वाहनों की इंजीनियरिंग कॉलेज मैदान में खड़ा कराया जायेगा। इंजीनियरिंग कॉलेज पार्किंग की पार्किंग भर जाने पर इन्दौर से आने वाले वाहनों की प्रशांतिधाम चौराहा के पास मैदान में पार्किंग कराया जायेगा

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